जशपुर: प्रयास आवासीय विद्यालय के प्राचार्य मनोज सोनी पर कथित तौर पर छात्रा से छेड़छाड़ और मारपीट मामले में नया मोड़ आया है. सोशल मीडिया से एक तस्वीर सामने आई है. बताया जा रहा है यह तस्वीर मार्च 2020 की है. छात्रावास की 6 छात्राओं को एक यात्री बस के एजेंट मामा बताकर राजनांदगांव ले जाने की कोशिश कर रहा था. इसका फोटो इंटरनेट पर वायरल हुआ है. अब प्राचार्य ने इसी घटना को लेकर मारपीट करने की बात कही है.
जशपुर: छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
सोशल माडिया पर 18 मार्च 2020 को प्रयास आवासीय विद्यालय में खींची हुई तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर वायरल होने से नया विवाद उपजने लगा है. इस तस्वीर में यात्री बस का बुकिंग एजेंट सूरज विश्वकर्मा उर्फ बाला छात्राओं के साथ खड़ा हुआ है. इसी को लेकर अब कई तरह की बातें की जा रही है. कई लोग इसे अलग-अलग एंगल से देख रहे हैं.
नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़, प्राचार्य की छात्रों ने की पिटाई
सहायक आयुक्त एसके वाहनो को मामले की दी जानकारी
प्राचार्य मनोज सोनी ने बताया कि लॉकडाउन से पहले छात्रावास की छात्राएं घर जाना चाहती थी. उन्होंने आवेदन देकर घर जाने की अनुमति ली. 18 मार्च को बस एजेंट सूरज विश्वकर्मा एक वैन लेकर छात्रावास पहुंचा. सूरज ने रजिस्टर में स्वयं को छात्राओं का मामा बताकर दस्तख्त किया. प्राचार्य ने कहा कहा कि जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली, तो छात्राओं को जाने से रोक दिया. मामले की सहायक आयुक्त एसके वाहनो को भी लिखित तौर जानकारी दी थी.
झूठा आरोप
प्राचार्य मनोज सोनी का कहना है कि इन्हीं बातों को लेकर छात्राओं ने उनके ऊपर झूठा आरोप लगाया है. उन्हें फंसाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं.
एक छात्रा से पारिवारिक संबंध
बुकिंग एजेंट सूरज विश्वकर्मा का कहना है कि एक छात्रा से उनका पारिवारिक संबंध है. इस वजह से उसे छात्रा मामा मानती हैं. उन्होंने बताया कि छात्राओं के परिजनों ने रायपुर जाने वाली बस में ऑनलाइन टिकट बुक किया था. उस दिन में छात्राओं को बस स्टैंड तक लाने के लिए कार लेकर गए थे. प्राचार्य मनोज सोनी के आपत्ति करने पर वह वापस आ गए थे.
घटना से पहले कलेक्टर से की थी शिकायत
गुरुवार की देर रात 11वीं कक्षा की छात्रा ने प्राचार्य मनोज सोनी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. छात्रा ने उन्हें पद से हटाए जाने की मांग की थी. अब ये केस और पेचिदा होता जा रहा है. पुलिस भी मामले को लेकर गंभीर नहीं है. अब तक इस मसले का कोई हल नहीं निकला है. कोई सच बोल रहा है, कौन झूठ बोल रहा है अब तक साफ नहीं हो सका है.