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डिलिस्टिंग के विरोध में एकजुट हुआ ईसाई आदिवासी समाज - ईसाई समुदाय ने लगाई प्रशासन से गुहार

जशपुर में ईसाई आदिवासी समुदाय ने जनजातीय सुरक्षा मंच के दावों को खारिज करते हुए विशाल रैली निकाली. समुदाय ने प्रशासन से मांग की है कि जनजातीय सुरक्षा मंच को लेकर कोई एक्शन (Mass rally of Christian tribal society in Jashpur) ले.

Mass rally of Christian tribal society in Jashpur
डिलिस्टिंग के विरोध में एकजुट हुआ ईसाई आदिवासी समाज
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Published : May 28, 2022, 7:10 PM IST

Updated : May 28, 2022, 7:57 PM IST

जशपुर : सरगुजा संभाग में डिलिस्टिंग की मांग के विरोध में ईसाई आदिवासी महासभा ने विशाल रैली और आमसभा आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन (Christian tribal society united against delisting) किया. जिले भर से हजारों की संख्या में जुटे ईसाई आदिवासियों ने आमसभा में डिलिस्टिंग के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए,जनजातीय सुरक्षा मंच और इसके नेताओं पर धर्म के नाम पर आदिवासियों को लड़ाने का आरोप लगाते हुए,सीधा हमला किया. आम सभा को विजय लकड़ा,आनंद कुजूर,डॉ पीसी कुजूर,डॉ सीडी बाखला, मोनिका कुजूर ने संबोधित किया.

डिलिस्टिंग के विरोध में एकजुट हुआ ईसाई आदिवासी समाज

किस पर लगे गंभीर आरोप : रैली में विरोध कर रहे ईसाई समुदाय का नेतृत्व कर रहे लोगों ने कहा कि संविधान में आरक्षण की व्यवस्था जातिगत आधार पर की गई है. अंत:करण के अनुसार,धर्म का पालन करने की मौलिक स्वतंत्रता संविधान ने सभी नागरिकों को दिया है. डॉ पीसी कुजूर का कहना था कि ''जनजातिय सुरक्षा मंच आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित कर रहा है. उन्होनें जनजातिय सुरक्षा मंच (Adivasi Tribal Security Forum protested) के उस दावे को भी खारिज कर दिया,जिसमें ईसाई समाज पर आदिवासी और अल्पसंख्यक के रूप में आरक्षण का दोहरा लाभ उठाने का आरोप लगा है.

''धर्म के आधार पर राजनीति ना हो'' : संगठन के अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा ने कहा कि ''धर्म के आधार पर आरक्षण से वंचित करने की मांग पूरी तरह से अनुचित है.आदिवा​सी समाज को आपस में लड़ाने की साजिश (Accused of fighting tribal society) है. लेकिन समाज अब जाग उठा है. धर्म की राजनीति नहीं चलेगी. ईसाई आदिवासी महासभा,ने शहर के रणजीता स्टेडियम में आमसभा में रैली की अनुमति प्रशासन से मांगी थी. लेकिन प्रशासन ने गिरांग के मैदान में आमसभा के आयोजन की अनुमति कड़े शर्तों के साथ दी थी.''

ये भी पढ़ें - छत्तीसगढ़ में धर्मान्तरण के मुद्दे पर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप

क्या है ईसाई आदिवासियों की मांग : आमसभा संपन्न होने के बाद गिरांग के मैदान से रैली जशपुर के लिए रवाना (Christian community appealed to the administration) हुई. गिरांग से शासकीय एनईएस कालेज,बस स्टेण्ड,महाराजा चौक,जिला चिकित्सालय,रणजीता स्टेडियम होते हुए रैली कलेक्टोरेट पहुंची. यहां अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा के ​नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने के बाद,रैली शांति भवन चर्च,गम्हरिया होते हुए,वापस गिरांग पहुंच कर समाप्त हुई. चिलचिलाती हुई धूप में लगभग 8 किमी दूरी रैली में शामिल लोगों ने तय की. इस दौरान हिंदू,मुस्लिम सिख ईसाई आपस में भाई भाई,आदिवासियों को लड़वाना बंद करो जैसे नारे लगाएं जा रहे थे.

जशपुर : सरगुजा संभाग में डिलिस्टिंग की मांग के विरोध में ईसाई आदिवासी महासभा ने विशाल रैली और आमसभा आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन (Christian tribal society united against delisting) किया. जिले भर से हजारों की संख्या में जुटे ईसाई आदिवासियों ने आमसभा में डिलिस्टिंग के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए,जनजातीय सुरक्षा मंच और इसके नेताओं पर धर्म के नाम पर आदिवासियों को लड़ाने का आरोप लगाते हुए,सीधा हमला किया. आम सभा को विजय लकड़ा,आनंद कुजूर,डॉ पीसी कुजूर,डॉ सीडी बाखला, मोनिका कुजूर ने संबोधित किया.

डिलिस्टिंग के विरोध में एकजुट हुआ ईसाई आदिवासी समाज

किस पर लगे गंभीर आरोप : रैली में विरोध कर रहे ईसाई समुदाय का नेतृत्व कर रहे लोगों ने कहा कि संविधान में आरक्षण की व्यवस्था जातिगत आधार पर की गई है. अंत:करण के अनुसार,धर्म का पालन करने की मौलिक स्वतंत्रता संविधान ने सभी नागरिकों को दिया है. डॉ पीसी कुजूर का कहना था कि ''जनजातिय सुरक्षा मंच आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित कर रहा है. उन्होनें जनजातिय सुरक्षा मंच (Adivasi Tribal Security Forum protested) के उस दावे को भी खारिज कर दिया,जिसमें ईसाई समाज पर आदिवासी और अल्पसंख्यक के रूप में आरक्षण का दोहरा लाभ उठाने का आरोप लगा है.

''धर्म के आधार पर राजनीति ना हो'' : संगठन के अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा ने कहा कि ''धर्म के आधार पर आरक्षण से वंचित करने की मांग पूरी तरह से अनुचित है.आदिवा​सी समाज को आपस में लड़ाने की साजिश (Accused of fighting tribal society) है. लेकिन समाज अब जाग उठा है. धर्म की राजनीति नहीं चलेगी. ईसाई आदिवासी महासभा,ने शहर के रणजीता स्टेडियम में आमसभा में रैली की अनुमति प्रशासन से मांगी थी. लेकिन प्रशासन ने गिरांग के मैदान में आमसभा के आयोजन की अनुमति कड़े शर्तों के साथ दी थी.''

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क्या है ईसाई आदिवासियों की मांग : आमसभा संपन्न होने के बाद गिरांग के मैदान से रैली जशपुर के लिए रवाना (Christian community appealed to the administration) हुई. गिरांग से शासकीय एनईएस कालेज,बस स्टेण्ड,महाराजा चौक,जिला चिकित्सालय,रणजीता स्टेडियम होते हुए रैली कलेक्टोरेट पहुंची. यहां अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा के ​नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने के बाद,रैली शांति भवन चर्च,गम्हरिया होते हुए,वापस गिरांग पहुंच कर समाप्त हुई. चिलचिलाती हुई धूप में लगभग 8 किमी दूरी रैली में शामिल लोगों ने तय की. इस दौरान हिंदू,मुस्लिम सिख ईसाई आपस में भाई भाई,आदिवासियों को लड़वाना बंद करो जैसे नारे लगाएं जा रहे थे.

Last Updated : May 28, 2022, 7:57 PM IST
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