जशपुर: साहब, हमें बैंक के खाते में पेंशन नहीं चाहिए. हमें तो पंचायत में ही भुगतान करवा दीजिए. जी हां कुछ ऐसी ही फरियाद लेकर अपनी वृद्धा पेंशन लेने के लिए 12 किलोमीटर का सफर तय करने में असमर्थ बुजुर्ग 110 किलोमीटर का सफर तय कर कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर से गुहार लगाई . इन बुजुर्गों की मांग थी की उन्हें पेंशन बैंक खाते में नहीं बल्कि पंचायत कार्यालय से दी जाए. उनका कहना है कि, जितनी पेंशन उन्हें मिलती है उतने तो बैंक आने जाने में ही खर्च हो जाते हैं.
सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दी जाती है पेंशन
पत्थलगांव जनपद के ग्राम पंचायत जामझोर से अपनी समस्या लेकर आये बुजुर्गों ने कलेक्टर से फरियाद लगाई है. बुजुर्गों का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 350 रुपए का पेंशन दिया जाता है. यह पेंशन अब उनके बैंक खाते में जमा होती है. इस रकम को निकलवाने के लिए 10 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तय करके कोतबा या बागबहार जाना पड़ता है. जिससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
किराए की गाड़ी से बैंक तक जाते हैं बुजुर्ग
बुजुर्गों ने बताया कि 'बैंक पहुंचने के बाद भी उनकी मुसीबत कम नहीं होती है. यहां लंबी लाइन में उन्हें घंटों खड़ा रहना पड़ता है और अगर वे बीमार पड़ गए तो इन्हें, कई महीनों तक पेशन नहीं मिल पाती'. बुजुर्ग हितग्राहियों ने बताया कि पेंशन की राशि लेने जाने के लिए किराए की गाड़ी लेते हैं. इसमें जिसमे आने जाने में ही रूपए खर्च हो जाता है और उनके पास कुछ बचता ही नहीं है. बुजुर्गों ने कलेक्टर से गुहार लगाई कि उन्हें पेंशन दिए जाने की पहले की व्यवस्था के तहत ही भुगतान की व्यवस्था की जाए. ताकि पंचायत भवन में सरपंच और सचिव रकम का भुगतान कर सकें.
बुजुर्गों ने कलेक्टर से जताई उम्मीद
पेंशन की राशि लेने में हो रही परेशानी को दूर करने की उम्मीद लिए हुए बुजुर्ग जामझोर गांव से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी तय कर जशपुर पहुंचे थे. इन हितग्राहियों का कहना है कि 'पेंशन की इस राशि को पाने के लिए हो रही हर महीने की परेशानी से तंग आ चुके है, इससे छुटकारा पाने के लिए उन्होनें एकजुट हो कर कलेक्टर से मिलने का फैसला किया. इन बुजुर्गों ने उम्मीद जताई कि इस समस्या के निपटारे के लिए कलेक्टर कोई न कोई समाधान जरूर निकालेगें'.