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सरकार के दावों की खुली पोल, खाट पर लादकर मरीज को अस्पताल पहुंचा रहे ग्रामीण

फरसाबहार मुख्यालय के कापूकोना बस्ती में सड़क के आभाव में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण किसी भी बीमार व्यक्ति को खाट के सहारे अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं.

Lack of road in jashpur
मरीज को खाट पर ले जाने को मजबूर ग्रामीण
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Published : Jul 28, 2020, 5:10 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 8:29 PM IST

जशपुर: फरसाबहार मुख्यालय की कापूकोना बस्ती आज भी मूलभूत सुविधाओं और विकास से कोसों दूर है. तहसील और जनपद पंचायत कार्यालय से मात्र 3 से 4 किलोमीटर पर बसी फरसाबहार ग्राम पंचायत का एक वार्ड जो बरसात के दिनों में पहुंच विहीन हो जाता है. बरसात के दिनों में इस बस्ती से अगर किसी गंभीर बीमार व्यक्ति, प्राकृतिक आपदा से पीड़ित या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना हो तो, इस बस्ती तक कोई वाहन या एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती. ऐसे में गांव के लोग खटिया का सहारा लेते हैं. मरीज को खटिया पर लिटाकर 3 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर फरसाबहार पहुंचते हैं.

मरीज को खाट पर ले जाने को मजबूर ग्रामीण

कभी-कभी तो सड़क तक लाते-लाते पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है. ग्रमीणों ने बताया कि कई नेताओं को कई बार कापूकोना बस्ती पहुंच मार्ग के लिए लिखित आवेदन भी दिया गया है. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि कापूकोना बस्ती के लोगों की सड़क निर्माण की मांग बहुत पुरानी है. कई बड़े नेताओं को इस मांग को लेकर आवेदन दिया जा चुका है. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. बस्ती तक पहुंचने के मार्ग में जिनका खेत है वे लोग सड़क बनाने के लिए अपनी जमीन नहीं दे रहे हैं.

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रास्ते के बीच आ रही जमीन

समाजसेवी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि यह सरकार की विफलता है जो आज के समय में लोगों को बीमार व्यक्ति को खाट पर उठाकर लाना पड़ रहा है. वो भी जब सरकार सड़कों का जाल बिछाने के दावे कर रही है. वहीं लोकसभा क्षेत्र की सांसद गोमती साय ने कहा कि फरसाबहार पंचायत के आश्रित गांव कापूकोना में पहुंचने वाले सड़क पर बीच में किसी व्यक्ति की निजी जमीन आ गई है. इसलिए वो सड़क नहीं बन पाई है. उन्होंने जल्दी ही सड़क बनवाने की बात कही है.

जशपुर: फरसाबहार मुख्यालय की कापूकोना बस्ती आज भी मूलभूत सुविधाओं और विकास से कोसों दूर है. तहसील और जनपद पंचायत कार्यालय से मात्र 3 से 4 किलोमीटर पर बसी फरसाबहार ग्राम पंचायत का एक वार्ड जो बरसात के दिनों में पहुंच विहीन हो जाता है. बरसात के दिनों में इस बस्ती से अगर किसी गंभीर बीमार व्यक्ति, प्राकृतिक आपदा से पीड़ित या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना हो तो, इस बस्ती तक कोई वाहन या एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती. ऐसे में गांव के लोग खटिया का सहारा लेते हैं. मरीज को खटिया पर लिटाकर 3 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर फरसाबहार पहुंचते हैं.

मरीज को खाट पर ले जाने को मजबूर ग्रामीण

कभी-कभी तो सड़क तक लाते-लाते पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है. ग्रमीणों ने बताया कि कई नेताओं को कई बार कापूकोना बस्ती पहुंच मार्ग के लिए लिखित आवेदन भी दिया गया है. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि कापूकोना बस्ती के लोगों की सड़क निर्माण की मांग बहुत पुरानी है. कई बड़े नेताओं को इस मांग को लेकर आवेदन दिया जा चुका है. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. बस्ती तक पहुंचने के मार्ग में जिनका खेत है वे लोग सड़क बनाने के लिए अपनी जमीन नहीं दे रहे हैं.

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रास्ते के बीच आ रही जमीन

समाजसेवी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि यह सरकार की विफलता है जो आज के समय में लोगों को बीमार व्यक्ति को खाट पर उठाकर लाना पड़ रहा है. वो भी जब सरकार सड़कों का जाल बिछाने के दावे कर रही है. वहीं लोकसभा क्षेत्र की सांसद गोमती साय ने कहा कि फरसाबहार पंचायत के आश्रित गांव कापूकोना में पहुंचने वाले सड़क पर बीच में किसी व्यक्ति की निजी जमीन आ गई है. इसलिए वो सड़क नहीं बन पाई है. उन्होंने जल्दी ही सड़क बनवाने की बात कही है.

Last Updated : Jul 28, 2020, 8:29 PM IST
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