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MOTHERS DAY: शहीद बेटे की प्रतिमा पर हर रोज ममता लुटाती है मां - शहीद बेटे की मुर्ति

जशपुर जिले के पेरूवांआरा के रहने वाले बसील टोप्पो नक्सली हमले में शहीद हो गए थे. अपने बेटे की यादों को जिंदा रखने के लिए माता-पिता ने घर के बाहर शहीद बेटे की प्रतिमा बनवा डाली. मां आज भी शहीद बेटे की प्रतिमा पर वैसा ही प्यार लुटाती है, जैसा बचपन में लुटाती थी.

martyr basil statue in jashpur
शहीद बेटे की प्रतिमा को साफ करती मां
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Published : May 10, 2020, 7:18 PM IST

Updated : May 10, 2020, 7:36 PM IST

जशपुर: इस मडर्स डे पर हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आपकी आंखे भी भर आएंगी. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद हुए बसील टोप्पो की मां निर्मला टोप्पो को देखकर लगता है कि वाकई मां के प्यार और दुलार के आगे सब फीका है. इस मां ने अपने शहीद बेटे की याद में घर के बाहर ही स्मृति स्मारक के रूप में उसकी बड़ी सी प्रतिमा बनवा ली.

अपने शहीद बेटे की इस प्रतिमा को वह हर रोज लाड-प्यार करती है, जैसे मां अपने छोटे बच्चे को करती है. मां रोज शहीद की मुर्ति को साफ करती है और उसे दुलारती है. इस ममत्व के इस मार्मिक दृश्य को देखने वालों की आंखें आज भी बरबस छलक पड़ती है.

बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे बसील

जशपुर जिले के पुरसाबहार तहसील के एक छोटे से गांव पेरूवांआरा में जन्मा बसील, बचपन से ही सेना और पुलिस भर्ती होना चाहता था. हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद बसील जिला पुलिस में भर्ती हो गया. उसे पहली पोस्टिंग धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर के बीजापुर में मिला था. साल 2011 में बसील की पोस्टिंग बीजापुर के भद्रकाली पुलिस थाने में की गई थी. अगस्त 2011 में वह 15 दिन की छुट्टी लेकर अपने घर पेरूवांआरा आया था, लेकिन एक सप्ताह घर में रहने के बाद वह अचानक छुट्टी खत्म होने से पहले ही हेडक्वार्टर जाने के लिए घर से बीजापुर जाने के लिए निकल गया.

नक्सल हमले में शहीद हुए बसील

शहीद बसील के पिता फिरोद टोप्पो के मुताबिक बीजापुर में ज्वाइनिंग देने के बाद बसील 19 अगस्त 2011 को अपने 11 साथियों के साथ भोपालपट्टनम से भद्रकाली कैंप राशन लेकर जा रही एक ट्रैक्टर पर सवार हो गया. भोपालपट्टनम थाना क्षेत्र के दीपला गांव के जंगल में नक्सलियों ने घात लगाकर इस ट्रैक्टर को निशाना बनाया. बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर वाहन को उड़ाने के बाद घात लगाए हुए नक्सलियों ने घायल जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस नक्सल हमले में बसील और उनके तीन साथी शहीद हुए थे.

पढ़ें-अबूझमाड़ की 'कोकिला' ने मचाई सोशल मीडिया पर धूम, देखें VIDEO

बेटे को जीवंत रखने बना ली प्रतिमा

बेटे की शहादत की खबर सुनते ही मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया, लेकिन इस मां ने देश के लिए शहीद हुए अपने कलेजे के टुकड़े को सदा जीवंत रखने की ठानी. इसके लिए मां और पिता दोनों ने मिलकर घर के बाहर बेटे की आदमकद मुर्ति स्थापित कर स्मारक बना दिया. प्यार और ममता की ये कहानी सुनकर लोगों की आंखें भर आती हैं.

जशपुर: इस मडर्स डे पर हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आपकी आंखे भी भर आएंगी. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद हुए बसील टोप्पो की मां निर्मला टोप्पो को देखकर लगता है कि वाकई मां के प्यार और दुलार के आगे सब फीका है. इस मां ने अपने शहीद बेटे की याद में घर के बाहर ही स्मृति स्मारक के रूप में उसकी बड़ी सी प्रतिमा बनवा ली.

अपने शहीद बेटे की इस प्रतिमा को वह हर रोज लाड-प्यार करती है, जैसे मां अपने छोटे बच्चे को करती है. मां रोज शहीद की मुर्ति को साफ करती है और उसे दुलारती है. इस ममत्व के इस मार्मिक दृश्य को देखने वालों की आंखें आज भी बरबस छलक पड़ती है.

बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे बसील

जशपुर जिले के पुरसाबहार तहसील के एक छोटे से गांव पेरूवांआरा में जन्मा बसील, बचपन से ही सेना और पुलिस भर्ती होना चाहता था. हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद बसील जिला पुलिस में भर्ती हो गया. उसे पहली पोस्टिंग धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर के बीजापुर में मिला था. साल 2011 में बसील की पोस्टिंग बीजापुर के भद्रकाली पुलिस थाने में की गई थी. अगस्त 2011 में वह 15 दिन की छुट्टी लेकर अपने घर पेरूवांआरा आया था, लेकिन एक सप्ताह घर में रहने के बाद वह अचानक छुट्टी खत्म होने से पहले ही हेडक्वार्टर जाने के लिए घर से बीजापुर जाने के लिए निकल गया.

नक्सल हमले में शहीद हुए बसील

शहीद बसील के पिता फिरोद टोप्पो के मुताबिक बीजापुर में ज्वाइनिंग देने के बाद बसील 19 अगस्त 2011 को अपने 11 साथियों के साथ भोपालपट्टनम से भद्रकाली कैंप राशन लेकर जा रही एक ट्रैक्टर पर सवार हो गया. भोपालपट्टनम थाना क्षेत्र के दीपला गांव के जंगल में नक्सलियों ने घात लगाकर इस ट्रैक्टर को निशाना बनाया. बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर वाहन को उड़ाने के बाद घात लगाए हुए नक्सलियों ने घायल जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस नक्सल हमले में बसील और उनके तीन साथी शहीद हुए थे.

पढ़ें-अबूझमाड़ की 'कोकिला' ने मचाई सोशल मीडिया पर धूम, देखें VIDEO

बेटे को जीवंत रखने बना ली प्रतिमा

बेटे की शहादत की खबर सुनते ही मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया, लेकिन इस मां ने देश के लिए शहीद हुए अपने कलेजे के टुकड़े को सदा जीवंत रखने की ठानी. इसके लिए मां और पिता दोनों ने मिलकर घर के बाहर बेटे की आदमकद मुर्ति स्थापित कर स्मारक बना दिया. प्यार और ममता की ये कहानी सुनकर लोगों की आंखें भर आती हैं.

Last Updated : May 10, 2020, 7:36 PM IST
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