जशपुर: उरांव समाज ने प्रकृति की पूजा का महापर्व सरहुल सादगी से मनाया. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए समाज के लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए समाज के प्रमुख पदाधिकारी और बैगा ही इस पूजा में शामिल हुए.
शहर के करबला रोड स्थित डीपू बगीचा में हर वर्ष सरहुल पूजा का पर्व मनाया जाता है. इसमें आसपास के क्षेत्र के हजारों लोग एकत्र होते हैं. कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार यह पर्व सादगी से मनाया गया.समाज के पदाधिकारियों ने पहले ही अपने-अपने घर में रहकर सरहुल पूजा मनाने की अपील की थी.
डीपू बगीचा में समाज के बैगाओं ने पारम्परिक रीति से सरना माता की पूजा अर्चना की. इस पूरे कार्यक्रम के दौरान समाज के प्रमुखों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. डीपू बगीचा के प्रवेश द्वार में हाथ धोने के लिए पानी और साबुन की व्यवस्था भी की गई थी.
सरहुल पूजा उरांव समाज का सबसे बड़ा धार्मिक पर्व है. इसमें समाज चाला अयंग की आराधना करता है. इस पूजा में सरई के फूल का विशेष महत्व होता है. श्रद्धालु इस पूजा के दौरान सरई के फूल को कान में लगाते है और समाज के बैगा के नेतृत्व में पूजा की रीति संपन्न की जाती है.