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जशपुर जेल से बिलासपुर भेजी जा रही चावल की बोरियां !, जांच में जुटा प्रशासन

जशपुर जेल में सरकारी चावल के हेराफेरी की आशंका जताई जा रही है. जशपुर जेल से बिलासपुर जा रहे चावल की बोरियों से लदे ट्रक को चावल सहित जब्त कर लिया गया है.

government rice rigging
सरकारी चावल की हेराफेरी
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Published : May 5, 2022, 11:27 PM IST

जशपुर: जशपुर जिला जेल से बिलासपुर जा रहे चावल की बोरियों से लदे ट्रक को जांच के लिए जिला प्रशासन ने जब्त कर (Rice bags going from Jashpur jail to Bilaspur ) लिया है. बताया जा रहा है कि जेल में बंदियों को दिए जाने वाले भोजन में आपूर्ति किए जाने वाले सरकारी चावल की हेरा-फेरी की जा रही है. हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. कलेक्टर रितेश अग्रवाल के निर्देश पर एसडीएम जशपुर बी भगत और खाद्य विभाग की टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है.

चावल की बोरियां

खाद्य विभाग की टीम मामले की जानकारी लेने पहुंची: एसडीएम बी.आर भगत की मानें तो बुधवार को जिला प्रशासन को सूचना मिली कि जिला जेल के परिसर में खड़े एक ट्रक में जेल के चावल को संदिग्ध रूप से लोड किया जा रहा है. सूचना पर कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने संयुक्त कलेक्टर सचिव भूतड़ा, एसडीएम जशपुर बीआर भगत और खाद्य विभाग की टीम को जांच के लिए निर्देशित किया. खाद्य विभाग की टीम मामले की जानकारी लेने के लिए जेल परिसर पहुंची. तब तक ट्रक जेल परिसर से निकल करपास में स्थित भगवान शिव के मंदिर के पास पहुंच चुका था.

जांच होने तक ट्रक और चावल जब्त: जब अधिकारियों ने ट्रक की जांच की तो इसमें प्लास्टिक की बोरियों में भरे चावल पाए गए. कार्रवाई करते हुए अधिकारी ट्रक को सिटी कोतवाली ले आए. यहां संयुक्त कलेक्टर सचिन भुतड़ा और एसडीएम बीआर भगत भी पहुंचे. पूछताछ करने पर ट्रक चालक ने अधिकारियों को बताया कि वह जिला जेल से चावल लेकर बिलासपुर जा रहा है. उसने चावल से संबंधित कुछ कागजात भी अधिकारियों को दिखाया. लेकिन इससे असंतुष्ट अधिकारियों ने इस संदिग्ध मामले की जांच होने तक ट्रक और चावल को जब्त कर कोतवाली पुलिस को सुपुर्द कर दिया है.

बिना ऑर्डर के आया चावल: इस विषय में जेल प्रशासन का कहना है कि "जेल में निरुद्ध बंदियों के दैनिक उपयोग की सामग्री की आपूर्ति के लिए जेल प्रशासन द्वारा टेंडर जारी किया जाता है. इस टेंडर में निर्धारित दर के अनुसार ही समान की आपूर्ति की जाती है. यह समान लेकर बिलासपुर से ट्रक क्रमांक सीजी 10 सी 9753 बुधवार को बिलासपुर से जशपुर पहुंचा था, इस समान के साथ गलती से 30 क्विंटल चावल भी आपूर्ति कर्ता ने बिना आर्डर के भेज दिया था, इसे ही वापस भेजा जा रहा था".

हर माह 90 क्विंटल चावल की खपत: दरअसल, जेल में प्रति माह 90 क्विंटल चावल की खपत होती है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीडीएस योजना से 60 क्विंटल चावल जेल में दिया जा रहा था. शेष 30 क्विंटल को जेल प्रशासन टेंडर के माध्यम से खरीदी करती थी. लेकिन अब जेल को पूरे 90 क्विंटल चावल सरकारी गोदाम से दिया जा रहा है. इसलिए खुले बाजार से खरीदी बन्द कर दी गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब खुले बाजार से चावल की खरीदी पूरी तरह से बन्द है तो फिर बिलासपुर से चावल की आपूर्ति कोई भी व्यापारी बिना आर्डर या टेंडर के क्यों करेगा?

यह भी पढ़ें : जशपुर: जेल में बंद BJP कार्यकर्ता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत, उच्चस्तरीय जांच की मांग

संदेह के दायरे में बोरी: इस पूरे मामले में प्रशासन द्वारा जब्त किए गए चावल से भरी बोरी भी संदेह के दायरे में है. दरअसल ये सारे बोरे खुले हुए हैं. इन्हें सुतली रस्सी से बांधा गया है. जांच में जुटे अधिकारियों का मानना है कि "अगर चावल खुले बाजार से जेल के लिए भेजे गए होते तो सारे बोरे सिले हुए होते न कि बांधे हुए. बहरहाल, चावल के इन संदिग्ध बोरो का राज जांच में खुलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस विषय में एसडीएम बालेश्वर राम ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के लिए ट्रक और चावल की बोरियों को जब्त कर थाने में सुरक्षित किया गया है. जांच पूरी कर रिपोर्ट कलेक्टर को भेजा जाएगा. उनके निर्देश पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी".

