जशपुर: कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के दौरान देशभर में फंसे मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. जिसके बाद उन्हें उनके घर न भेजकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है, लेकिन कई लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर से भाग रहे हैं. मामाला खारीबहार गांव का है, जहां एक मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर की खिड़की तोड़कर भाग गया.
दरअसल प्रदेश सरकार से लेकर केन्द्र सरकार तक लगातार प्रयास कर रही है कि मजदूरों की घर वापसी कराई जाए. वहीं कोरोना संक्रमण के डर से इन्हें बिना जांच पड़ताल और क्वॉरेंटाइन कराए बिना घर छोड़ना भी बीमारी को आमंत्रण देने जैसा होगा. जिसके चलते सरकार ने गृहजिले पहुंचे मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक रखने की योजना बनाई थी. इसी के तहत मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है, जहां से मजदूर भाग रहे हैं. ताजा मामला जशपुर जिले के फरसाबहार जनपद के खारीबहार गांव में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर का है, जहां बीती रात एक मजदूर खिड़की तोड़कर भाग गया. घटना के बाद से फरार हुए मजदूर की लगातार तलाश की जा रही है.
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मजदूर की खोजबीन
फरसाबहार तहसीलदार लक्ष्मण राठिया ने बताया कि खारीबहार बरडीह के रहने वाले तरुणी कालो नाम के मजदूर को 14 दिनों के लिए सेंटर में रखा गया था, जो ओडिशा राज्य के राउरकेला से आया था. उसे बीती 10 मई को खारीबाहर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. इसके बाद यह मजदूर बीती रात खिड़की तोड़कर क्वॉरेंटाइन सेंटर से फरार हो गया है. उन्होंने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर से भागे मजदूर के संबंध में तुमला थाने में सूचना दे दी गई और उसकी लगातार खोजबीन की जा रही है.
ओडिशा सीमा से फरार मजदूर
तहसीलदार ने अंदेशा जताते हुए बताया कि जानकारी मिल रही है कि मजदूर ओडिशा की सीमा पार कर जंगल के रास्ते से राउरकेला वापस भाग गया है. फिलहाल पुलिस और प्रशासनिक अमला मजदूर की खोज में लगा है. आपको बता दें कि ओडिशा में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, साथ ही राउरकेला में कई कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.