जशपुर: पहाड़ी कोरवा युवती से दुष्कर्म और आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने मृतिका के परिजनों से मुलाकात कर पुलिस प्रशासन और प्रदेश सरकार पर जांच में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए जांच के लिए एसआईटी के गठन करने मांग की है.
प्रेस कांफ्रेंस में मिडिया से चर्चा करते हुए नंद कुमार साय ने कहा कि पहाड़ी कोरवा युवती से दुष्कर्म और आत्महत्या के मामले की जांच और कार्रवाई में जशपुर पुलिस ने घोर लापरवाही बरती है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार ने इस मामले में सोनक्यारी पुलिस चौकी आरोपी सुशिल मिंज के खिलाफ अपराध दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन वहां के चौकी प्रभारी ने उन्हें खाली हाथ वापस लौटा दिया था.
31 अगस्त को पीड़िता के कथित रूप से आत्महत्या किए जाने के बाद भी पुलिस ने उस वक्त तक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की, जब तक पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने इसके लिए आवाज नहीं उठाई. उन्होंने पुलिस प्रशासन से मृतिका के पोस्टमार्टम में भी घोर लापरवाही बरतने के आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस से की गई लापरवाही के कारण ही पुलिस ने मृतिका का दूसरी बार पोस्टमार्टम कराने के लिए उसके कब्र को खोद कर, नमूना लिया गया है.
इसके साथ ही उन्होंने पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए एसआईटी गठन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार, स्थानीय रहवासी से हुई चर्चा और मौके के निरीक्षण के बाद यह पूरा मामला हत्या का लग रहा है. उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में मृतिका स्वास्थ्यगत समस्याओं से जुझ रही थी. ऐसे में वह अकेले पहाड़ के ऊपर और पेड़ में चढ़ कर आत्महत्या कर ले, यह बिल्कुल भी संभव नहीं है.