जशपुर: जिले के तीनों विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के दिन वोटिंग होनी है. यहां बीजेपी-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में लग चुकी है. जिले के 3 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए कुल 36 नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं. इस बीच ईटीवी भारत की टीम जिले के वोटरों के बीच पहुंची. 17 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर ईटीवी भारत ने क्षेत्र की जनता से बीते 5 सालों में क्षेत्र में हुए विकास और अधूरे कामों को लेकर चर्चा की.
आने वाले जनप्रतिनिधि से रोजगार की उम्मीद: बातचीत के दौरान एक युवा वोटर आशीष मिश्रा ने कहा कि, "जो युवा वर्ग हैं, वह रोजगार को लेकर काफी चिंतित है. यहां के युवा मतदान भी रोजगार को देखते हुए ही करेंगे. जशपुर जिला सुदूर वनांचल क्षेत्र में आता है. आज भी यहां विकास संबंधित कई काम होने बाकी हैं. पिछली सरकार के जाने के बाद सरकार आई तो लोगों को उम्मीद थी कि विकास के कई और काम होंगे, जो नहीं हो पाए हैं. यहां के युवा क्षेत्र का विकास करने वाले लीडरों को चुनेंगे. स्वास्थ्य को लेकर हमारे क्षेत्र में काफी विकास हुआ है. लेकिन आज भी दूसरे राज्यों पर स्वास्थ्य विभाग को लेकर हम निर्भर हैं. आज भी हमें झारखंड की राजधानी रांची इलाज के लिए जाना पड़ता है."
कई क्षेत्रों में विकास कार्य अधूरा: इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्र के रहने वाले वरिष्ठ नागरिक गोरी शंकर शुक्ला ने कहा कि, "झारखंड की सीमा से लगे होने के कारण सकरडेगा क्षेत्र में आज भी विकास के काम नही हो पाए हैं. आज भी हमारे गांव में सीसी सड़क नहीं है. नल, जल योजना लागू नहीं हुई है. सरकार आकर चली जाती है, पर यहां का काम अधूरा रह जाता है. आज भी कई ऐसे विकास कार्य हैं, जो नहीं हो पाए हैं. स्कूल तो गांव में बने हैं लेकिन उन स्कूलों में शिक्षक किस तरह से बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं, इस पर ध्यान नहीं दिया जा जाता है. यहां आंगनवाड़ी सही से चल रहे हैं या नहीं, इस पर भी किसी का ध्यान नहीं है. विकास के कार्यों में जो काम किए जाते हैं, वह भी गुणवत्ता युक्त नहीं होते हैं."
शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है बेहतर काम: वहीं, एक अन्य वोटर रविन्द्र थवाईत ने कहा कि, "विधानसभा चुनाव में क्षेत्र का विकास अहम मुद्दा है. बीते पांच सालों में जिले की तीनों विधानसभाओं में हुए विकास कार्यों में, क्षेत्र में पर्यटन को लेकर कुछ काम हुए हैं. क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर भी काफी बातें होती आई है. क्षेत्र की सड़कों की हालत बहुत ही खराब है. चाहे जशपुर से लेकर पत्थलगांव नेशनल हाईवे-43 की बात करें, या जिले में अन्य स्टेट हाईवे की बात करें. दोनों की स्थिति काफी खराब है. लोग बीते 5 साल से अधिक समय से इन सड़कों को लेकर समस्याओं से जूझ रहे हैं. इससे वर्तमान सरकार से लोगों की नाराजगी है. आने वाली सरकार से इस दिशा में और बेहतर काम करने की उम्मीद लोगों को है. स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है. इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छे काम देखने को मिले हैं. जिले में खुले आत्मानंद स्कूलों ने छत्तीसगढ़ में अपनी अलग पहचान बनाई है. इनके साथ ही कृषि महाविद्यालय, उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना जिले में हुई है. इस बार के बोर्ड की परीक्षा में छत्तीसगढ़ में टॉप 10 में 5 बच्चे जशपुर जिले से ही हैं."
ऐसे में साफ है कि क्षेत्र में युवा वर्ग रोजगार को लेकर मत देने के फेवर में हैं. वरिष्ठ नागरिक सीमावर्ती क्षेत्र में कम विकास को लेकर मतदान करने की बात कर रहे हैं. वहीं, बुद्धिजीवियों का कहना है कि बीते 5 सालों में सरकार ने पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में जिले में बेहतर काम किया है, जिसे और भी अच्छे तरीके से सुधारने की आवश्यकता है.