कवर्धा: छत्तीसगढ़ में अंडा इन दिनों बड़ा सियासी मुद्दा बना हुआ है. अंडे को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में उबाल है. कांग्रेस को छोड़ प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन में अंडा देने का विरोध कर रही हैं. इधर बैगा समुदाय ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है.
दरअसल, कांग्रेस सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को मध्याह्न भेजन में अंडा देने की योजना बनाई है. जिससे बच्चों को ज्यादा प्रोटीन मिल सके और बच्चे कुपोषण से लड़ने में सक्षम हों. इधर, मध्याह्न भोजन में अंडा देने का कबीर पंथ और जैन समाज के लोग विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनका समाज शाकाहारी है और अंडा मांसाहार की श्रेणी में आता है.
बैगा समुदाय ने किया समर्थन
कबीर पंथ और जैन समाज के विरोध के बाद अब छत्तीसगढ़ का बैगा समुदाय मध्याह्न भोजन में अंडा देने के समर्थन में आ गया है. छत्तीसगढ़ के वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग मध्याह्न भोजन में अंडे दिए जाने के समर्थन में प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर सरकार के योजना पर अपनी सहमति दी है.
कुपोषण दूर करने के लिए अंडा जरूरी
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए सरकार ने स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में पौष्टिक आहार के साथ अंडा देने का फैसला किया है और जो बच्चे अंडा नहीं खाते उनके लिए केला देने का प्रावधान है, लेकिन अब अंडा को लेकर कुछ समाज के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है.
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
हालांकि, अंडे के विरोध में सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग मध्याह्न भोजन में अंडा दिये जाने के समर्थन में खड़े हो गये हैं. सोमवार को कवर्धा जिले के वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और अंडा देने की योजना का समर्थन किया. उन्होंने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. बैगा समुदाय के लोगों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वनांचल में रहने वाले इस समुदाय के अधिकांश बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है. जिससे उनके बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं.