कवर्धा: पंडरिया थाना क्षेत्र में चना खरीदी के नाम पर साढ़े पांच लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है. वह पिछले दो साल से पुलिस को चकमा देने के साथ ही शिक्षा विभाग अंधेरे में रखकर नौकरी कर रहा था. फिलहाल पुलिस आरोपी की तालाश में जुटी हुई है.
मामला पंडरिया थाना क्षेत्र का है, जहां के आरोपी शिक्षक सत्येन्द्रनाथ की करतूतों के बारे में शिक्षा विभाग को कुछ भी नहीं पता है. विभागीय लापरवाही से आरोपी शिक्षक, उसकी पत्नी और उसकी बहन की पदस्थापना एक साथ प्राथमिक स्कूल केशलीगोड़ान में हो गई है. आरोपी की बहन स्कूल में प्रधान पाठिका है, जिससे वह शिक्षा विभाग को धोखा देने के साथ ही पुलिस को चकमा दे रहा है. फरार होने के चलते वह नियमित स्कूल नहीं जाता है, लेकिन रजिस्टर में फर्जी तरीके से उसकी रोज हाजिरी लग रही है.
साढ़े पांच लाख रुपए की धोखाधड़ी की
बता दें कि जून 2013 में आरोपी शिक्षक सत्येन्द्र नाथ प्रताप सिंह चांदसे, उसके पिता कोमल चांदसे और छोटे भाई विजेन्द्रनाथ ने चना खरीदी के नाम पर तीन लोगों से साढ़े पांच लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी. केशलीगोड़ान गांव के निवासी हुकूम सिंह से 34 हजार 200 रुपए, किशुनगढ़ निवासी खोरबहरा बंजारे से 2.92 लाख रुपए, कड़मा निवासी रामाधार लहरे से 1.91 लाख रुपए का चना खरीदा था, जिसकी रसीद पीड़ितों के पास मौजूद है, लेकिन आरोपियों ने इन्हें धोखा दिया और भुगतान ही नहीं किया.
पुलिस के पकड़ में नहीं आया आरोपी
इस मामले को लेकर पंडरिया थाने में 6 मार्च 2017 को तीनों के खिलाफ दो साल मामला दर्ज कराया गया, जिसके बाद से तीनों फरार चल रहे थे. पुलिस ने 27 सितंबर 2019 को आरोपी विजेन्द्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, बाकि के दो आरोपी सत्येन्द्रनाथ और उसका पिता कोमल अभी भी फरार है. आरोपी सत्येन्द्रनाथ को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई बार उसके स्कूल में दबिश दी, लेकिन वह पुलिस के पकड़ में नहीं आया.
शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही
इस मामले में स्कूल की प्रधान पाठिका जो कि आरोपी शिक्षक की बहन है उन्होंने मीडिया को यह बताया है कि आरोपी शिक्षक अर्जित अवकाश पर है. वहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है और फिलहाल आरोपी शिक्षक का वेतन काटने की बात कही है.