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जशपुर: हाथियों से फसल को बचाने पेड़ पर मचान बनाकर खेतों की रखवाली कर रहे किसान

जशपुर के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों हाथियों के दल ने फिर से हमला बोल दिया है. लगातार हाथियों के आतंक से परेशान किसानों ने अपनी खेतों की फसलों को बचाने के लिए पेड़ों पर मचान बना लिया है. रातभर मचान में रहकर किसान फसलों की रखवाली कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग को जानकारी देने पर भी वो उनकी परेशानी को दूर नहीं कर रहा है.

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जशपुर में हाथियों का आतंक
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Published : Oct 16, 2020, 7:45 AM IST

Updated : Oct 16, 2020, 10:14 AM IST

जशपुर: जिले में हाथियों का जबरदस्त आतंक है. लगातार हाथियों से परेशान होने वाले किसानों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए नया उपाय ढूंढ निकाला है, लेकिन इसके लिए वे रतजगा करने को मजबूर हैं. बारिश के बीच पेड़ों की शाखाओं पर मचान बांधकर वहां से वे अपने खेतों और फसलों की रखवाली कर रहे हैं. रात में सिर छिपाने के लिए घास-फूस की झोपड़ी बनाकर वे पेड़ों पर रहने को मजबूर हैं.

जशपुर में हाथियों का आतंक

जिले में स्थित बादलखोल अभयारण्य और इसके आसपास के क्षेत्रों में ग्रामीण हाथियों से अपनी फसल बचाने के लिए पेड़ पर घास की झोंपड़ी बनाकर रह रहे हैं, ताकि फसल को बचाया जा सके. कुनकुरी वन परिक्षेत्र के कुडुकेला और जामचुआ क्षेत्र में पिछले एक हफ्ते से 12 से ज्यादा हाथियों का दल विचरण कर रहा है.

बुलाने पर भी नहीं आता वन अमला

हाथियों ने अब तक दर्जनों किसानों की धान, मूंगफली, उड़द की फसलों को बर्बाद कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि हाथियों को खेतों और रहवासी इलाके से दूर रखने में वन अमला भी ग्रामीणों का सहयोग नहीं कर रहा है. गांव के आसपास हाथियों के दल के आने पर ग्रामीणों के बार-बार बुलाने पर भी वन अमला गांव में नहीं पहुंचता, जिससे परेशान होकर अब वे खुद ही अपनी फसलों की रखवाली कर रहे हैं.

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हाथियों से फसलों को बचाने किसानों ने पेड़ पर बनाया मचान
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पेड़ों पर मचान बनाकर रहने को मजबूर किसान

पढ़े- जशपुर: हाथी के हमले में किसान की मौत, लोगों ने की मुआवजे की मांग

किसान महेश राम ने बताया कि पेड़ की शाखाओं के बीच में फूस और तालपतरी से बनी हुई झोंपड़ी में वे रात गुजारते हैं. हाथियों के आते ही टिन, ढोल और मशाल का प्रयोग कर हाथियों के झुंड को खेत से दूर रखने का प्रयास करते हैं. इसमें कुछ हद तक सफलता भी मिल रही है. किसान अपने खून-पसीने की कमाई को बचाने के लिए खतरा उठाकर पहरेदारी करने को मजबूर हैं. वन विभाग ग्रामीणों की हरसंभव मदद करने का आश्वासन दे रहा है.

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हाथियों ने की फसल बर्बाद

आंकड़े के मुताबिक, हाथी इस साल जनवरी से लेकर अब तक जिले में 27 लोगों की जान ले चुके हैं. अब तक कुल 3 हाथियों की मौत भी हो चुकी है.

जशपुर: जिले में हाथियों का जबरदस्त आतंक है. लगातार हाथियों से परेशान होने वाले किसानों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए नया उपाय ढूंढ निकाला है, लेकिन इसके लिए वे रतजगा करने को मजबूर हैं. बारिश के बीच पेड़ों की शाखाओं पर मचान बांधकर वहां से वे अपने खेतों और फसलों की रखवाली कर रहे हैं. रात में सिर छिपाने के लिए घास-फूस की झोपड़ी बनाकर वे पेड़ों पर रहने को मजबूर हैं.

जशपुर में हाथियों का आतंक

जिले में स्थित बादलखोल अभयारण्य और इसके आसपास के क्षेत्रों में ग्रामीण हाथियों से अपनी फसल बचाने के लिए पेड़ पर घास की झोंपड़ी बनाकर रह रहे हैं, ताकि फसल को बचाया जा सके. कुनकुरी वन परिक्षेत्र के कुडुकेला और जामचुआ क्षेत्र में पिछले एक हफ्ते से 12 से ज्यादा हाथियों का दल विचरण कर रहा है.

बुलाने पर भी नहीं आता वन अमला

हाथियों ने अब तक दर्जनों किसानों की धान, मूंगफली, उड़द की फसलों को बर्बाद कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि हाथियों को खेतों और रहवासी इलाके से दूर रखने में वन अमला भी ग्रामीणों का सहयोग नहीं कर रहा है. गांव के आसपास हाथियों के दल के आने पर ग्रामीणों के बार-बार बुलाने पर भी वन अमला गांव में नहीं पहुंचता, जिससे परेशान होकर अब वे खुद ही अपनी फसलों की रखवाली कर रहे हैं.

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हाथियों से फसलों को बचाने किसानों ने पेड़ पर बनाया मचान
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पेड़ों पर मचान बनाकर रहने को मजबूर किसान

पढ़े- जशपुर: हाथी के हमले में किसान की मौत, लोगों ने की मुआवजे की मांग

किसान महेश राम ने बताया कि पेड़ की शाखाओं के बीच में फूस और तालपतरी से बनी हुई झोंपड़ी में वे रात गुजारते हैं. हाथियों के आते ही टिन, ढोल और मशाल का प्रयोग कर हाथियों के झुंड को खेत से दूर रखने का प्रयास करते हैं. इसमें कुछ हद तक सफलता भी मिल रही है. किसान अपने खून-पसीने की कमाई को बचाने के लिए खतरा उठाकर पहरेदारी करने को मजबूर हैं. वन विभाग ग्रामीणों की हरसंभव मदद करने का आश्वासन दे रहा है.

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हाथियों ने की फसल बर्बाद

आंकड़े के मुताबिक, हाथी इस साल जनवरी से लेकर अब तक जिले में 27 लोगों की जान ले चुके हैं. अब तक कुल 3 हाथियों की मौत भी हो चुकी है.

Last Updated : Oct 16, 2020, 10:14 AM IST
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