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जशपुर: 'कोई परेशानी नहीं बस घर जाना है' - mla lambodar mahto

ETV भारत ने झारखंड के उन मजदूरों का पता लगा लिया है जिनके बारे में रांची जिले के गोमिया विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो ने CM को ट्वीट किया था.

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'कोई परेशानी नहीं बस घर जाना है'
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Published : Apr 5, 2020, 4:40 PM IST

जशपुर: ETV भारत की टीम ने रांची जिले के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो के उस ट्वीट की पड़ताल कर ली है, जिसमें उन्होंने लॉकडाउन के दौरान झारखंड के 7 मजदूरों के छत्तीसगढ़ के जशपुर में फंसे होने और उन्हें खाना-पीना नहीं मिलने की बात कही थी.ETV भारत ने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो माजरा कुछ और ही निकला.

'कोई परेशानी नहीं बस घर जाना है'

बोकारो के हैं मजदूर:

जशपुर जिला मुख्यालय के पास डोड़काचौरा में इन मजदूरों का पता चला. मौके पर 7 नहीं बल्कि 42 मजदूर मिले, अधिकारियों ने जब पूछताछ शुरू की तो पता चला कि मजदूर झारखंड के बोकारो जिले के पटरवार गांव के रहने वाले है और सभी 42 मजदूर डोड़कचौरा में निर्माणाधीन सरकारी भवन में मजदूरी करने के लिए यहां आए थे. 22 मार्च को कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण यहीं फंस गए.इन मजदूरों ने अपने गांव पहुंचने के लिए बोकारो विधायक डॉ. लंबोदर महतो से मदद की गुहार लगाई थी जबकि इसकी सूचना ना तो स्थानीय ग्राम पंचायत को दी और ना ही किसी अधिकारी को दी.

मजदूरों को नहीं कोई परेशानी:

ETV भारत की टीम ने जब इन मजदूरों से राशन और खाने के सामान की कमी को लेकर जानकारी ली तो मजदूरों ने ऐसी किसी भी परेशानी से इंकार किया. साथ ही ये भी बताया कि ठेकेदार की तरफ से आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है.मजदूरों ने कहा कि उन्हें अपने गांव अपने घर जाना है.

बता दें कि पिछले दिनों रांची जिले के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो ने एक ट्वीट कर जशपुर में हलचल मचा दी थी.विधायक महतो ने ये ट्वीट झारखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 7 मजदूर जशपुर जिले में लॉकडाउन के दौरान फंस गए है और उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है.

जशपुर: ETV भारत की टीम ने रांची जिले के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो के उस ट्वीट की पड़ताल कर ली है, जिसमें उन्होंने लॉकडाउन के दौरान झारखंड के 7 मजदूरों के छत्तीसगढ़ के जशपुर में फंसे होने और उन्हें खाना-पीना नहीं मिलने की बात कही थी.ETV भारत ने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो माजरा कुछ और ही निकला.

'कोई परेशानी नहीं बस घर जाना है'

बोकारो के हैं मजदूर:

जशपुर जिला मुख्यालय के पास डोड़काचौरा में इन मजदूरों का पता चला. मौके पर 7 नहीं बल्कि 42 मजदूर मिले, अधिकारियों ने जब पूछताछ शुरू की तो पता चला कि मजदूर झारखंड के बोकारो जिले के पटरवार गांव के रहने वाले है और सभी 42 मजदूर डोड़कचौरा में निर्माणाधीन सरकारी भवन में मजदूरी करने के लिए यहां आए थे. 22 मार्च को कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण यहीं फंस गए.इन मजदूरों ने अपने गांव पहुंचने के लिए बोकारो विधायक डॉ. लंबोदर महतो से मदद की गुहार लगाई थी जबकि इसकी सूचना ना तो स्थानीय ग्राम पंचायत को दी और ना ही किसी अधिकारी को दी.

मजदूरों को नहीं कोई परेशानी:

ETV भारत की टीम ने जब इन मजदूरों से राशन और खाने के सामान की कमी को लेकर जानकारी ली तो मजदूरों ने ऐसी किसी भी परेशानी से इंकार किया. साथ ही ये भी बताया कि ठेकेदार की तरफ से आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है.मजदूरों ने कहा कि उन्हें अपने गांव अपने घर जाना है.

बता दें कि पिछले दिनों रांची जिले के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो ने एक ट्वीट कर जशपुर में हलचल मचा दी थी.विधायक महतो ने ये ट्वीट झारखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 7 मजदूर जशपुर जिले में लॉकडाउन के दौरान फंस गए है और उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है.

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