जशपुर: जिले के दूरस्थ अंचलों में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति के किसानों और राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं के वन अधिकार पत्र प्राथमिकता से बनाए जा रहे हैं. मनोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत कारादरी के टोलापारा स्थिति कस्बा कादोपानी ग्राम मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अनुसूचित जनजाति के पहाड़ी कोरवा किसान एक्का राम परिवार के साथ खेती-बाड़ी करके जीवनयापन कर रहे हैं.
![Doing farming in jashpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08:52:48:1596122568_cg-jsp-03-pahsdi-corwa-cg10014_30072020194110_3007f_1596118270_150.jpg)
छत्तीसगढ़ शासन ने उन्हें वन अधिकार का पट्टा दिया है. कादोपानी चारो ओर से जंगल से घिरा हुआ एक छोटा सा कस्बा है. जहां अनुसूचित जनजाति पहाड़ी कोरवा का एक समुदाय निवास करता है. जंगलों में रहने वाले आदिवासी किसानों और अनुसूचित जनजाति के पहाड़ी कोरवा परिवारों को वन अधिकार पट्टा दिया गया है.
![help of administration doing Fisheries](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08:52:47:1596122567_cg-jsp-03-pahsdi-corwa-cg10014_30072020194110_3007f_1596118270_119.jpg)
5 पीढ़ी से है गांव में निवासरत
ग्राम कादोपानी के एतवाराम की उम्र 68 साल है औए वे अपने परिवार के साथ लगभग 5 पीढ़ी से इस गांव में निवास कर रहे हैं. किसान एतवाराम का कृषि कार्य में विशेष रूचि होने के कारण खेती कर अपनी आजीविका चलाते हैं. वन अधिकार मान्यता अधिनियम के लागू होने के बाद एतवाराम ने जिला प्रशासन को वन भूमि पट्टे के लिए आवेदन लगाया था. उनको जिला प्रशासन ने काबिज भूमि का वन अधिकार पट्टा दिया है.
![Pahari Korwa farmers of Jashpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08:52:48:1596122568_cg-jsp-03-pahsdi-corwa-cg10014_30072020194110_3007f_1596118270_957.jpg)
प्रशासन की मदद से मिल रही है आर्थिक आमदनी
एतवाराम वन भूमि के मिले पट्टे के जमीन पर खेत बनाकर खेती-बाड़ी करने लग गए. जिला प्रशासन से भूमि समतलीकरण के लिए भी मांग की गई थी. मनरेगा से भूमि सुधार के लिए स्वीकृति प्राप्त हो गई है और उनकी भूमि का समतलीकरण करा दिया गया है. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भूमि सुधार करने के बाद खेतों में फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होने लगी. उन्होंने बताया कि पहाड़ी कोरवा विकास प्राधिकरण मद से उनके खेत में तालाब निर्माण के लिए साल 2019-20 में स्वीकृति हुई और निर्माण कार्य पूरे हो गए. उन्होंने बताया कि तालाब में मछली पालन भी किया जा रहा है, जिससे परिवार को आर्थिक आमदनी हो रही है.
बच्चों की सरकारी विभाग में लगी नौकरी
एतवाराम ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके दो बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की दोनों ने 12 वीं तक शिक्षा ली है. अब उनकी शासकीय विभाग में नौकरी लग गई है. उन्होंने आगे बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है और अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतित कर रहे हैं.