जशपुर: जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र में वन तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने साल, सागौन और खम्हार जैसी बहुमूल्य इमारती लकड़ी की बड़ी खेप जब्त की है. जब्त की गई लकड़ी में 126 चिरान है. बाजार में इस अवैध चिरान की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है. मामले में दो आरोपियों के खिलाफ वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.
वन परिक्षेत्र तपकरा के अतंर्गत वन विभाग ने दो जगहों पर इमारती लकड़ी की खेप को पकड़ा है. मामले के संबंध में जानकारी देते हुए वन मंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि तपकरा वन परिक्षेत्र में दो स्थानों पर भारी मात्रा में अवैध चिरान जमा होने की सूचना मिली थी.
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इस सूचना पर तपकरा के वन परिक्षेत्राधिकारी अभिनव केशरवानी के नेतृत्व में टीम ने दबिश दी. छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान पानबहार गांव के रहने वाले दिनेश यादव के घर से 47 सागौन चिरान और कंदईबहार गांव के रहने वाले जयलाल भगत के घर से 79 साल और 6 खम्हार के अवैध चिरान लकड़ी जब्त किया गया है.
तपकरा वनपरिक्षेत्र में अवैध कटाई बड़ी समस्या
उन्होंने बताया कि इन दोनों ही मामलों में वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित तपकरा वनपरिक्षेत्र में अवैध कटाई एक बड़ी समस्या बनी हुई है. तपकरा और कुनकुरी वन परिक्षेत्र में सागौन के घने वन मौजूद हैं. तस्करों की नजर इन्हीं कीमती वनों पर टिकी हुई है. स्थानीय रहवासियों की मदद से अंतर्राज्यीय रैकेट से जुड़े तस्कर, यह पूरा खेल खेलते हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि वन्य क्षेत्र में अवैध कटाई करने वाले ये लोग आधुनिक यंत्रों से लैस होते हैं. चंद मिनट में बड़े-बड़े पेड़ों को धाराशाई कर, वाहन में लोड कर पार कर देते हैं. तपकरा और कुनकुरी वन परिक्षेत्र में ऐसी कई मामले पहले भी उजागर हो चुके हैं.