जशपुर: हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर जंगली हाथियों से ग्रामीण इलाकों में दहशत फैल गई है. जंगली हाथियों का उत्पात लगातार जारी है. हाथियों से बचाने और ग्रामीणों को सतर्क करने के लिए 10 सायरन लगाए गए हैं. सायरन को 'सजग' नाम दिया गया है. लेकिन अब वन विभाग की लापरवाही के कारण सायरन सिर्फ नाम का सजग रह गया है. ये सायरन पिछले 15 दिनों से तकनीक खराबी की वजह से खराब है.
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जशपुर वन विभाग ने हाथियों पर निगरानी रखने के लिए ऑनलाइन सायरन बनाया था, लेकिन सायरन लापरवाही की भेंट चढ़ गया. सभी सायरन ऑफलाइन बता रहे हैं. ऐसे में हाथियों की आने की खबर लोगों को नहीं मिल पा रही है. तकनीकी खराबी के कारण अलर्ट जारी नहीं हो पा रहा है. DFO ने इस खराबी को जल्द ठीक कर लेने की बात कही है.
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कुनकुरी वन परिक्षेत्र में हाथियों की बढ़ी हलचल
वन विभाग ने हाथी प्रभावित क्षेत्र के 10 गांवों में जान माल की सुरक्षा के लिए हाथियों पर ऑनलाइन निगरानी रखी है. वन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना के तहत सजग सायरन लगाए गए थे. जो बाद में बंद पड़े हैं. ऐसे में तपकरा और कुनकुरी वन परिक्षेत्र में हाथियों की हलचल बढ़ती जा रही है. ऑनलाइन अलर्ट सिस्टम की खराबी से ग्रामीण परेशान हैं.
इस तरह काम करता है सजग एप
वन विभाग ने एक एप तैयार किया है. मोबाइल एप को सजग नाम दिया गया है. यह इंटरनेट से संचालित होना वाला एप है. एप के जरिए हाथियों के आने की खबर नजदीकी बीट गॉर्ड और हाथी मित्र दल के सदस्यों के पास पहुंच जाती है. बीट गार्ड और हाथी मित्र दल के पास मोबाइल पर SMS से सूचना मिलती है. सूचना मिलते ही बीट गॉर्ड और हाथी मित्र दल के सदस्य लोगों को सायरन के माध्यम से सतर्क करते हैं.