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मां की खोज उसे मौत तक ले गई, भूख से तड़पकर इस तरह हुआ मासूम अर्पित का अंत - बच्चे की मौत

ढाई साल का मासूम अर्पित अंजाने में मां को खोजता हुआ हजारों फीट की पहाड़ की उंचाई पर जा पहुंचा. यहां रास्ता भटक जाने से वह 6 दिनों तक भूख प्यास से तड़पता रहा और दम तोड़ दिया.

फाइल फोटो
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Published : Aug 4, 2019, 1:26 PM IST

Updated : Aug 4, 2019, 3:35 PM IST

जशपुरः मां की खोज उसे मौत तक ले आई. खेत में काम कर रही मां को खोजने निकले मासूम अर्पित को मां की नहीं बल्कि मौत की गोद नसीब हुई. जंगल और पहाड़ पर भटकते हुए भूख-प्यास से तड़पकर मासूम ने दम तोड़ दिया. अर्पित की ये कहानी आप की भी आंखों को नम कर देगी.

ख से तड़पकर इस तरह हुआ मासूम अर्पित का अंत
ढाई साल का मासूम अर्पित अंजाने में मां को खोजता हुआ हजारों फीट की पहाड़ की उंचाई पर जा पहुंचा. यहां रास्ता भटक जाने से वह 6 दिनों तक भूख प्यास से तड़पता रहा और दम तोड़ दिया.

मां को खोजने गया था अर्पित
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिटोंगा के आश्रित ग्राम चेंगोटोली में ढाई साल के अर्पित की मां खेत में काम करने गई थी. मासूम ने घर पर मां को नहीं देखा तो वह छाता लेकर मां को खोजने निकल पड़ा. बीते सोमवार की शाम तकरीबन 4 बजे वह घर से निकला फिर लौट कर नहीं आया.
अर्पित की मां पुनिता बाई ने पड़ोसियों की मदद से उसे खोजने का प्रयास किया. लेकिन मंगलवार की दोपहर तक पता न चलने पर उसने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी थी. कोतवाली थाना पुलिस सिटोंगा गांव में पांच दिन तक डेरा डाल कर ग्रामीणों के सहयोग से सर्च ऑपरेशन चलाती रही.

जंगल में मिला शव
3 अगस्त को कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि नजदीक के गांव काईकछार में एक वृद्व को अर्पित का छाता मिला है. सूचना पर तत्काल काईकछार पहुंच कर पुलिस की टीम ने वृद्व से पूछताछ की. वह पुलिस की टीम को पास के झझर जंगल के सबसे ऊंची चोटी पर ले गया. यहां जिस स्थान पर वृद्व ग्रामीण को छाता मिला था, उसके आसपास सर्च करने पर पुलिस को अर्पित का चप्पल और उसके कपड़े मिल गए. इससे अनहोनी की आशंका को देखते हुए सिटोंगा और काईकछार के ग्रामीणों के साथ मिल कर जंगल को खंगालना शुरू किया. तकरीबन आधे दिन की मशक्कत के बाद ही अर्पित का शव उसके कपड़ों से कुछ ही दूरी पर बरामद हुआ.

भूख-प्यास से हुई मौत
मामले में प्रारंभिक अनुमान लगाया जा रहा है कि भटक कर जंगल के रास्ते में पहुंचने के बाद अर्पित जंगल से वापस नहीं लौट पाया और भूख प्यास से बेहाल होकर उसकी मौत हो गई होगी.
टीआई लक्ष्मण सिंह धुर्वे ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही अर्पित के मौत का वास्तविक कारण पता चल पाएगा. इसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मासूम अर्पित का ये अंत मार्मिक है जो दिल को झकझोर देता है.

जशपुरः मां की खोज उसे मौत तक ले आई. खेत में काम कर रही मां को खोजने निकले मासूम अर्पित को मां की नहीं बल्कि मौत की गोद नसीब हुई. जंगल और पहाड़ पर भटकते हुए भूख-प्यास से तड़पकर मासूम ने दम तोड़ दिया. अर्पित की ये कहानी आप की भी आंखों को नम कर देगी.

ख से तड़पकर इस तरह हुआ मासूम अर्पित का अंत
ढाई साल का मासूम अर्पित अंजाने में मां को खोजता हुआ हजारों फीट की पहाड़ की उंचाई पर जा पहुंचा. यहां रास्ता भटक जाने से वह 6 दिनों तक भूख प्यास से तड़पता रहा और दम तोड़ दिया.

मां को खोजने गया था अर्पित
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिटोंगा के आश्रित ग्राम चेंगोटोली में ढाई साल के अर्पित की मां खेत में काम करने गई थी. मासूम ने घर पर मां को नहीं देखा तो वह छाता लेकर मां को खोजने निकल पड़ा. बीते सोमवार की शाम तकरीबन 4 बजे वह घर से निकला फिर लौट कर नहीं आया.
अर्पित की मां पुनिता बाई ने पड़ोसियों की मदद से उसे खोजने का प्रयास किया. लेकिन मंगलवार की दोपहर तक पता न चलने पर उसने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी थी. कोतवाली थाना पुलिस सिटोंगा गांव में पांच दिन तक डेरा डाल कर ग्रामीणों के सहयोग से सर्च ऑपरेशन चलाती रही.

