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बैगा समुदाय ने किया सरकार के फैसले का समर्थन, पूरे हफ्ते अंडा देने की मांग

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को मध्याह्न भेजन में अंडा देने की योजना बनाई है.जिससे बच्चों को ज्यादा प्रोटीन मिल सके और बच्चे कुपोषण से लड़ने में सक्षम हों, कबीर पंथ और जैन समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनका समाज शाकाहारी है और अंडा मांसाहार की श्रेणी में आता है.

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Published : Jul 16, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Jul 16, 2019, 1:05 PM IST

बैगा समाज के लोग

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में अंडा इन दिनों बड़ा सियासी मुद्दा बना हुआ है. अंडे को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में उबाल है. कांग्रेस को छोड़ प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन में अंडा देने का विरोध कर रही हैं. इधर बैगा समुदाय ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है.

बैगा समुदाय ने किया सरकार के फैसले का समर्थन

दरअसल, कांग्रेस सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को मध्याह्न भेजन में अंडा देने की योजना बनाई है. जिससे बच्चों को ज्यादा प्रोटीन मिल सके और बच्चे कुपोषण से लड़ने में सक्षम हों. इधर, मध्याह्न भोजन में अंडा देने का कबीर पंथ और जैन समाज के लोग विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनका समाज शाकाहारी है और अंडा मांसाहार की श्रेणी में आता है.

बैगा समुदाय ने किया समर्थन
कबीर पंथ और जैन समाज के विरोध के बाद अब छत्तीसगढ़ का बैगा समुदाय मध्याह्न भोजन में अंडा देने के समर्थन में आ गया है. छत्तीसगढ़ के वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग मध्याह्न भोजन में अंडे दिए जाने के समर्थन में प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर सरकार के योजना पर अपनी सहमति दी है.

कुपोषण दूर करने के लिए अंडा जरूरी
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए सरकार ने स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में पौष्टिक आहार के साथ अंडा देने का फैसला किया है और जो बच्चे अंडा नहीं खाते उनके लिए केला देने का प्रावधान है, लेकिन अब अंडा को लेकर कुछ समाज के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है.

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
हालांकि, अंडे के विरोध में सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग मध्याह्न भोजन में अंडा दिये जाने के समर्थन में खड़े हो गये हैं. सोमवार को कवर्धा जिले के वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और अंडा देने की योजना का समर्थन किया. उन्होंने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. बैगा समुदाय के लोगों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वनांचल में रहने वाले इस समुदाय के अधिकांश बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है. जिससे उनके बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं.

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में अंडा इन दिनों बड़ा सियासी मुद्दा बना हुआ है. अंडे को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में उबाल है. कांग्रेस को छोड़ प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन में अंडा देने का विरोध कर रही हैं. इधर बैगा समुदाय ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है.

बैगा समुदाय ने किया सरकार के फैसले का समर्थन

दरअसल, कांग्रेस सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को मध्याह्न भेजन में अंडा देने की योजना बनाई है. जिससे बच्चों को ज्यादा प्रोटीन मिल सके और बच्चे कुपोषण से लड़ने में सक्षम हों. इधर, मध्याह्न भोजन में अंडा देने का कबीर पंथ और जैन समाज के लोग विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनका समाज शाकाहारी है और अंडा मांसाहार की श्रेणी में आता है.

बैगा समुदाय ने किया समर्थन
कबीर पंथ और जैन समाज के विरोध के बाद अब छत्तीसगढ़ का बैगा समुदाय मध्याह्न भोजन में अंडा देने के समर्थन में आ गया है. छत्तीसगढ़ के वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग मध्याह्न भोजन में अंडे दिए जाने के समर्थन में प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर सरकार के योजना पर अपनी सहमति दी है.

कुपोषण दूर करने के लिए अंडा जरूरी
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए सरकार ने स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में पौष्टिक आहार के साथ अंडा देने का फैसला किया है और जो बच्चे अंडा नहीं खाते उनके लिए केला देने का प्रावधान है, लेकिन अब अंडा को लेकर कुछ समाज के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है.

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
हालांकि, अंडे के विरोध में सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग मध्याह्न भोजन में अंडा दिये जाने के समर्थन में खड़े हो गये हैं. सोमवार को कवर्धा जिले के वनांचल में रहने वाले बैगा समुदाय के लोग पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और अंडा देने की योजना का समर्थन किया. उन्होंने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. बैगा समुदाय के लोगों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वनांचल में रहने वाले इस समुदाय के अधिकांश बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है. जिससे उनके बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं.

