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जशपुर में हाथी के हमले से बुजुर्ग महिला की मौत

जशपुर में हाथी के हमले से एक बुजुर्ग महिला की मौत का मामला सामने आया है. जशपुर के दुलदुला का ये मामला है. जहां देर रात वृद्ध महिला पर हाथी ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो (Elderly woman dies due to elephant attack in Jashpur ) गई.

Elderly woman dies due to elephant attack
हाथी के हमले से बुजुर्ग महिला की मौत
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Published : Jul 1, 2022, 2:24 PM IST

जशपुर: जशपुर में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. आए दिन हाथी-मानव द्वंद की घटनाएं सामने आती रहती है. ताजा मामला जिले के दुलदुला विकासखंड से सामने आया है, जहां जंगली हाथी ने 52 वर्षीय महिला को कुचल कर मौत के घाट उतार (Elderly woman dies due to elephant attack in Jashpur ) दिया. घटना की सूचना पर वन अमला मोके पर पहुंच गया. पीड़ित परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि 25 हजार मुहैया करायी गई.

एक महिला की मौत: घटना के संबंध में वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि घटना छत्तीसगढ़ झारखंड सीमा से लगे दुलदुला ब्लॉक के ग्राम पंचायत सपघरा की है. जहां बीते रात लगभग 3 बजे एक हाथी ने महिला को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य की सीमा से एक हाथी छत्तीसगढ़ के ग्राम सपघरा में प्रवेश किया. इस समय देर रात्रि होने के कारण सभी सो रहे थे.

परिजनों को दी गई सहायता राशि: हाथी ने सबसे पहले एक मकान को निशाना बनाया. जिसके बाद मकान के बरामदे में सो रही 52 वर्षीय एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया. बरामदे में सो रही 52 वर्षीय गुरबारी बाई को हाथी ने रौंद डाला, जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई. हाथी ने रात को लगभग आधे घंटे तक ग्राम उत्पात मचाया. फिर हाथी वापस जंगल की तरफ निकल गया. घटना की सूचना पाकर वन अमला मौके पर पहुंचा और मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि 25 हजार रुपये का चेक दिया. डीएफओ ने बताया कि बाकी की बची हुई क्षतिपूर्ति राशि बाद में पीड़ित परिवार को मुहैया की जाएगी.

यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश के दो हाथी मरवाही वन मंडल पहुंचे, वन अमला हुआ सतर्क

लोगों को किया जा रहा आगाह: इस विषय में डीएफओ उपाध्याय ने बताया कि जिले में करीबन 45 से 50 हाथी मौजूद हैं, जो जिले के अलग-अलग क्षेत्र में है. उन्होंने बताया कि झारखंड सीमा सपघरा उड़ीसा सीमा के लवाकरा नारायणपुर, चटकपुर, और पत्थलगांव क्षेत्र में भी हाथी मौजूद है. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि झारखंड-उड़ीसा राज्य के जंगलों में कितने हाथी मौजूद हैं? इसकी जानकारी विभाग को नहीं लग पाती है क्योंकि हाथियों का आने-जाने का रास्ता जशपुर से ही होकर गुजरता है. तो हाथी इधर प्रवेश कर जाते हैं. इसके अलावा वन विभाग की टीम लगातार हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को आगाह कर चेतावनी दे रही है. बीते कुछ दिनों से लगातार हाथियों के मोमेंट को देखते हुए घरों के अंदर लोगों को सोने की सलाह दी जा रही है, लेकिन लोग सलाह ना मानकर घर के बाहर सो रहे हैं और ऐसी घटनाएं हो रही है.

एक माह में दूसरा मामला: बता दें कि हाथियों से हमले में मौत का ये दूसरा मामला एक माह के अंतराल में सामने आया है. इससे पहले 1 जून को ही हाथी के हमले से ग्राम सिरिमकेला में घटना घटित हुआ था, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हो गई थी. जिसके बाद से वन अमला लगातार हाथियों के लोकेशन की जानकारी लेकर लोगों की सुरक्षा में अतुल्य योगदान दे रहा है.

जशपुर: जशपुर में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. आए दिन हाथी-मानव द्वंद की घटनाएं सामने आती रहती है. ताजा मामला जिले के दुलदुला विकासखंड से सामने आया है, जहां जंगली हाथी ने 52 वर्षीय महिला को कुचल कर मौत के घाट उतार (Elderly woman dies due to elephant attack in Jashpur ) दिया. घटना की सूचना पर वन अमला मोके पर पहुंच गया. पीड़ित परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि 25 हजार मुहैया करायी गई.

एक महिला की मौत: घटना के संबंध में वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि घटना छत्तीसगढ़ झारखंड सीमा से लगे दुलदुला ब्लॉक के ग्राम पंचायत सपघरा की है. जहां बीते रात लगभग 3 बजे एक हाथी ने महिला को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य की सीमा से एक हाथी छत्तीसगढ़ के ग्राम सपघरा में प्रवेश किया. इस समय देर रात्रि होने के कारण सभी सो रहे थे.

परिजनों को दी गई सहायता राशि: हाथी ने सबसे पहले एक मकान को निशाना बनाया. जिसके बाद मकान के बरामदे में सो रही 52 वर्षीय एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया. बरामदे में सो रही 52 वर्षीय गुरबारी बाई को हाथी ने रौंद डाला, जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई. हाथी ने रात को लगभग आधे घंटे तक ग्राम उत्पात मचाया. फिर हाथी वापस जंगल की तरफ निकल गया. घटना की सूचना पाकर वन अमला मौके पर पहुंचा और मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि 25 हजार रुपये का चेक दिया. डीएफओ ने बताया कि बाकी की बची हुई क्षतिपूर्ति राशि बाद में पीड़ित परिवार को मुहैया की जाएगी.

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लोगों को किया जा रहा आगाह: इस विषय में डीएफओ उपाध्याय ने बताया कि जिले में करीबन 45 से 50 हाथी मौजूद हैं, जो जिले के अलग-अलग क्षेत्र में है. उन्होंने बताया कि झारखंड सीमा सपघरा उड़ीसा सीमा के लवाकरा नारायणपुर, चटकपुर, और पत्थलगांव क्षेत्र में भी हाथी मौजूद है. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि झारखंड-उड़ीसा राज्य के जंगलों में कितने हाथी मौजूद हैं? इसकी जानकारी विभाग को नहीं लग पाती है क्योंकि हाथियों का आने-जाने का रास्ता जशपुर से ही होकर गुजरता है. तो हाथी इधर प्रवेश कर जाते हैं. इसके अलावा वन विभाग की टीम लगातार हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को आगाह कर चेतावनी दे रही है. बीते कुछ दिनों से लगातार हाथियों के मोमेंट को देखते हुए घरों के अंदर लोगों को सोने की सलाह दी जा रही है, लेकिन लोग सलाह ना मानकर घर के बाहर सो रहे हैं और ऐसी घटनाएं हो रही है.

एक माह में दूसरा मामला: बता दें कि हाथियों से हमले में मौत का ये दूसरा मामला एक माह के अंतराल में सामने आया है. इससे पहले 1 जून को ही हाथी के हमले से ग्राम सिरिमकेला में घटना घटित हुआ था, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हो गई थी. जिसके बाद से वन अमला लगातार हाथियों के लोकेशन की जानकारी लेकर लोगों की सुरक्षा में अतुल्य योगदान दे रहा है.

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