जशपुर : कांग्रेस (Jashpur Congress) ने मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर उनकी नाकामयाबियों को गिनाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जशपुर जिला अस्पताल में करोड़ों रुपये के सामग्री घोटाले और बगीचा तहसील(bagicha Tehsil) में एसडीएम पर लगाए गए गंभीर आरोपों का भी मुद्दा उठा.अधिकारी-कर्मचारियों के आरोपों के बाद एसडीएम को बगीचा(bagicha sdm) से हटाकर जिला मुख्यालय जशपुर का एसडीएम(SDM Jashpur) बनाया गया है.
केंद्र सरकार की कमियों को गिनाने के लिए आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में जिला संगठन प्रभारी भानु प्रताप सिंह(Bhanu Pratap Singh) ने जिला चिकित्सालय (District Hospital Jashpur) में उजागर हुए करोड़ों के घोटाले और बगीचा एसडीएम मामले को लेकर कहा कि जिला चिकित्सालय के मामले की जांच की जा रही है. दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. बगीचा की एसडीएम पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद जिला मुख्यालय का एसडीएम बनाए जाने को लेकर कलेक्टर से चर्चा करेंगे. ऐसा किया गया है तो उन्हें हटाकर किसी अन्य पद पर रखा जाए.
भाजपा पर लगाए आरोप
जिला संगठन प्रभारी भानु प्रताप सिंह ने कहा कि 7 साल गुजर जाने के बावजूद केंद्र की भाजपा सरकार अपने वादे पूरा करने में नाकाम रही है. अच्छे दिन का वादा दिखाकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कोरोना काल में आम जनता के जीवन रक्षा के लिए आवश्यक ऑक्सीजन दवा और अस्पताल का इंतजाम करने में भी बुरी तरह से असफल रही है. लाखों देशवासियों को जान गंवाना पड़ा है.
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दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई
इस दौरान प्रेस वार्ता में जिले में तकरीबन डेढ़ करोड़ के हुए सामग्री खरीदी घोटाले का मामला जोरों से उठा. सवालों का जवाब देते हुए भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जिला चिकित्सालय में 2012-13 से आर्थिक गड़बड़ी चल रही थी. मामला उजागर हुआ है दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. जिसके लिए 5 सदस्य टीम भी गठित की गई है.
जांच के दौरान किसी अन्य पद पर रखा जाए
जिले के बगीचा तहसील की तत्कालीन एसडीएम ज्योति बबली कुजूर के ऊपर राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के लगाए गए गंभीर आरोपों के बावजूद विवादित अधिकारी को जिला मुख्यालय जसपुर का एसडीएम बनाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर संगठन प्रभारी कोई उचित जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने मामले में कलेक्टर से चर्चा करने का भरोसा दिया और कहा कि अगर उन्हें एसडीएम बनाया गया है तो जांच के दौरान उन्हें एसडीएम पद से हटाकर किसी अन्य पद पर रखा जाए.
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ये था पूरा मामला
जिले के बगीचा तहसील की तत्कालीन एसडीएम ज्योति बबली कुजूर के खिलाफ पटवारी राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार ने कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिसकी शिकायत कलेक्टर महादेव कावरे से की थी. अधीनस्थ कर्मचारियों ने आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप एसडीएम पर लगाया था. बगीचा व सन्ना के तहसीलदार, आरआई व पटवारियों ने एकजुट होकर भ्रष्ट एसडीएम के खिलाफ आवेदन देकर एसडीएम को तत्काल एसडीएम पद से हटाने की मांग की थी.
बनाया गया जशपुर SDM
बगीचा की तत्कालीन एसडीएम ज्योति बबली कुजूर को बगीचा से हटा दिया गया था. उन्हें जशपुर जिला मुख्यालय का एसडीएम बना दिया गया था. जशपुर एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी को बगीचा का एसडीएम बना दिया गया. जांच के दौरान आरोपों में घिरी एसडीएम को जिला मुख्यालय के एसडीएम बनाने को लेकर भी कई सवाल प्रशासन पर उठे रहे हैं.
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स्वास्थ्य विभाग मामला
स्वास्थ्य विभाग के लिपिक संदीप दास ने शिकायत की थी कि 2 वर्ष पूर्व स्वास्थ्य विभाग में ऑपरेशन में काम आने वाले सामान और कार्यालय में उपयोग होने वाले कागज की भारी मात्रा में खरीदी की गई थी. उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2021 को मुख्य लिपिक के पद पर स्वास्थ्य विभाग में उन्होंने पदभार ग्रहण किया था. इसके कुछ दिन बाद ही जुलाई 2019 से लेकर अप्रैल 2021 तक के 109 भुगतान के बिल उनके सामने प्रस्तुत किए गए. शिकायत में बताया गया है कि इन बिलों में तकनीकी गड़बड़ी थी. 1 करोड़ 36 हजार 974 रुपए का भुगतान करना था. इस खरीदी के लिए किसी भी तरह की निविदा आमंत्रित नहीं की गई थी.