जशपुर: छत्तीसगढ़ में रविवार को नए सीएम की घोषणा हो चुकी है. आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को सीएम बनाने का ऐलान कर दिया गया है. इसके बाद पूरे छत्तीसगढ़ में जश्न का माहौल है. वहीं, जशपुर जिला पूरी तरह से जश्न में डूबा हुआ है. वहीं, नए सीएम के परिवार में भी खुशी का ठिकाना नहीं है. परिवार के लोग भी काफी खुश हैं. मोहल्ले में पटाखे जलाए जा रहे हैं. साथ ही सभी खुशी में एक दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आ रहे हैं.
आदिवासी समाज को विकास की आस: दरअसल, रविवार को बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है. विष्णु देव साय राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. विष्णु देव साय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में स्टील राज्य मंत्री रह चुके हैं. साल 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं. साल 2014 से 2019 तक रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद रहे हैं. आदिवासी नेता होने के कारण छत्तीसगढ़ के आदिवासियों में आस जगी है कि अब उनके क्षेत्र में आदिवासी वर्ग का विकास होगा.
रविवार की बैठक में लिया गया फैसला: मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान विधायक दल का नेता चुनने के लिए हुई बैठक में किया गया. इसमें चुनाव जीतकर आए पार्टी के 54 विधायक शामिल हुए थे. इनमें पार्टी के पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सर्वानंद सोनिवाल और भाजपा महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम भी शामिल थे. बीजेपी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सह प्रभारी नितिन नवीन ने भी बैठक में हिस्सा लिया था.
आदिवासियों में खुशी की लहर: इधर, सीएम नाम के घोषणा के बाद विष्णदेव साय के गृह ग्राम बगिया सहित पूरे जिले में जश्न का माहौल है. बगिया में साय के परिजनों ने आतिशबाजी कर एक दूसरे का मुंह मीठा करवाया. इसके साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जशपुर में जश्न मनाया ओर आतिशबाजी की. अधिकतर समर्थकों में इस बात की खुशी है कि आदिवासी नेता को सीएम पद मिला है.
क्या कहते हैं परिजन: ईटीवी भारत रविवार को जशपुर जिले के बगिया गांव में विष्णुदेव साय की जीत के बाद पहुंचा. यहां पूरे गांव में जश्न का माहौल था. साय की माता जी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि, "बहुत खुश हैं. बेटा मुख्यमंत्री बन रहा है. उनका बेटा राज्य के साथ देश की सेवा करे हर किसी की समस्या का निदान करें मैं यही चाहती हूं." वहीं, साय के छोटे भाई ने कहा कि, "घर के बड़े बेटे होने कारण जिम्मेदारियों की वजह से उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. घर परिवार को देखने लगे. कई पदों पर उन्होंने काम किया है. सीएम बने हैं. अच्छा लग रहा है." वहीं, क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने भी खुशी जाहिर की है.
विष्णुदेव साय का राजनीतिक सफर: बता दें कि जशपुर जिले के बगिया गांव में विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को हुआ था. गांव में पढ़ने के बाद छठवीं से 11 वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में 1981 तक पढ़ाई की. इसके बाद चार भाइयो में सबसे बड़े विष्णुदेव पारिवारिक तंगी के कारण आगे नहीं पढ़ पाए. साल 1989 में उन्होंने अपनी राजनीति कैरियर की शुरुआत की. साल 1989 में पहली बार उन्होंने ग्राम पंचायत में वार्ड पंच बने. फिर 1990 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए. सरपंच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से 1990 से 1998 तक भाजपा प्रत्याशी बनाया गया. पहली बार 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक बनकर विधानसभा का सफर तय किया. इसके बाद 27 मई 1999 में सांसद का चुनाव निर्वाचित होकर 2014 तक सांसद रहे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट में उन्हें 2014 से 2019 तक कैबिनेट केन्द्रीय राज्यमंत्री के रूप में इस्पात खनन और श्रम रोजगार विभाग मंत्रालय में मंत्री रहे. साल 2020 से 2022 तक प्रदेश अध्यक्ष की पद पर रहे. वहीं, साल 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में रहे. फिलहाल सीएम पद पर साय को नियुक्त किया गया है.