जशपुर: झोला छाप डॉक्टर के गलत ईलाज के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन अगर जिला अस्पताल में ही गलत ईलाज हो तो आप क्या कहेंगे.
मामला जशपुर जिला अस्पताल का है जहां पर दो महिलाओं की जान बचाने के लिए उन्हें ब्लड चढ़ाया जा रहा था, लेकिन नर्स की एक गलती के कारण जिंदगी देने वाला खून मरीजों के जान पर भारी पड़ने लगा. हालांकि समय रहते गलती सुधार लिया गया.
दोषियों पर होगी कार्रवाई: डॉक्टर
अस्पताल के डॉक्टर दोषियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. दरअसल अस्पताल में भर्ती दो महिलाओं को पहले तो गलत ब्लड चढ़ा दिया गया था. ब्लड चढऩे के बाद जब मरीजों की स्थिति बिगडऩे लगी तो अस्पताल के कर्मचारियों ने आनन फानन में अपनी गलती में सुधार किया.
जा सकती थी जान
बता दें कि अगर समय रहते गलती में सुधार नहीं किया जाता तो दोनों महिला मरीजों की जान पर बन आती. अस्पताल के महिला वार्ड में बेड़ नंबर 25 पर फरसाबहार पंडरीपानी की सुखमनी कुजूर एवं बेड़ नंबर 26 पर मधुवन टोली की रहने वाली अंजू बंजारे भर्ती थीं. दोनों महिलाओं में खून की कमी थी.
स्टाप नर्स ने गलती से चढ़ाया ब्लड
अस्पताल में भर्ती दोनों मरीजों को खून चढ़ाया जा रहा था. सुखमनी कुजूर को ए पॉजिटीव और अंजू बंजारे को बी पॉजिटीव ब्लड चढऩा था. लेकिन मंगलवार की शाम स्टाप नर्स की गतली के कारण दोनों महिलाओं को अलग-अलग ब्लड चढ़ा दिया गया. मसलन सुखमनी कुजूर को बी पॉजिटीव एवं अंजू बंजारे को ए पॉजिटीव ब्लड चढ़ा दिया गया.
बेटे ने पकड़ी गलती
ब्लड़ चढऩे के कुछ मिनटों बाद ही दोनों मरीजों की स्थिति बिगडऩे लगी. मरीजों की स्थिति बिगडऩे पर सूखमनी के बेटे की नजर जब ब्लड़ बैग पर पड़ी तो उसके होश ही उड़ गए. दरअसल उसकी मां को मां को गलत ब्लड़ चढ़़ाया जा रहा था.
लगानी पड़ी ऑक्सीजन
गलत खून चढ़ाने की जानकारी लगने पर सूखमनी के बेटे ने तत्काल ड्यूटी पर तैनात स्टाप नर्स को इसकी जानकारी दी. स्टाप नर्स को जानकारी मिलते ही उसने तत्काल अपनी गलती को सुधार करते हुए ब्लड़ निकालकर दोनों को सही ब्लड चढ़ाया. गलत ब्लड चढऩे के कारण दोनों मरीजों की स्थिति भी बिगडऩे लगी थी. सूखमनी बाई की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि उसे ऑक्सीजन तक चढ़ाना पड़ा. वहीं इस मामले में डॉक्टर का कहना है ETV भारत से उन्हें जानकारी मिली है जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.