जंगल में मिला शव
3 अगस्त को कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि नजदीक के गांव काईकछार में एक वृद्व को अर्पित का छाता मिला है. सूचना पर तत्काल काईकछार पहुंच कर पुलिस की टीम ने वृद्व से पूछताछ की. वह पुलिस की टीम को पास के झझर जंगल के सबसे ऊंची चोटी पर ले गया. यहां जिस स्थान पर वृद्व ग्रामीण को छाता मिला था, उसके आसपास सर्च करने पर पुलिस को अर्पित का चप्पल और उसके कपड़े मिल गए. इससे अनहोनी की आशंका को देखते हुए सिटोंगा और काईकछार के ग्रामीणों के साथ मिल कर जंगल को खंगालना शुरू किया. तकरीबन आधे दिन की मशक्कत के बाद ही अर्पित का शव उसके कपड़ों से कुछ ही दूरी पर बरामद हुआ.

भूख-प्यास से हुई मौत
मामले में प्रारंभिक अनुमान लगाया जा रहा है कि भटक कर जंगल के रास्ते में पहुंचने के बाद अर्पित जंगल से वापस नहीं लौट पाया और भूख प्यास से बेहाल होकर उसकी मौत हो गई होगी.
टीआई लक्ष्मण सिंह धुर्वे ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही अर्पित के मौत का वास्तविक कारण पता चल पाएगा. इसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मासूम अर्पित का ये अंत मार्मिक है जो दिल को झकझोर देता है.

Intro:भटक कर हजारो फिट की पहाड़ की चोटी में पहुंचे अर्पित की भूख प्यास से मौत।
ढाई साल की मासूम की करूणांत से झलक पड़ी आंखों से आंसू।
मां को खोजने खेत जाने के लिए निकला था बालक।

जशपुर जिले में मानवीय संवेदना को झकझोर कर देने वाला मार्मिक मामला सामने आया है, जिसने पूरे जिले को झकझोर को रख दिया, ढाई साल का मासूम अर्पित,अंजाने में मां को खोजता हुआ हजारो पिट की पहाड़ की उंचाई में जा पहुंचा। यहां रास्ता भटक जाने से वह 6 दिनों तक भूख प्यास से तड़प कर मौत की गोद में समा गया। जिसने भी मासूम अर्पित का यह दिल दहला देने वाला करूणांत देखा,उसकी आंखे बरस पड़ी।


Body:यह पूरा वाक्या कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिटोंगा के आश्रित ग्राम चेंगोटोली का है इस मामले की जानकारी देते हुवे थाना प्रभारी लक्ष्मण प्रसाद धुर्वे ने बताया कि ढाई साल के अर्पित ग्राम सिटोंगा के आश्रित ग्राम चेंगोंटोली का रहने वाला था। बस्ती के बाहर पास एक खेत में रोपा रोपने गई,अपनी मां की खोज में मासूम सोमवार की शाम तकरीबन 4 बजे हाथ में छाता लेकर निकला था,फिर लौट कर नहीं आया। अर्पित की मां पुनिता बाई ने पड़ोसियों की मदद से उसे खोजने का प्रयास किया,लेकिन मंगलवार की दोपहर तक पता ना चलने पर उसने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी थी। सूचना पर गुम इंसान कायम करने के बाद कोतवाली प्रभारी धुर्वे अपनी पूरी टीम के साथ सिटोंगा में पांच दिन तक डेरा डाल कर ग्रामीणों के सहयोग से सर्च आपरेशन चलाते रहे। पुलिस ने अर्पित को खोजने के लिए गांव के आसपास के सारे खेत,जंगल और परिचीतों के घर खंगार डाले लेकिन अर्पित का पता नहीं चल पाया। शनिवार को कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि नजदीक के गांव काईकछार में एक वृद्व ग्रामीण को अर्पित का छाता मिला है। सूचना पर तत्काल काईकछार पहुंच कर पुलिस की टीम ने वृद्व से पूछताछ की। वृद्व,पुलिस की टीम को यहां के नजदीक स्थित झझर जंगल के सबसे उंचे चोटी पर ले गया। यहां जिस स्थान पर वृद्व ग्रामीण को छाता मिला था,उसके आसपास सर्च करने पर पुलिस को अर्पित का चप्पल और उसके कपड़े मिल गए। इससे अनहोनी की आशंका को देखते हुए सिटोंगा और काईकछार के ग्रामीणें के साथ मिल कर जंगल को खंगालना शुरू किया। तकरीबन आधे दिन की मशक्कत के बाद ही अर्पित का शव उसके कपड़े के कुछ ही दूरी पर बरामद हो गया। मासूम अर्पित का शव जिसने भी देखा,उसके आंखे नम हो गई।

Conclusion:मामले में प्रारंभिक अनुमान लगाया जा रहा है कि भटक कर जंगल के रास्ते में पहुंचने के बाद अर्पित जंगल से वापस नहीं लौट पाया और भूख प्यास से बेहाल हो कर बेहोशी की हालत में उसकी मौत हो गई होगी। मामले में मर्ग कायम कर कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेजा है। टीआई लक्ष्मण सिंह धुर्वे ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही अर्पित के मौत का वास्तवीक कारण पता चल पाएगा। इसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बाइट बेगा परिजन
बाइट 2 मृतक के मामा
बाइट 3 लक्ष्मण राम धुर्वे कोतवाली प्रभारी

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर

नोट खबर एक्सलूसिव कवर की गई है।
Last Updated : Aug 4, 2019, 3:35 PM IST
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