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डोड़की नदी पर 'मौत का पुल', कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - jashpur news

जशपुर के बगीचा नगर पंचायत में डोड़की नदी पर पुल के नहीं बनने से लोग जानलेवा सफर करने को मजबूर हैं. लोगों के बहुत प्रयास के बाद पुल निर्माण का काम शुरू तो हुआ, लेकिन 3 साल बाद भी पुल नहीं बन पाया है.

डोड़की नदी पर मौत का पुल
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Published : Oct 30, 2019, 6:24 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 8:42 PM IST

जशपुरः प्रदेश में आज भी कई इलाकों के लोगों को स्कूल, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क और पुल जैसी कई ऐसी बुनियादी जरुरतों की कमी में जीना पड़ रहा है. कई जगहों पर तो सरकार का ध्यान नहीं गया और कई जगहों पर ठेकेदारों की वजह से काम अधर में लटका हुआ है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पैकेज

जशपुर के बगीचा में डोड़की नदी पर पुल नहीं होने से लोग मौत का सफर करने को मजबूर हैं. तीन साल के लंबे इंतजार के बाद जब पुल नहीं बना तो लोगों ने जन सहयोग से खुद पुल बनाया. लेकिन इस पुल पर सफर करना जानलेवा है. डोड़की नदी में पुल नहीं बनने से वार्ड वासियों और स्कूली बच्चों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है. स्थानीय निवासियों ने लकड़ी के तख्तों से पुल बनाया है और इसके जरिए ही नदी के एक ओर से दूसरे ओर आते-जाते हैं. इस दौरान कई लोग मोटरसाइकल से पुल पार करते हुए नदी में गिर भी जाते हैं. स्कूली बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग सभी मौत के पुल पर सफर करने को मजबूर हैं.

तीन साल से बन रहा है पुल
नगर पंचायत बगीचा के बीचो-बीच डोड़की नदी गुजरती है. इस वजह से नगर दो भागों में बट जाती है. नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 3,4 और 5 के लोगों को नदी पार कर आना-जाना पड़ता है. पुल निर्माण के लिए प्रशासन ने करोड़ों रुपए का टेंडर ठेकेदार को दिया है, लेकिन ठेकेदार ने 3 साल बाद भी पुल निर्माण का काम पूरा नहीं किया है. इस कारण लोगो को जोखिम उठाना पड़ रहा है.

पढ़ेंः-सरगुजा : गया था अंतिम संस्कार में शामिल होने, रास्ते में बांहे फैलाए खड़ी थी मौत

बारिश में होती है परेशानी
बारिश के दिनों में तेज बारिश की वजह से नदी में अक्सर उफान होता है. इस कारण वार्ड में रहने वाले लगभग 2 हजार लोगों की जिंदगी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है.

जन-सहयोग से बनाया पुल
वार्ड के निवासियों ने बताया की स्कूली बच्चों और राहगीरों की तकलीफ को देखते हुए, आने-जाने के लिए नदी पर लोहे और लकड़ी के तख्तों का पुल बनाया है, जिससे बच्चें आसानी से स्कूल जा सके. लेकिन बारिश के दिनों में नदी में उफान होने से यह पुल भी डूब जाता है और आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है.

वार्ड के निवासियों का जल सत्याग्रह
कई बार इस नदी पर हादसा हो चुका है. कई लोगों की जान भी गई है..बावजूद इसके प्रशासन की नींद नहीं टूटी है. क्या प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है. यहां के निवासियों ने पुल को लेकर जल सत्याग्रह भी किया बावजूद इसके अभी तक यहां पुल निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. हद तो तब हो गई जब मामले में एसडीएम ने जानकारी नहीं होने की बात कही . मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इसका संज्ञान लेकर पुल निर्माण का काम जल्द पूरा कराएंगे.

जशपुरः प्रदेश में आज भी कई इलाकों के लोगों को स्कूल, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क और पुल जैसी कई ऐसी बुनियादी जरुरतों की कमी में जीना पड़ रहा है. कई जगहों पर तो सरकार का ध्यान नहीं गया और कई जगहों पर ठेकेदारों की वजह से काम अधर में लटका हुआ है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पैकेज

जशपुर के बगीचा में डोड़की नदी पर पुल नहीं होने से लोग मौत का सफर करने को मजबूर हैं. तीन साल के लंबे इंतजार के बाद जब पुल नहीं बना तो लोगों ने जन सहयोग से खुद पुल बनाया. लेकिन इस पुल पर सफर करना जानलेवा है. डोड़की नदी में पुल नहीं बनने से वार्ड वासियों और स्कूली बच्चों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है. स्थानीय निवासियों ने लकड़ी के तख्तों से पुल बनाया है और इसके जरिए ही नदी के एक ओर से दूसरे ओर आते-जाते हैं. इस दौरान कई लोग मोटरसाइकल से पुल पार करते हुए नदी में गिर भी जाते हैं. स्कूली बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग सभी मौत के पुल पर सफर करने को मजबूर हैं.

