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राशन दुकान संचालकों ने वसूली नोटिस के खिलाफ खोला मोर्चा

जशपुर में ग्राम पंचायतों के राशन दुकान संचालकों को राजस्व ने नोटिस दे दिया है. जिसके विरोध में सरपंच संघ सड़क पर उतर आया है.

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Published : May 3, 2023, 11:38 PM IST

Ration shop operators
आनलाइन भौतिक सत्यापन

जशपुर: जिले में ग्राम पंचायतों के राशन दुकान संचालकों को राजस्व अधिनियम के तहत वसूली का नोटिस पकड़ा दिया है. इस बात से नाराज, सरपंच संघ ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संघ ने बुधवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करके, नोटिस वापस न लिये जाने पर शासकीय राशन दुकानों में ताला बंदी करने की चेतावनी दी है.

संघ के जिलाध्यक्ष कुलदीप मिंज ने बताया कि "जिला प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों को वर्ष 2017 से सितंबर 2022 तक राशन दुकानों का आनलाइन भौतिक सत्यापन किया गया है. इस प्रक्रिया के बाद प्रशासन ने राशन दुकानों में शेष खाद्यान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए,पंचायतों को खाद्यान की बाजार मूल्य से वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में प्रशासन ने राशि जमा न होने पर राजस्व अधिनियम के तहत कुर्की जब्ती की कार्रवाई कर,राशि वसूलने की चेतावनी दी है."


संघ ने कही ये बात: प्रशासन की इस कार्रवाई को गलत बताते हुए संघ के उपाध्यक्ष रोहित खलखो,धनपति भगत और उत्तम सिदार ने बताया कि "प्रति माह सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा डीओ में निर्धारित मात्रा के अनुसार,सभी ग्राम पंचायतों को हितग्राहियों को वितरीत किये जाने वाली राशन उपलब्ध कराया जाता है. इस राशन के एवज में पंचायतें बैंक के डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से कार्पोरेशन के पास राशि जमा करती है. हितग्राहियों को राशन वितरण करने के बाद,पंचायतें घोषणा पत्र के माध्यम से पंचायतों में शेष खाद्यान के निरंक होने की जानकारी प्रशासन को देती है."

यह भी पढ़ें: Jashpur: विशेष पिछड़ी जनजाति के 142 युवाओं को मिली सरकारी नौकरी

संघ ने लगाया आरोप: इस घोषणा पत्र का निर्धारित समय में प्रशासन भौतिक सत्यापन कराती है. भौतिक सत्यापन में पंचायतों में शेष खाद्यान निरंक बता रहा है. वहीं आन लाइन में भारी मात्रा में बचत. आनलाइन और आफलाइन के भौतिक सत्यापन में हुई गड़बड़ी के कारण ही,यह स्थिति निर्मित हुई है. संघ का कहना है कि "यदि 2017 से पंचायतों में खाद्यान वितरण में गड़बड़ी की जा रही थी तो जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहें थे?"

जशपुर: जिले में ग्राम पंचायतों के राशन दुकान संचालकों को राजस्व अधिनियम के तहत वसूली का नोटिस पकड़ा दिया है. इस बात से नाराज, सरपंच संघ ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संघ ने बुधवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करके, नोटिस वापस न लिये जाने पर शासकीय राशन दुकानों में ताला बंदी करने की चेतावनी दी है.

संघ के जिलाध्यक्ष कुलदीप मिंज ने बताया कि "जिला प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों को वर्ष 2017 से सितंबर 2022 तक राशन दुकानों का आनलाइन भौतिक सत्यापन किया गया है. इस प्रक्रिया के बाद प्रशासन ने राशन दुकानों में शेष खाद्यान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए,पंचायतों को खाद्यान की बाजार मूल्य से वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में प्रशासन ने राशि जमा न होने पर राजस्व अधिनियम के तहत कुर्की जब्ती की कार्रवाई कर,राशि वसूलने की चेतावनी दी है."


संघ ने कही ये बात: प्रशासन की इस कार्रवाई को गलत बताते हुए संघ के उपाध्यक्ष रोहित खलखो,धनपति भगत और उत्तम सिदार ने बताया कि "प्रति माह सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा डीओ में निर्धारित मात्रा के अनुसार,सभी ग्राम पंचायतों को हितग्राहियों को वितरीत किये जाने वाली राशन उपलब्ध कराया जाता है. इस राशन के एवज में पंचायतें बैंक के डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से कार्पोरेशन के पास राशि जमा करती है. हितग्राहियों को राशन वितरण करने के बाद,पंचायतें घोषणा पत्र के माध्यम से पंचायतों में शेष खाद्यान के निरंक होने की जानकारी प्रशासन को देती है."

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संघ ने लगाया आरोप: इस घोषणा पत्र का निर्धारित समय में प्रशासन भौतिक सत्यापन कराती है. भौतिक सत्यापन में पंचायतों में शेष खाद्यान निरंक बता रहा है. वहीं आन लाइन में भारी मात्रा में बचत. आनलाइन और आफलाइन के भौतिक सत्यापन में हुई गड़बड़ी के कारण ही,यह स्थिति निर्मित हुई है. संघ का कहना है कि "यदि 2017 से पंचायतों में खाद्यान वितरण में गड़बड़ी की जा रही थी तो जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहें थे?"

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