Intro:कवर्धा- जिले के वनांचल मे निवास करने वाले विशेष पिछडी जनजाति बैगा समुदाय के लोग मध्यान भोजन मे अंडे दिये जाने के समर्थन मे प्रशासन को ज्ञापन सौप कर सरकार के योजना पर अपनी सहमति दे दी है।


Body:एंकर- मिडडेमील मे अंडे को लेकर छिडी बवाल थमने का नाम ही नही ले रहा है , एक तरफ जहा कबीरपंथी समाज के लोग अंडे का पुरजोर विरोध कर रहे है तो वही दूसरी ओर कवर्धा जिले के वनांचल मे निवास करने वाले विशेष पिछडी जनजाति बैगा समुदाय के लोग मध्यान्ह भोजन मे अंडे दिये जाने को लेकर समर्थन कर रहे है और इसके लिए बैगा समाज के सौकड़ों लोग आज जिला मुख्यालय पहुचंकर राष्ट्रपति के नाम प्रशासन
को ज्ञापन सौपकर सरकार के योजना पर अपना समर्थन दिया ।

कुपोषण को दुर करने सरकार ने नौनिहाल स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत पौष्टिक आहार अंडे देने का फैसला किया और जो बच्चे अंडा का अहार नही लेते उन्हें केला देने का प्रवधान दिया है, लेकिन अब अंडा को लेकर कुछ समाज ने इसका विरोध करना सुरू कर दिया है कवर्धा जिले के दूरस्त पहाडी क्षेत्रों मे विषेश पिछडी जनजाति बैगा समुदाय के लोग निवास करते है उनकी आर्थिक स्तिथि वैसे भी कमजोर होने के कारण शासन की योजनाओं से ही उनकी अति अवश्यक जरूरते पूर्ती होती है। हाल मे ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनके बच्चों के मध्यान्ह भोजन मे अंडे देने की योजना की सुरुवात की गई । इस योजना के खिलाफ एक दो संगठनों ने विरोध करना सुरु कर दिया और सप्ताह भर पहले कवर्धा जिला प्रशासन को मध्यान्ह भोजन मे अंडा देने का विरोध कर शासन के इस योजना पर सवाल उठाया था और मध्यान्ह भोजन मे अंडा नही देने की मांग की थी।




Conclusion:अंडे के विरोध मे शासन प्रशासन भी अभी कोई निर्णय पर भी नही पहुंची है लेकिन वनांचल क्षेत्र मे रहने वाले बैगा समुदाय के लोगों द्वारा मध्यान्ह भोजन मे अंडे दिया जाने के समर्थन मे खडे हो गये है । सोमवार को कवर्धा जिले के दूरस्त वनांचल मे रहने वाले बैगा समुदाय के लोग पूरे परिवार सहित कलेक्टरेड पहुंच कर शासन के द्वारा मध्यान्ह भोजन मे बच्चों को अंडे दिये जाने योजना का समर्थन करते हूए उसे बंद नही किये जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौपा गया , बैगा समुदाय के लोगों का मानना है कि आर्थिक रुप से कमजोर वनांचल मे रहने वाले इस समुदाय के अधिकांश बच्चों को पोष्टिक आहार नही मिल पाने के कारण अधिकांश बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहा है ऐसै मे इन बच्चों को पोष्टिक आहार के रूप मे अंडे का सेवन अत्यंत आवश्यक होने की बाते कह रहे है। इसलिए उनके समुदाय के बच्चों को भोजन मे अंडे परोसे जाने की मांग किया है।


बच्चों को मध्यान्ह भोजन मे अंडे परोसे जाने का समर्थन के ज्ञापन को प्रशासन ने स्वीकार कर उच्च कार्यालय को अवगत कराने की बात कह रही है ।
ऐसे मे अब देखना होगा कि अंडे पर मची बवाल कब तक चलती है , और शासन अंडे को लेकर क्या निर्णय करती है।

बाईट01 कामू बैगा, जिलाअध्यक्ष बैगा समाज कवर्धा
बाईट02 भारत बैगा, युवा बैगा
बाईट03व्हीएन चन्द्रवंशी, डिप्टी कलेक्टर कवर्धा
Last Updated : Jul 16, 2019, 1:05 PM IST
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