तीन साल से बन रहा है पुल
नगर पंचायत बगीचा के बीचो-बीच डोड़की नदी गुजरती है. इस वजह से नगर दो भागों में बट जाती है. नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 3,4 और 5 के लोगों को नदी पार कर आना-जाना पड़ता है. पुल निर्माण के लिए प्रशासन ने करोड़ों रुपए का टेंडर ठेकेदार को दिया है, लेकिन ठेकेदार ने 3 साल बाद भी पुल निर्माण का काम पूरा नहीं किया है. इस कारण लोगो को जोखिम उठाना पड़ रहा है.

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बारिश में होती है परेशानी
बारिश के दिनों में तेज बारिश की वजह से नदी में अक्सर उफान होता है. इस कारण वार्ड में रहने वाले लगभग 2 हजार लोगों की जिंदगी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है.

जन-सहयोग से बनाया पुल
वार्ड के निवासियों ने बताया की स्कूली बच्चों और राहगीरों की तकलीफ को देखते हुए, आने-जाने के लिए नदी पर लोहे और लकड़ी के तख्तों का पुल बनाया है, जिससे बच्चें आसानी से स्कूल जा सके. लेकिन बारिश के दिनों में नदी में उफान होने से यह पुल भी डूब जाता है और आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है.

वार्ड के निवासियों का जल सत्याग्रह
कई बार इस नदी पर हादसा हो चुका है. कई लोगों की जान भी गई है..बावजूद इसके प्रशासन की नींद नहीं टूटी है. क्या प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है. यहां के निवासियों ने पुल को लेकर जल सत्याग्रह भी किया बावजूद इसके अभी तक यहां पुल निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. हद तो तब हो गई जब मामले में एसडीएम ने जानकारी नहीं होने की बात कही . मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इसका संज्ञान लेकर पुल निर्माण का काम जल्द पूरा कराएंगे.

Intro:
जशपुर डोड़की नदी पर बन रहा पुल अधर में लटका है, जिसके चलते ग्रामीण परेसान है बीते दो साल से ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल कर जुगाड़ के पुल से आनाजाना कर रहे है, नदी में करोड़ों लागत से पुल स्वीकृति है लेकिन प्रशासनिक लापरवाही ओर ठेकेदार की मनमानी का नतीजा ग्रामीण भोग रहे है,


Body:जिले के बगीचा तहसील मुख्य के तीन वार्ड के लोग उफनती डोड़की नदी में जान में जोखिम में डाल कर पार करने को मजबूर नगर पंचायत बगीचा में वार्ड क्रमांक 3, 4, और पाँच के करीबन 2 हजार वार्डवासी कई दशकों से डोड़की नदी में पुल की माँग कर रहे थे। इस नदी में पुल नही होने की वजह से उफनते पहाड़ी नदी को बारिश में पार करने की वजह से कई मौतें भी हो चुकी थीं जिसके बाद वार्डवासियों एवं स्कुली बच्चों ने विगत दो साल पूर्व उफनती नदी में पानी मे डूबकर जल सत्याग्रह आंदोलन भी था।


Conclusion:जिसके बाद प्रशासन ने करोड़ो की लागत से पुल निर्माण की स्वीकृति दे दी थी। जिसका कार्य भी शुरू हुआ लेकिन वह भी अधर में लटक गया। इस पुल निर्माण को 8 महीने पहले ही पूरा हो जाना था लेकिन ठेकेदार एवं सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही से अब तक पुल निर्माण अधुरा है। ओर ग्रामीण जुगाड़ के पुल से जान जोख़िम में डाल कर पार करने को मजबूर है। वहीं मामले में बगीचा एसडीएम ने जल्द ही इस समस्या के निराकरण की बात कही है।

बाईट 1- छात्र
बाईट 2- छात्र
बाईट 3- मोहर साय (पार्षद)
बाईट 4- रोहित व्यास (एसडीएम)

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Oct 30, 2019, 8:42 PM IST
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