कवर्धा: एक ओर सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई मुहिम चला जा रही है तो वहीं दूसरी ओर शिक्षा देने वाले गुरुजी ही स्कूल से नदारद रहे, तो फिर क्या कहेंगे.
दरअसल, ब्लॉक मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बसे बमईपुर, जो पंडरिया क्षेत्र का अंतिम गांव है, जहां पर दो ही शिक्षक हैं, जिनके भरोसे 32 बच्चों की जिम्मेदारी है. दूसरी ओर इन दोनों में से भी एक शिक्षक स्कूल से नदारद दिखे. शिक्षक के नहीं होने पर बच्चे इधर-उधर खेलते हुए देखे गए. शिक्षक की मनमानी से बच्चों का भविष्य खतरे में है.
बच्चों का कहना है की शिक्षक मुकेश कुमार चन्द्राकर जो लगातार अनुपस्थिति रहते हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने भी बताया की इसकी शिकायत उन्होंने कई बार की है. बावजूद इसके इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सोचने वाली बात यह है कि देश का भविष्य संवारने वाले शिक्षक ही अपने कर्तव्य से भागते लगे फिर बच्चों का क्या होगा.
पढ़े: धान तस्करों ने निकाला नया तरीका, प्रशासन के छूट रहे पसीने
मामले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि ETV भारत से जानकारी मिली है, जिस पर टीम गठित की जाएगी. शिक्षक के अनुपस्थित होन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. साथ वेतन भी रोका जाएगा.