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लाखों की लागत से बने स्टॉप डैम में नहीं लगा है गेट, किसान नहीं कर पा रहे सिंचाई - सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार नए-नए योजनाएं

पत्थलगांव के स्टाप डैम निर्माण के 13 साल बाद भी गेट नहीं लगने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

स्टाप डैम निर्माण के 13 साल बाद भी नहीं लगा गेट
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Published : Sep 9, 2019, 4:42 PM IST

Updated : Sep 9, 2019, 5:44 PM IST

पत्थलगांव: लाखों की लागत से प्रेमनगर आमापारा नाले में बने स्टाप डैम में गेट नहीं लगने से किसान परेशान हैं. डैम में पानी नहीं रुकने से किसान सिंचाई का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

स्टॉप डैम में गेट नहीं लगे होने की वजह से किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं

13 साल पहले बना स्टाप डैम अब भी अधूरा है. डैम के निर्माण से ग्रामीणों में खुशी की लहर थी, लेकिन गेट नहीं लगने से डैम में पानी नहीं ठहर रहा है और किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. मामले में एसडीओ आरपी कुटार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी, जल्द ही डैम में गेट लगा दिया जाएगा.

पढ़े: छत्तीसगढ़: शहर-शहर पानी का कहर, गांवों में खिले किसानों के चेहरे, शहर में बना परेशानी का सबब

नहीं मिल रहा है योजना का लाभ
सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार नए-नए योजनाएं लागू कर रही है. अधिकारियों द्वारा योजनाओं का सही ढंग से क्रियांवयन नहीं करने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. शासन की विभिन्न योजनाएं सिर्फ कागजों में ही सीमित है. ग्रामीणों का कहना है कि डैम में जल्द गेट लगने से किसान अच्छी खेती कर सकेंगे.

पत्थलगांव: लाखों की लागत से प्रेमनगर आमापारा नाले में बने स्टाप डैम में गेट नहीं लगने से किसान परेशान हैं. डैम में पानी नहीं रुकने से किसान सिंचाई का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

स्टॉप डैम में गेट नहीं लगे होने की वजह से किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं

13 साल पहले बना स्टाप डैम अब भी अधूरा है. डैम के निर्माण से ग्रामीणों में खुशी की लहर थी, लेकिन गेट नहीं लगने से डैम में पानी नहीं ठहर रहा है और किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. मामले में एसडीओ आरपी कुटार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी, जल्द ही डैम में गेट लगा दिया जाएगा.

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नहीं मिल रहा है योजना का लाभ
सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार नए-नए योजनाएं लागू कर रही है. अधिकारियों द्वारा योजनाओं का सही ढंग से क्रियांवयन नहीं करने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. शासन की विभिन्न योजनाएं सिर्फ कागजों में ही सीमित है. ग्रामीणों का कहना है कि डैम में जल्द गेट लगने से किसान अच्छी खेती कर सकेंगे.

Intro:एंकर पत्थलगॉव के प्रेमनगर आमानारा नाला में लाखों रूपए का स्टाप ढेम का निर्माण हुआ था तो उस समय किसानों को खेती के लिए सिचाई कि सारी चिंता दुर हो गई थी  मगर स्टाप ढेम में गेट नही लगने के कारण पानी  आज तक नही रुकी और किसानों को सिचाई का लाभ नही मिल पाया है। उधर अधिकारी स्टाप ढेम में जल्द ही गेट लगाने कि बात कह रहे है।Body:

व्ही ओ1.... पत्थलगॉव के ग्राम आमानारा में लाखों का स्टाप ढेम पिछले 13 सालों से अधुरा बनकर खडा ये वो स्टाप ढेम है जहॉ पानी आज तक नही रुकी और लोगों को सिचाई के लिए पानी नही मिल पाया... जब ये ढेम बन रहा था तब ग्रामीणों के चेहरे पर एक खुषी झलक रही थी पर स्टाप ढेम गेट नही लगने के कारण किसानों को खेती को खेती करने के लिए आज तक सिचाई के लिए पानी नही मिल पाया और उनका ये सपना अधुरा ही रह गया। अब ग्रामीणें  का कहना है कि इसमें जल्द की गेट लगे ताकि हम अच्छे खेती कर पाये।

बाईट 1 बबलू तिवारी                किसान    


बाईट सुखदेव राम                किसान  


व्ही ओ2....वहीं अधिकारी का कहना है की स्टाप ढेम को देखकर जल्द ही उसमें गेट लगा दिया जायेगा।

बाईट 3 आर.पी कुटार                एस.डी.ओ पत्थलगॉवConclusion:


जहां एक ओर सरकार सिचाई का रकबा बढाने हेतु नए नए योजनाए लागु कर रही है वही उनके मातहतो द्वारा इन योजनाओ का उचित ढंग से क्रियान्वयन नही करने के कारण योजनाओ का लाभ किसानो को 13 वर्षे से मील नही पाया ऐसे मे शासन की सिचांई का रकबा बढाने की सोच कागजो मे ही सिमट कर रह जा रही है जो किसानो के लिए चिंता का विषय है।

जितेन्द्र सोनी पत्थलगांव
Last Updated : Sep 9, 2019, 5:44 PM IST
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