जशपुर: 'स्कूल जाबो पढ़े बर, जिंदगी ला गढ़े बर', इसी नारे के साथ छत्तीसगढ़ सरकार सूबे में शिक्षा की अलख जगाने के दावे कर रही है. अब सूबे के दूर-दराज वाले इलाकों में स्कूल और उसमें पढ़ने वाले नौनिहालों की दशा और दिशा दिखाने के लिए हम आपको लेकर चलते हैं जशपुर जिले के पत्थलगांव जनपद के कूड़ापानी गांव में, जहां मौजूद स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की तकलीफ देखकर आपको सरकार के दावे और हकीकत में फर्क साफ नजर आ जाएगा.
स्कूल में पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था न होने की वजह से यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को डबरी का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
CEO ने दी जेल भेजने की धमकी
वहीं इस मामले में जब हमने जनपद पंचायत CEO से सवाल किया तो वो जवाब देने के बजाए हमें ही जेल भेज देने की धमकी देने के साथ ही ETV भारत के संवाददाता से कैमरा छीनने की कोशिश भी की.
डबरी के पानी से बुझाते हैं प्यास
बता दें कि पीने के लिए साफ पानी का इंतजाम नहीं होने की वजह से बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी डबरी के गंदे पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ती है, जिससे इन्हें बीमारियां जकड़ रही हैं.
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खोखले साबित हो रहे दावे
जहां एक ओर सरकार शिक्षा व्यवस्था के लिए पिछली सरकार को कोसने के साथ ही सिस्टम को बेहतर बनाने के दावे करती नहीं थकती, वहीं कूड़ापानी गांव की तस्वीर इन तमाम दावों की हकीकत बताने के लिए काफी है.