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सरकारी डॉक्टर पर होम आइसोलेशन के नाम पर फीस लेने का आरोप, अधिकारियों ने दी सफाई

जिला अस्पताल के डॉ डीके अग्रवाल पर होम आइसोलेशन मरीज से फीस लेने का आरोप लगा है. हालांकि CMHO डॉ पुरुषोत्तम सुथार का कहना है कि वो फीस वापस कर दी गई है.

jashpur District hospital
जशपुर
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Published : Oct 20, 2020, 7:37 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 7:45 PM IST

जशपुर : जिला अस्पताल के एक सरकारी डॉक्टर पर कोरोना संक्रमित मरीज से आइसोलेशन के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगा है. पीड़ित के परिजनों ने जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पर फीस के नाम पर 4 हजार 200 रुपए वसूल करने का आरोप लगाया है. वहीं डॉक्टर ने अपने पक्ष में शासन की गाइडलाइन का हवाला देते हुए फीस लेने की बात कही है. जबकि CMHO ने बताया कि सिर्फ निजी डॉक्टरों को शासन ने निर्धारित शुल्क लेने की अनुमति दी है.

होम आइसोलेशन के नाम पर फीस लेने का आरोप
पीड़ित के परिजन रोहित निराला ने बताया कि उनके घर के एक सदस्य कोरोना जांच के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचे थे. यहां रैपिड टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. रिपोर्ट आते ही मौके पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर डीके अग्रवाल ने शासन के गाइडलाइन की जानकारी देते हुए हर दिन 250 रुपए के हिसाब से 17 दिन के होम आइसोलेशन के लिए 4200 रुपए की मांग की. पीड़ित ने इलाज के नाम पर पैसे देने की बात पर भी हामी भर दी है. डॉक्टर ने निर्धारित खानापूर्ति कर, होम आइसोलेशन की अनुमति दे दी.

पढ़ें : राजभवन-सरकार में टकराव! : राज्यपाल के फाइल लौटाने पर बोले सीएम, 'सत्र बुलाने से नहीं रोक सकतीं राज्यपाल'


फीस वापस करने की कही बात

डॉक्टर डीके अग्रवाल कहना है कि शासन के नियमों और गाइडलाइंस के आधार पर होम आइसोलेशन के लिए सहमति पत्र दिया गया था और फीस ली गई थी. वहीं CMHO डॉ पुरुषोत्तम सुथार का कहना था कि डॉ अग्रवाल ने जिन मरीजों से रुपए लिए थे, उसे वापस कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि शासन के नियम के अनुसार निजी तौर पर कोरोना के संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन में 250 से लेकर 2500 तक की फीस प्रतिदिन के हिसाब से ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि निजी तौर पर उन्होंने जो फीस ली थी, उसे भी डॉक्टर डी अग्रवाल ने वापस कर दी है.

जशपुर : जिला अस्पताल के एक सरकारी डॉक्टर पर कोरोना संक्रमित मरीज से आइसोलेशन के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगा है. पीड़ित के परिजनों ने जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पर फीस के नाम पर 4 हजार 200 रुपए वसूल करने का आरोप लगाया है. वहीं डॉक्टर ने अपने पक्ष में शासन की गाइडलाइन का हवाला देते हुए फीस लेने की बात कही है. जबकि CMHO ने बताया कि सिर्फ निजी डॉक्टरों को शासन ने निर्धारित शुल्क लेने की अनुमति दी है.

होम आइसोलेशन के नाम पर फीस लेने का आरोप
पीड़ित के परिजन रोहित निराला ने बताया कि उनके घर के एक सदस्य कोरोना जांच के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचे थे. यहां रैपिड टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. रिपोर्ट आते ही मौके पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर डीके अग्रवाल ने शासन के गाइडलाइन की जानकारी देते हुए हर दिन 250 रुपए के हिसाब से 17 दिन के होम आइसोलेशन के लिए 4200 रुपए की मांग की. पीड़ित ने इलाज के नाम पर पैसे देने की बात पर भी हामी भर दी है. डॉक्टर ने निर्धारित खानापूर्ति कर, होम आइसोलेशन की अनुमति दे दी.

पढ़ें : राजभवन-सरकार में टकराव! : राज्यपाल के फाइल लौटाने पर बोले सीएम, 'सत्र बुलाने से नहीं रोक सकतीं राज्यपाल'


फीस वापस करने की कही बात

डॉक्टर डीके अग्रवाल कहना है कि शासन के नियमों और गाइडलाइंस के आधार पर होम आइसोलेशन के लिए सहमति पत्र दिया गया था और फीस ली गई थी. वहीं CMHO डॉ पुरुषोत्तम सुथार का कहना था कि डॉ अग्रवाल ने जिन मरीजों से रुपए लिए थे, उसे वापस कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि शासन के नियम के अनुसार निजी तौर पर कोरोना के संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन में 250 से लेकर 2500 तक की फीस प्रतिदिन के हिसाब से ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि निजी तौर पर उन्होंने जो फीस ली थी, उसे भी डॉक्टर डी अग्रवाल ने वापस कर दी है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 7:45 PM IST
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