ETV Bharat / state

लाखों रुपये की खाद और दवाईयां खराब, कृषि कर्मचारी का बेतुका बोल- फेरीवाला नहीं हूं, जो घूम-घूम कर बेचूं - medicine

जशपुर में कृषि विभाग की लापरवाही के चलते लाखों रुपये की खाद और दवाईयां पड़े-पड़े खराब हो गई है. इधर, मामले में जब जिम्मेदारों से पूछा गया तो कृषि कर्मचारी का बेतुका बोल सामने आया है. कृषि कर्मचारी का कहना है कि, 'फेरीवाला नहीं हूं, जो घूम-घूम कर बेचूं'.

medicines and fertilizer spoiled
खाद और दवाईयां खराब
author img

By

Published : Aug 26, 2020, 8:04 PM IST

जशपुर: कृषि विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कृषि विभाग की लापरवाही से लाखों के खाद और दवाई पड़े-पड़े खराब हो गए हैं. ये खाद और दवाई किसानों को बांटे जाने के लिए आए थे, लेकिन इसे किसानों में बांटा नहीं गया. जिसके चलते सभी दवाईयां खराब हो गई है. मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

लाखों की खाद और दवाईयां खराब

दरअसल, पूरा मामला जिले के बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ क्षेत्र का है. जहां सैकड़ों किसानों की फसलों के लिए कृषि विभाग के पास लाखों के खाद और दवाई आई थी. कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस खाद और दवाई को न बांटकर एक जर्जर भवन में रख दिया. इस भवन में लगभग दो साल से अधिक समय से ताला लगा है और ये खाद और दवाई इस भवन में पड़े-पड़े खराब हो गए.

किसानों ने की सख्त कार्रवाई की मांग

इस मामले को लेकर स्थानीय किसानों में खासी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि अगर ये खाद और दवाइयां किसी किसान को दी जाती तो इसका फायदा किसान को होता, लेकिन ये अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि दवाइयां जर्जर भवन में सालों से पड़े-पड़े खराब हो रही है और इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इसके साथ ही किसानों ने कृषि विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

पढ़ें- कृषि केंद्र संचालकों पर बड़ी कार्रवाई, गोदामों में डंप किए गए थे फर्टिलाइजर

कृषि विभाग के कर्मचारी का बेतूका जवाब

इस मामले में ईटीवी भारत ने कृषि विभाग के ब्लॉक अधिकारी एके सिंह परिहार से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. वहीं पंडरापाठ के एग्रीकल्चर एडीओ अजीत कुजूर का कहना है कि बीज वितरण के बाद खाद और दवाई आए थे, जिसकी वजह से ये पड़े-पड़े खराब हो गए. दवाईयां किसानों को न बांटे जाने के सवाल पर कृषि विभाग के कर्मचारी का जवाब सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे, कृषि विभाग के एडीओ ने कहा की 'मैं कोई फेरीवाला नहीं कि घूम-घूमकर इसका वितरण करूं.'

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

इस पूरे मामले में जिले के कलेक्टर ने सख्त रूप दिखाते हुए कृषि विभाग के अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है. खाद और दवाई खराब होने से शासन को लाखों का नुकसान हुआ है, लेकिन इसके बावजूद इन कर्मचारियों का इस तरह से गैर जिम्मेदाराना बयान इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है. बहरहाल इस मामले में अब कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

जशपुर: कृषि विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कृषि विभाग की लापरवाही से लाखों के खाद और दवाई पड़े-पड़े खराब हो गए हैं. ये खाद और दवाई किसानों को बांटे जाने के लिए आए थे, लेकिन इसे किसानों में बांटा नहीं गया. जिसके चलते सभी दवाईयां खराब हो गई है. मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

लाखों की खाद और दवाईयां खराब

दरअसल, पूरा मामला जिले के बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ क्षेत्र का है. जहां सैकड़ों किसानों की फसलों के लिए कृषि विभाग के पास लाखों के खाद और दवाई आई थी. कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस खाद और दवाई को न बांटकर एक जर्जर भवन में रख दिया. इस भवन में लगभग दो साल से अधिक समय से ताला लगा है और ये खाद और दवाई इस भवन में पड़े-पड़े खराब हो गए.

किसानों ने की सख्त कार्रवाई की मांग

इस मामले को लेकर स्थानीय किसानों में खासी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि अगर ये खाद और दवाइयां किसी किसान को दी जाती तो इसका फायदा किसान को होता, लेकिन ये अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि दवाइयां जर्जर भवन में सालों से पड़े-पड़े खराब हो रही है और इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इसके साथ ही किसानों ने कृषि विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

पढ़ें- कृषि केंद्र संचालकों पर बड़ी कार्रवाई, गोदामों में डंप किए गए थे फर्टिलाइजर

कृषि विभाग के कर्मचारी का बेतूका जवाब

इस मामले में ईटीवी भारत ने कृषि विभाग के ब्लॉक अधिकारी एके सिंह परिहार से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. वहीं पंडरापाठ के एग्रीकल्चर एडीओ अजीत कुजूर का कहना है कि बीज वितरण के बाद खाद और दवाई आए थे, जिसकी वजह से ये पड़े-पड़े खराब हो गए. दवाईयां किसानों को न बांटे जाने के सवाल पर कृषि विभाग के कर्मचारी का जवाब सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे, कृषि विभाग के एडीओ ने कहा की 'मैं कोई फेरीवाला नहीं कि घूम-घूमकर इसका वितरण करूं.'

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

इस पूरे मामले में जिले के कलेक्टर ने सख्त रूप दिखाते हुए कृषि विभाग के अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है. खाद और दवाई खराब होने से शासन को लाखों का नुकसान हुआ है, लेकिन इसके बावजूद इन कर्मचारियों का इस तरह से गैर जिम्मेदाराना बयान इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है. बहरहाल इस मामले में अब कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.