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जशपुर में कुक्कुट पालन कर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं

जशपुर के गौठान में स्व-सहायता समूहों की महिलाएं कुक्कुट पालन कर रहीं हैं. उन्हें पशुपालन विभाग ने 10 इकाई बैकयार्ड कुक्कुट दिया है. चूजा 3 माह में 1 किलोग्राम से 1.5 किलोग्राम वजन का हो जाता है. महिलाएं कुक्कुट पालन कर 8 हजार से 10 दस हजार तक आर्थिक लाभ अर्जित कर सकती हैं.

Women are earning money by growing poultry
कुक्कुट पालन कर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं
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Published : May 23, 2021, 10:57 PM IST

जशपुर: गौठान में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है. उन्हें आजीविका से निरंतर जोड़ा जा रहा है. समूह की महिलाएं खाद बनाने के साथ ही बकरी पालन, गाय पालन और मुर्गी पालन कर रही हैं. जिला प्रशासन के सार्थक प्रयास से स्व सहायता समूह की महिलाएं आगे बढ़ रही हैं.

Women are earning money by growing poultry
कुक्कुट पालन कर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं

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समूह को 10 इकाई बैकयार्ड कुक्कुट चूजे उपलब्ध कराए गए

पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉक्टर जीएसएस तंवर ने बताया कि पशुपालन विभाग ने बैकयार्ड कुक्कुट इकाई का वितरण किया है. जिले के फरसाबहार विकासखंड के आदर्श गौठान बोकी में शान्ति स्व सहायता समूह के 10 महिलाओं को 10 इकाई बैकयार्ड कुक्कुट दिया गया है. प्रत्येक इकाई की लागत 3000 है. जिसमें 2700 विभागीय अनुदान औक 300 हितग्राही अंशदान के रूप में होता है. प्रत्येक इकाई में 1 महीने में 45 चूजे और 10 किलोग्राम दाना और आवश्यक दवाई दिया जाता है.

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10 हजार तक का आर्थिक लाभ

डॉक्टर जीएसएस तंवर ने बताया कि समूह की महिलाएं 3 महीने कुक्कुट पालन कर 8 हजार से 10 दस हजार तक आर्थिक लाभ अर्जित कर सकती हैं. समूह में 10 महिलाएं काम करती हैं. समूह की अध्यक्ष झरोखा ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से पशुपालन विभाग ने शान्ति समूह को चूजे उपलब्ध कराए हैं. जिसे पालन कर समूह की महिलाएं मुर्गी पालन से आर्थिक आमदनी अर्जित कर रही हैं.

जशपुर: गौठान में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है. उन्हें आजीविका से निरंतर जोड़ा जा रहा है. समूह की महिलाएं खाद बनाने के साथ ही बकरी पालन, गाय पालन और मुर्गी पालन कर रही हैं. जिला प्रशासन के सार्थक प्रयास से स्व सहायता समूह की महिलाएं आगे बढ़ रही हैं.

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पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉक्टर जीएसएस तंवर ने बताया कि पशुपालन विभाग ने बैकयार्ड कुक्कुट इकाई का वितरण किया है. जिले के फरसाबहार विकासखंड के आदर्श गौठान बोकी में शान्ति स्व सहायता समूह के 10 महिलाओं को 10 इकाई बैकयार्ड कुक्कुट दिया गया है. प्रत्येक इकाई की लागत 3000 है. जिसमें 2700 विभागीय अनुदान औक 300 हितग्राही अंशदान के रूप में होता है. प्रत्येक इकाई में 1 महीने में 45 चूजे और 10 किलोग्राम दाना और आवश्यक दवाई दिया जाता है.

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10 हजार तक का आर्थिक लाभ

डॉक्टर जीएसएस तंवर ने बताया कि समूह की महिलाएं 3 महीने कुक्कुट पालन कर 8 हजार से 10 दस हजार तक आर्थिक लाभ अर्जित कर सकती हैं. समूह में 10 महिलाएं काम करती हैं. समूह की अध्यक्ष झरोखा ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से पशुपालन विभाग ने शान्ति समूह को चूजे उपलब्ध कराए हैं. जिसे पालन कर समूह की महिलाएं मुर्गी पालन से आर्थिक आमदनी अर्जित कर रही हैं.

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