जशपुर: लोकसभा निर्वाचन में शांतिपूर्ण सुरक्षित और भयमुक्त मतदान कराने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था कर ली है. झारखंड और उड़ीसा की सीमा से लगने वाली सीमा क्षेत्रों में लगातार पुलिस की सर्चिंग पार्टियां गश्त कर रही हैं, ताकि लाल आतंक को जिले की सीमा के अंदर घुसपैठ करने से रोका जा सके.
इसके साथ-साथ निगरानी सुधा बदमाशों पर भी पुलिस प्रशासन ने निगाहें रखी हैं. साथ ही जिले में लाइसेंस सुधा हथियारों को थाने में जमा कराने के साथ ही अवैध हथियारों और शराब के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है.
वाहनों की हो रही चेकिंग
लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण कराने के संबंध में जशपुर पुलिस अधीक्षक शंकर लाल बघेल ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से जिले में सभी लाइसेंस धारी हथियारों को निकट के थानों में जमा करा लिया गया है. इसके साथ ही जिले में अब तक 244 हथियार जमा किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अवैध हथियार और शराब के परिवहन पर पुलिस पूरे जिले में वाहनों की चेकिंग कर रही है. वाहनों की चेकिंग के दौरान जिले में 5 अवैध हथियार जब्त किए गए हैं, जिसमें बागबहारा थाना क्षेत्र में दो अवैध कांटों के साथ तीन तलवार भी शामिल हैं.
रूट चार्ट का होगा निर्धारण
जशपुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 23 अप्रैल को मतदान के दिन पूरे जिले में 854 मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. मतदान के दिन पेट्रोलिंग टीम ने गश्ती के लिए पूरे जिले का रूट चार्ट तैयार कर लिया है. इस रूट चार्ट के संबंध में विभाग के सभी आला अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है. बघेल ने बताया कि रूट चार्ट का निर्धारण करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि किसी भी मतदान केंद्र में पुलिस की सहायता की आवश्यकता पड़ने पर संबंधित मतदान दल को तत्काल सहायता उपलब्ध हो सके.
इन मतदान केंद्रों के सुरक्षा इंतजाम हैं जरूरी
शंकर लाल बघेल ने बताया कि पुलिस प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती जिले में नक्सल दृष्टिकोण से संवेदनशील 68 मतदान केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इसके लिए जल्द ही जिले में अर्ध सैनिक बल की टुकड़ियां आ जाएंगी. संवेदनशील मतदान केंद्रों में जिले के झारखंड और उड़ीसा के सीमा के आस-पास स्थित मतदान केंद्र शामिल हैं.
इसके अलावा राजनीतिक दृष्टिकोण से 110 बूथों पर भी सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था होगी. राजनीतिक दलों के लिहाज से संवेदनशील मतदान केंद्रों में उन केंद्रों को शामिल किया जाता है, जहां राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में टकराव की घटना का अंदेशा होता है.