जशपुर: कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक यूडी मिंज पनचक्की गांव पहुंचे. उन्होंने जिला प्रशासन, वन विभाग, युवा वैज्ञानिक और सिनगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं से महुआ हर्बल सैनिटाइजर बनाने की पूरी प्रक्रिया को समझा. इस दौरान वनमण्डल अधिकारी कृष्ण जाधव सहित स्व-सहायता समूह की महिलाएं मौजूद रहीं.
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'जशपुर मधुकम'
वनमण्डल अधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि महुआ सैनिटाइजर से 300 महिलाओं को रोजगार देने की दिशा में काम किया जा रहा है. अभी रोजाना 50-60 लीटर महुआ सैनिटाइजर का उत्पादन हो रहा है, जिसका नाम 'जशपुर मधुकम' दिया गया है. उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश है कि प्रतिदिन कम से कम 600 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया जाए.
हर्बल सैनिटाइजर
सैनिटाइजर बनाने के लिए बड़ी मशीन लगाई जा रही है. यह पूरी प्रक्रिया लगभग 10 दिन के अंदर पूरी हो जाएगी. जाधव ने यह भी बताया कि यह सैनिटाइजर कैमिकल मुक्त, 100 प्रतिशत हर्बल युक्त उत्पादन है. आगामी कुछ दिनों में जिले के सन्ना, कुनकुरी, पत्थलगांव में सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू किया जाएगा. कुनकुरी विधायक यूडी मिंज ने यह भी कहा कि जिले की प्रतिभावान महिलाएं जिले का नाम रोशन करने के लिए आगे आ रहीं हैं.
'मजबूत होगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था'
बता दें जशपुर के वैज्ञानिक और रिसर्चर समर्थ जैन ने महुआ के फूल का परिशोधन कर उसे आज की परिस्थितियों के अनुकल कोरोना से लड़ने के लिए महुआ सैनिटाइजर बनाया है, जिसका अच्छा परिणाम आया है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्तर में सुधार होगा. वनोपज का सदुपयोग औषधि क्षेत्र में किया जाना अपने आप में एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आर्थिक कदम होगा.
'सैनिटाइजर से कोई नुकसान नहीं'
युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने बताया कि महुआ सैनिटाइजर जिसे जशपुर में ' जशपुर मधुकम' के नाम से जाना जाता है.उसे व्यवसायिक स्तर पर बेचने के लिए वे तैयार हैं. वे बड़ी मशीन लगाने की तैयारी में है, जिससे उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हो सके. यह पूरी तरह से हर्बल सैनिटाइजर है, जो WHO के तय मापदंड के अनुसार तैयार किया गया है. इसमें किसी प्रकार का कैमिकल उपयोग नहीं किया गया है. इससे त्वचा भी अच्छी रहती है और किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है.