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कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जशपुर में स्थापित होंगे SNCU

कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) से निपटने के लिए जिला प्रशासन मुस्तैद है. तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एसएनसीयू (special newborn care unit, SNCU) वार्ड स्थापित करने जा रहा है.

SNCU will be established in Jashpur
जशपुर में एसएनसीयू की स्थापना
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Published : Jul 2, 2021, 9:58 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 10:54 PM IST

जशपुर: कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से खनिज न्यास निधि (mineral trust fund) से जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एसएनसीयू (special newborn care unit, SNCU) वार्ड स्थापित किया जा रहा है.

जशपुर में एसएनसीयू की स्थापना

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. पुरुषोत्तम सुथार ने बताया कि जिले में एसएनसीयू स्थापित करने के लिए खनिज न्यास निधि से 2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) कमजोर पड़ने के बाद अब तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इससे निपटने के लिए गाइडलाइंस जारी की गई है.

स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था

सीएमएचओ ने बताया कि गाइडलाइन में 0 से लेकर 17 साल के बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत जिले के 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (community health center) में 6 बेड और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (primary health centers) में 2 बिस्तर का एनआईसीयू स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके संचालन के लिए आवश्यक उपकरण खरीदी की प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है. जशपुर जिला चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पत्थलगांव, बगीचा, कुनकुरी, कांसाबेल, मनोरा, दुलदुला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तपकरा और संन्ना स्वास्थ्य केंद्र में ये सुविधा शुरू की जाएगी.

अलग से स्टाफ की होगी व्यवस्था

आईसीयू (ICU) में 0 से 5 साल के बच्चों के इलाज के लिए विशेष सुविधा होगी. जिसमें वेंटिलेटर और मॉनिटर के साथ प्रशिक्षित डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी.

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है बस्तर, जानें क्या है व्यवस्था ?

शिशु रोग विशेषज्ञों की कमी

जशपुर जिले में एसएनसीयू स्थापित तो कर दिए जा रहे हैं, लेकिन जिले में शिशु रोग विशेषज्ञों की कमी (paediatricians shortage) बड़ी समस्या है. स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञों के एक-एक पद की स्वीकृति दी है. लेकिन जशपुर और बगीचा को छोड़कर बाकी सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ये पद खाली है.

दिया जाएगा प्रशिक्षण

सीएमएचओ ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल अफसरों को एनएसआईयू के संचालन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. साथ ही शिशु रोग विशेषज्ञों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए डायरेक्टर स्तर पर चर्चा जारी है.

जिला अस्पताल में एनआईसीयू व्यवस्था उपलब्ध

जिला अस्पताल जशपुर में एनआईसीयू की सुविधा उपलब्ध है. खनिज न्यास निधि के सहयोग से सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एनआईसीयू स्थापित करने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है.

बीजापुर में बढ़ रहे कोविड-19 के मामले, टीका न लगवाने से कोरोना को मिली रफ्तार

मरीजों के लिए व्यवस्था

जशपुर जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल (Dedicated covid Hospital) सहित गम्हरिया स्थित लाइवलीहुड कॉलेज में निर्मित कोविड-19 केयर सेंटर (covid 19 care center) सहित जिले के सभी विकासखंडों में कोविड-19 सेंटर और दो निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है. जहां पर्याप्त मात्रा में मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध है.

1270 बिस्तर की है व्यवस्था

जिले में मरीजों के इलाज के लिए कोई 1270 बिस्तर की व्यवस्था है. जिला अस्पताल की डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में कुल 75 बिस्तर मौजूद है. जिनमें 9 आईसीयू बेड और 4 एचडीयू बिस्तर है. इसके अलावा ऑक्सीजन युक्त बिस्तर मौजूद हैं. कुनकुरी के निजी अस्पताल में 4 बिस्तर, पत्थलगांव के स्वास्थ्य केंद्र में 4 बेड का आईसीयू मौजूद है. कुल जिले में 17 आईसीयू बेड कोविड सेंटर इन मरीजों के लिए मौजूद है. जिनमें से 4 एचडीयू बिस्तर भी है. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जिले में कोरोना से बचाव के लिए दवाइयां, ऑक्सीजन और मास्क की पर्याप्त व्यवस्था है.