जशपुर: जशपुर जिला जेल से बिलासपुर जा रहे चावल की बोरियों से लदे ट्रक को जांच के लिए जिला प्रशासन ने जब्त कर (Rice bags going from Jashpur jail to Bilaspur ) लिया है. बताया जा रहा है कि जेल में बंदियों को दिए जाने वाले भोजन में आपूर्ति किए जाने वाले सरकारी चावल की हेरा-फेरी की जा रही है. हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. कलेक्टर रितेश अग्रवाल के निर्देश पर एसडीएम जशपुर बी भगत और खाद्य विभाग की टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है.

चावल की बोरियां

खाद्य विभाग की टीम मामले की जानकारी लेने पहुंची: एसडीएम बी.आर भगत की मानें तो बुधवार को जिला प्रशासन को सूचना मिली कि जिला जेल के परिसर में खड़े एक ट्रक में जेल के चावल को संदिग्ध रूप से लोड किया जा रहा है. सूचना पर कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने संयुक्त कलेक्टर सचिव भूतड़ा, एसडीएम जशपुर बीआर भगत और खाद्य विभाग की टीम को जांच के लिए निर्देशित किया. खाद्य विभाग की टीम मामले की जानकारी लेने के लिए जेल परिसर पहुंची. तब तक ट्रक जेल परिसर से निकल करपास में स्थित भगवान शिव के मंदिर के पास पहुंच चुका था.

जांच होने तक ट्रक और चावल जब्त: जब अधिकारियों ने ट्रक की जांच की तो इसमें प्लास्टिक की बोरियों में भरे चावल पाए गए. कार्रवाई करते हुए अधिकारी ट्रक को सिटी कोतवाली ले आए. यहां संयुक्त कलेक्टर सचिन भुतड़ा और एसडीएम बीआर भगत भी पहुंचे. पूछताछ करने पर ट्रक चालक ने अधिकारियों को बताया कि वह जिला जेल से चावल लेकर बिलासपुर जा रहा है. उसने चावल से संबंधित कुछ कागजात भी अधिकारियों को दिखाया. लेकिन इससे असंतुष्ट अधिकारियों ने इस संदिग्ध मामले की जांच होने तक ट्रक और चावल को जब्त कर कोतवाली पुलिस को सुपुर्द कर दिया है.

बिना ऑर्डर के आया चावल: इस विषय में जेल प्रशासन का कहना है कि "जेल में निरुद्ध बंदियों के दैनिक उपयोग की सामग्री की आपूर्ति के लिए जेल प्रशासन द्वारा टेंडर जारी किया जाता है. इस टेंडर में निर्धारित दर के अनुसार ही समान की आपूर्ति की जाती है. यह समान लेकर बिलासपुर से ट्रक क्रमांक सीजी 10 सी 9753 बुधवार को बिलासपुर से जशपुर पहुंचा था, इस समान के साथ गलती से 30 क्विंटल चावल भी आपूर्ति कर्ता ने बिना आर्डर के भेज दिया था, इसे ही वापस भेजा जा रहा था".

हर माह 90 क्विंटल चावल की खपत: दरअसल, जेल में प्रति माह 90 क्विंटल चावल की खपत होती है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीडीएस योजना से 60 क्विंटल चावल जेल में दिया जा रहा था. शेष 30 क्विंटल को जेल प्रशासन टेंडर के माध्यम से खरीदी करती थी. लेकिन अब जेल को पूरे 90 क्विंटल चावल सरकारी गोदाम से दिया जा रहा है. इसलिए खुले बाजार से खरीदी बन्द कर दी गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब खुले बाजार से चावल की खरीदी पूरी तरह से बन्द है तो फिर बिलासपुर से चावल की आपूर्ति कोई भी व्यापारी बिना आर्डर या टेंडर के क्यों करेगा?

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संदेह के दायरे में बोरी: इस पूरे मामले में प्रशासन द्वारा जब्त किए गए चावल से भरी बोरी भी संदेह के दायरे में है. दरअसल ये सारे बोरे खुले हुए हैं. इन्हें सुतली रस्सी से बांधा गया है. जांच में जुटे अधिकारियों का मानना है कि "अगर चावल खुले बाजार से जेल के लिए भेजे गए होते तो सारे बोरे सिले हुए होते न कि बांधे हुए. बहरहाल, चावल के इन संदिग्ध बोरो का राज जांच में खुलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस विषय में एसडीएम बालेश्वर राम ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के लिए ट्रक और चावल की बोरियों को जब्त कर थाने में सुरक्षित किया गया है. जांच पूरी कर रिपोर्ट कलेक्टर को भेजा जाएगा. उनके निर्देश पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी".

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