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डबरी के गंदे पानी से प्यास बुझा रहे नौनिहाल, सवाल पूछने पर अफसर ने दी जेल भेजने की धमकी

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Published : Nov 16, 2019, 2:16 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 3:47 PM IST

कूड़ापानी गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे डबरी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. इसकी जानकारी CEO से लेने पर वे भड़क गए.

गंदे पानी पीकर प्यास बुझा हरे नौनिहाल

जशपुर: 'स्कूल जाबो पढ़े बर, जिंदगी ला गढ़े बर', इसी नारे के साथ छत्तीसगढ़ सरकार सूबे में शिक्षा की अलख जगाने के दावे कर रही है. अब सूबे के दूर-दराज वाले इलाकों में स्कूल और उसमें पढ़ने वाले नौनिहालों की दशा और दिशा दिखाने के लिए हम आपको लेकर चलते हैं जशपुर जिले के पत्थलगांव जनपद के कूड़ापानी गांव में, जहां मौजूद स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की तकलीफ देखकर आपको सरकार के दावे और हकीकत में फर्क साफ नजर आ जाएगा.

कूड़ापानी गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे डबरी का गंदा पानी पीने को मजबूर

स्कूल में पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था न होने की वजह से यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को डबरी का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

CEO ने दी जेल भेजने की धमकी

वहीं इस मामले में जब हमने जनपद पंचायत CEO से सवाल किया तो वो जवाब देने के बजाए हमें ही जेल भेज देने की धमकी देने के साथ ही ETV भारत के संवाददाता से कैमरा छीनने की कोशिश भी की.

डबरी के पानी से बुझाते हैं प्यास

बता दें कि पीने के लिए साफ पानी का इंतजाम नहीं होने की वजह से बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी डबरी के गंदे पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ती है, जिससे इन्हें बीमारियां जकड़ रही हैं.

पढ़ें- EXCLUSIVE: 100 बंदर 45 दिन से टापू के अंदर, देखिए कैसे हो रहा है रेस्क्यू

खोखले साबित हो रहे दावे

जहां एक ओर सरकार शिक्षा व्यवस्था के लिए पिछली सरकार को कोसने के साथ ही सिस्टम को बेहतर बनाने के दावे करती नहीं थकती, वहीं कूड़ापानी गांव की तस्वीर इन तमाम दावों की हकीकत बताने के लिए काफी है.

जशपुर: 'स्कूल जाबो पढ़े बर, जिंदगी ला गढ़े बर', इसी नारे के साथ छत्तीसगढ़ सरकार सूबे में शिक्षा की अलख जगाने के दावे कर रही है. अब सूबे के दूर-दराज वाले इलाकों में स्कूल और उसमें पढ़ने वाले नौनिहालों की दशा और दिशा दिखाने के लिए हम आपको लेकर चलते हैं जशपुर जिले के पत्थलगांव जनपद के कूड़ापानी गांव में, जहां मौजूद स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की तकलीफ देखकर आपको सरकार के दावे और हकीकत में फर्क साफ नजर आ जाएगा.

कूड़ापानी गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे डबरी का गंदा पानी पीने को मजबूर

स्कूल में पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था न होने की वजह से यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को डबरी का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

CEO ने दी जेल भेजने की धमकी

वहीं इस मामले में जब हमने जनपद पंचायत CEO से सवाल किया तो वो जवाब देने के बजाए हमें ही जेल भेज देने की धमकी देने के साथ ही ETV भारत के संवाददाता से कैमरा छीनने की कोशिश भी की.

डबरी के पानी से बुझाते हैं प्यास

बता दें कि पीने के लिए साफ पानी का इंतजाम नहीं होने की वजह से बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी डबरी के गंदे पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ती है, जिससे इन्हें बीमारियां जकड़ रही हैं.

पढ़ें- EXCLUSIVE: 100 बंदर 45 दिन से टापू के अंदर, देखिए कैसे हो रहा है रेस्क्यू

खोखले साबित हो रहे दावे

जहां एक ओर सरकार शिक्षा व्यवस्था के लिए पिछली सरकार को कोसने के साथ ही सिस्टम को बेहतर बनाने के दावे करती नहीं थकती, वहीं कूड़ापानी गांव की तस्वीर इन तमाम दावों की हकीकत बताने के लिए काफी है.

Intro:जशपुर प्रदेश सरकार शिक्षा की अलख जलाने का लाख दावे कर लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर हो बयां करती है, जिले में आज भी ऐसी सरकारी स्कूल मौजूद है जहाँ के नंन्हे बच्चे ढोढ़ी का गंदा पानी पीने को मजबूर है, जिमेदार सरकारी अधिकारी पत्रकारों के सवालों से इस कदर नाराज हो रहे हैं कि पत्रकारों के कैमरे छीन रहे हैं तो पत्रकारों को जेल भेज देने की धमकी दे रहे हैं।


Body:आदिवासी क्षेत्रों में सरकार विकास के तमाम दावे तो करती है लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है.जिले के पत्थलगांव जनपद के ग्राम कुड़ापानी में वर्षो बाद भी ग्रामीण तथा स्कूली बच्चे डबरी का गंदा पानी पीने को मजबूर है, इस गांव पहुँचने को आज तक सड़क नही बन पाई है, जिससे यहां आज तक बोर खनन नही हो पाया इस जटिल समस्या के चलते स्कूली बच्चे और गांव के लोगों को खेत के डबरी का दुषित पानी पिना पड़ रहा है. स्कूली बच्चे प्रदूषित पानी पीने से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है पर प्यास ऐसी चीज है जो इन स्कूली बच्चों को डबरी का दूषित पानी पीने को मजबूर कर रही है , ओर सरकारी मुलाजिम सो रहे है, मध्यान भोजन के बाद रोज बच्चों को समीप के खेतों में स्थित डभरी जा कर गंदे पानी का उपयोग करते हैं


कुड़ापानी गाँव सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ओर शिक्षक का कहना है की पानी की इस समस्या के बारे में कई बार अधिकारियों को समस्या के समाधान की मांग की है लेकिन आज तक कोई इस तरफ ध्यान नहीं दिया है , अब प्यास मिटाने के लिए बच्चे सहित शिक्षक भी इस डभरी के गंदे पानी का उपयोग कर रहे है और बीमार हो रहे हैं

Conclusion:वहीं जब इस समस्या को लेकर जब जनपद सीईओ बीएल सरल से सवाल किया गया तो सीईओ साहब भड़क उठे ,,और इतना भड़के की रिपोर्टर कैमरा छीन लिया ,,इतना ही नहीं पत्रकार को ऑफिस से बाहर निकालने के लिए घण्टी बजाकर चपरासियों को बुलाने लगे ,,,


बहरहाल प्रदेश में शिक्षा को लेकर करने वाले बड़े बड़े दावे करने वाली सरकार ओर उनके मुलाजिम अपनी जिमेदारियो से भागते नजर आ रहे है पत्रकार शुरक्षा कानून की बात करने वाली सरकार के मुलाजिम पत्रकारों के सवाल पर जवाब देना छोड़ कैमरा छीनते नजर आ रहे है, ऐसे में देश के नोनिहालो का भविष्य कैसे उज्जवल होगा यह सोचने वाली बात है।

बाईट 1 रोजलीन खलखो, छात्रा
बाईट 2 रोशन खाखा छात्र
बाईट 3 शिरील केरकेट्टा, शिक्षक
एम्बियन्स,, बी.एल सरल, सीईओ जनपद पत्थलगांव कैमरा छीनते हुवे।

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Nov 16, 2019, 3:47 PM IST
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