जशपुर: कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से खनिज न्यास निधि (mineral trust fund) से जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एसएनसीयू (special newborn care unit, SNCU) वार्ड स्थापित किया जा रहा है.

जशपुर में एसएनसीयू की स्थापना

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. पुरुषोत्तम सुथार ने बताया कि जिले में एसएनसीयू स्थापित करने के लिए खनिज न्यास निधि से 2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) कमजोर पड़ने के बाद अब तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इससे निपटने के लिए गाइडलाइंस जारी की गई है.

स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था

सीएमएचओ ने बताया कि गाइडलाइन में 0 से लेकर 17 साल के बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत जिले के 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (community health center) में 6 बेड और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (primary health centers) में 2 बिस्तर का एनआईसीयू स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके संचालन के लिए आवश्यक उपकरण खरीदी की प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है. जशपुर जिला चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पत्थलगांव, बगीचा, कुनकुरी, कांसाबेल, मनोरा, दुलदुला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तपकरा और संन्ना स्वास्थ्य केंद्र में ये सुविधा शुरू की जाएगी.

अलग से स्टाफ की होगी व्यवस्था

आईसीयू (ICU) में 0 से 5 साल के बच्चों के इलाज के लिए विशेष सुविधा होगी. जिसमें वेंटिलेटर और मॉनिटर के साथ प्रशिक्षित डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी.

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है बस्तर, जानें क्या है व्यवस्था ?

शिशु रोग विशेषज्ञों की कमी

जशपुर जिले में एसएनसीयू स्थापित तो कर दिए जा रहे हैं, लेकिन जिले में शिशु रोग विशेषज्ञों की कमी (paediatricians shortage) बड़ी समस्या है. स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञों के एक-एक पद की स्वीकृति दी है. लेकिन जशपुर और बगीचा को छोड़कर बाकी सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ये पद खाली है.

दिया जाएगा प्रशिक्षण

सीएमएचओ ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल अफसरों को एनएसआईयू के संचालन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. साथ ही शिशु रोग विशेषज्ञों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए डायरेक्टर स्तर पर चर्चा जारी है.

जिला अस्पताल में एनआईसीयू व्यवस्था उपलब्ध

जिला अस्पताल जशपुर में एनआईसीयू की सुविधा उपलब्ध है. खनिज न्यास निधि के सहयोग से सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एनआईसीयू स्थापित करने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है.

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मरीजों के लिए व्यवस्था

जशपुर जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल (Dedicated covid Hospital) सहित गम्हरिया स्थित लाइवलीहुड कॉलेज में निर्मित कोविड-19 केयर सेंटर (covid 19 care center) सहित जिले के सभी विकासखंडों में कोविड-19 सेंटर और दो निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है. जहां पर्याप्त मात्रा में मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध है.

1270 बिस्तर की है व्यवस्था

जिले में मरीजों के इलाज के लिए कोई 1270 बिस्तर की व्यवस्था है. जिला अस्पताल की डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में कुल 75 बिस्तर मौजूद है. जिनमें 9 आईसीयू बेड और 4 एचडीयू बिस्तर है. इसके अलावा ऑक्सीजन युक्त बिस्तर मौजूद हैं. कुनकुरी के निजी अस्पताल में 4 बिस्तर, पत्थलगांव के स्वास्थ्य केंद्र में 4 बेड का आईसीयू मौजूद है. कुल जिले में 17 आईसीयू बेड कोविड सेंटर इन मरीजों के लिए मौजूद है. जिनमें से 4 एचडीयू बिस्तर भी है. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जिले में कोरोना से बचाव के लिए दवाइयां, ऑक्सीजन और मास्क की पर्याप्त व्यवस्था है.

Last Updated : Jul 2, 2021, 10:54 PM IST
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