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जशपुर में मेडिकल वेस्ट के निपटान के लिए 70 लाख की लागत से लगेगी डिस्पेंसर मशीन - टीकाकरण केंद्र

मेडिकल वेस्ट (medical waste) के निपटान की कोई व्यवस्था अब तक जिले में नहीं है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से बालाछापर गांव की गोठान में डिस्पेंसर मशीन (dispenser machine) लगाई जा रही है.

medical waste in jashpur
अस्पतालों से निकला कचरा
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Published : Jun 8, 2021, 9:36 PM IST

जशपुर: अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट (medical waste) के निपटान की कोई व्यवस्था अब तक जिले में नहीं है. अस्पतालों से निकलने वाला कचरा को अस्पताल के क्षेत्र में नष्ट किया जाता है. साथ ही जिले के कोविड अस्पतालों (covid hospitals) से निकलने वाला कचरा स्वास्थ्य विभाग (health Department) की मुसीबत बना हुआ था. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से बालाछापर गांव की गोठान में डिस्पेंसर मशीन (dispenser machine) लगाई जा रही है. इस मशीन के लग जाने से क्षेत्र के 70 किलोमीटर के अंदर के अस्पतालों के कचरे का निपटान किया जा सकेगा. साथ ही इसका संचालन समूह की महिलाओं द्वारा कराया जाएगा. जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलेगा.

70 लाख की लागत से लगेगी डिस्पेंसर मशीन

अब तक नहीं थी कोई व्यवस्था

जशपुर जिले में अस्पतालों से निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए कोई व्यवस्था अब तक नहीं है. अस्पतालों से निकलने वाले कचरे को अस्पताल परिषद क्षेत्र या अन्य खुले स्थानों पर जलाकर नष्ट किया जाता है. जिससे संक्रमण का खतरा या प्रदूषण भी फैलता है. कोरोना संक्रमण के बाद मेडिकल वेस्ट (medical waste) के निपटान की समस्या और भी गंभीर हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग को अब अस्पताल के साथ को कोविड सेंटर और टीकाकरण केंद्र (vaccination center) से निकलने वाले मेडिकल कचरे के निपटान के लिए भी जूझना पड़ रहा है पीपीई किट, मास्क, इंजेक्शन सिरिंज मेडिकल कचरा भारी मात्रा में रोजाना जमा हो रहा है. लेकिन जिले में फिलहाल कहीं भी इनके निपटान की कोई व्यवस्था नहीं है. अस्पताल और सेंट्रल से निकलने वाले कचरे को खुले में इकट्ठा कर जलाया जा रहा है.

मंत्री अमरजीत भगत के बेटे ने की पहाड़ी कोरवाओं की जमीन वापस, बीजेपी जश्न की तैयारी में

गौठान में लगेगी डिस्पेंसर मशीन

जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे (Jashpur Collector Mahadev Kavre) ने बताया कि खनिज न्यास निधि से कचरे के निपटान के लिए मशीन लगाई जा रही है. इसके लिए खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिसकी कीमत 70 लाख रुपये के आसपास होगी. इस मशीन के लग जाने से मेडिकल के कचरे को सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इस मशीन को शहर से दूर बालाछापर गांव के गोठन में स्थापित किया जाएगा.

जशपुर: अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट (medical waste) के निपटान की कोई व्यवस्था अब तक जिले में नहीं है. अस्पतालों से निकलने वाला कचरा को अस्पताल के क्षेत्र में नष्ट किया जाता है. साथ ही जिले के कोविड अस्पतालों (covid hospitals) से निकलने वाला कचरा स्वास्थ्य विभाग (health Department) की मुसीबत बना हुआ था. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से बालाछापर गांव की गोठान में डिस्पेंसर मशीन (dispenser machine) लगाई जा रही है. इस मशीन के लग जाने से क्षेत्र के 70 किलोमीटर के अंदर के अस्पतालों के कचरे का निपटान किया जा सकेगा. साथ ही इसका संचालन समूह की महिलाओं द्वारा कराया जाएगा. जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलेगा.

70 लाख की लागत से लगेगी डिस्पेंसर मशीन

अब तक नहीं थी कोई व्यवस्था

जशपुर जिले में अस्पतालों से निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए कोई व्यवस्था अब तक नहीं है. अस्पतालों से निकलने वाले कचरे को अस्पताल परिषद क्षेत्र या अन्य खुले स्थानों पर जलाकर नष्ट किया जाता है. जिससे संक्रमण का खतरा या प्रदूषण भी फैलता है. कोरोना संक्रमण के बाद मेडिकल वेस्ट (medical waste) के निपटान की समस्या और भी गंभीर हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग को अब अस्पताल के साथ को कोविड सेंटर और टीकाकरण केंद्र (vaccination center) से निकलने वाले मेडिकल कचरे के निपटान के लिए भी जूझना पड़ रहा है पीपीई किट, मास्क, इंजेक्शन सिरिंज मेडिकल कचरा भारी मात्रा में रोजाना जमा हो रहा है. लेकिन जिले में फिलहाल कहीं भी इनके निपटान की कोई व्यवस्था नहीं है. अस्पताल और सेंट्रल से निकलने वाले कचरे को खुले में इकट्ठा कर जलाया जा रहा है.

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गौठान में लगेगी डिस्पेंसर मशीन

जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे (Jashpur Collector Mahadev Kavre) ने बताया कि खनिज न्यास निधि से कचरे के निपटान के लिए मशीन लगाई जा रही है. इसके लिए खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिसकी कीमत 70 लाख रुपये के आसपास होगी. इस मशीन के लग जाने से मेडिकल के कचरे को सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इस मशीन को शहर से दूर बालाछापर गांव के गोठन में स्थापित किया जाएगा.

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