जशपुर: आधी रात को दुलदुला अस्पताल के औचक निरिक्षण पर गए संसदीय सचिव कुनकुरी विधायक यूडी मिंज और जशपुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल के साथ गई टीम पर दुलदुला सामुदायिक केंद्र के डॉक्टरों ने मारपीट के गंभीर आरोप आरोप लगाएं हैं. जिसके बाद जिले में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुलदुला के डॉक्टर नीतीश आनंद सोनवानी ने बीएमओ दुलदुला से शिकायत की.
टीम के लोगों पर शराब पीने का आरोप: इस दौरान उन्होंने बताया कि "25 मई की रात लगभग साढ़े 11 बजे कलेक्टर रितेश अग्रवाल और संसदीय सचिव यूडी मिंज अपने टीम के साथ अस्पताल की जांच के लिए पहुंचे थे. इस दौरान टीम में शामिल कुछ लोग शराब के नशे में धुत्त थे. इन लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की. अस्पताल में सारे स्टाफ के सामने हुए इस घटना से वे स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं. इसलिए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं". अपने इस आवेदन के साथ डॉ. सोनवानी ने अस्पताल के सीसीटीवी का फुटेज भी दिया है.
कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन: बता दें कि सोशल मीडिया पर चिकित्सक सोनवानी के साथ हुई इस कथित घटना और उनके त्याग पत्र का मामला तूल पकड़ने लगा है. इसे देखते हुए कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने इस पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित करने की घोषणा की है. कलेक्टर ने कहा है कि "टीम मौके पर जा कर पूरे मामले की जांच करेगी. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी".
संसदीय सचिव ने आरोप को गलत बताया: वहीं, संसदीय सचिव यूडी मिंज से इस पूरे मामले में चर्चा की तो उन्होंने डॉ. सोनवानी के सभी आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें लंबे समय से दुलदुला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्था और मनमानी की शिकायत मिल रही थी. इसलिए बीती रात कुनकुरी के एसडीएम रवि राही के साथ वे दुलदुला के अस्पताल पहुचे. यहां उनके पहुंचने से पहले ही कलेक्टर रितेश अग्रवाल पहुंच चुके थे.
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ड्यूटी से नदारद थे सोनवानी: संसदीय सचिव ने बताया कि "जिस समय वे पहुंचे आपातकालीन ड्यूटी में तैनात डॉ सोनवानी अस्पताल से नदारद थे. कुछ देर बाद जब वे वापस लौटे तो उन्होंने बताया कि वे भोजन करने घर गए हुए थे". यूडी मिंज का कहना है कि "निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई अनियमितताएं मिली. अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा का स्टॉक होने के बावजूद पर्ची लिख कर दुकानों से खरीदी कराई जा रही थी. शासन प्रशासन द्वारा पर्ची लिखने के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. डॉक्टर सोनवानी के सारे आरोप गलत हैं. शिकायत पर अधिकारियों के साथ जांच के लिए पहुंचा था. जांच टीम का गठन किया गया है...सच्चाई सामने आ जायेगी".