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नसबंदी में लापरवाही, डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस

जशपुर जिला अस्पताल में नसबंदी कराने पहुंची महिलाओं को नसबंदी के बाद ऐसे ही छोड़ दिया गया था. जिसके बाद एक महिला 1 किलोमीटर पैदल चलकर घर जाने के लिए बस स्टैंड पहुंची थी. पैदल चलने के कारण महिला को दर्द होने लगा था. इसी केस में कलेक्टर ने जिला अस्पताल के डॉक्टर को कारण बताओ नेटिस जारी किया है.

Women continued to suffer after sterilization
नसबंदी होने के बाद तड़पती रही रही महिलाएं
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Published : Mar 24, 2021, 7:25 PM IST

जशपुरः स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर में महिलाओं को 24 घंटे के इंतजार के बाद नसबंदी तो की गई, लेकिन नसबंदी के बाद सभी को उनके हाल पर छोड़ दिया गया. जिससे कई महिलाओं की हालत बिगड़ने लगी. हालांकि काफी हंगामा के बाद सभी का इलाज किया जा रहा है.

नसबंदी होने के बाद तड़पती रही रही महिलाएं

आरोप है कि नसबंदी के बाद महिलाओं को उनको घर पहुंचाने की बजाय जिम्मेदारों ने उनके हाल पर छोड़ दिया. ऑपरेशन के तुंरत बाद महिलाएं अपने घर जाने के लिए 1 किलोमीटर पैदल चलकर बस स्टैंड पहुंची. पैदल चलने की वजह से उन्हें दर्द होने लगा. जिसके कारण वे बस स्टैंड पर ही तड़पने लगी. हालांकि आनन-फानन में सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. केस में कलेक्टर महादेव कावरे ने डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

22 मार्च को पत्थलगांव की 50 से अधिक महिलाओं को नसबंदी के लिए जिला अस्पताल बुलाया गया था. सुबह से लेकर शाम तक महिलाओं को भूखे प्यासे इंतजार कराया गया, लेकिन ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंची. जिससे नाराज होकर महिलाओं ने देर रात कलेक्टर बंगले का घेराव कर दिया. कलेक्टर के आदेश के बाद रात में ही सभी महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया गया.

नसबंदी नहीं होने से नाराज महिलाओं ने कलेक्टर बंगले का किया घेराव

बीजेपी करेगी आंदोलन

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर भाजपा आंदोलन की तैयारी में है. भाजपा नेता राजकपूर का कहना है कि महिलाओं को ऑपरेशन के बाद घर तक छोड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए. महिलाओं को ऑपरेशन के बाद ऐसे ही छोड़ दिया गया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि इसके लिए कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपेंगे. साथ ही जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे.

जशपुरः स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर में महिलाओं को 24 घंटे के इंतजार के बाद नसबंदी तो की गई, लेकिन नसबंदी के बाद सभी को उनके हाल पर छोड़ दिया गया. जिससे कई महिलाओं की हालत बिगड़ने लगी. हालांकि काफी हंगामा के बाद सभी का इलाज किया जा रहा है.

नसबंदी होने के बाद तड़पती रही रही महिलाएं

आरोप है कि नसबंदी के बाद महिलाओं को उनको घर पहुंचाने की बजाय जिम्मेदारों ने उनके हाल पर छोड़ दिया. ऑपरेशन के तुंरत बाद महिलाएं अपने घर जाने के लिए 1 किलोमीटर पैदल चलकर बस स्टैंड पहुंची. पैदल चलने की वजह से उन्हें दर्द होने लगा. जिसके कारण वे बस स्टैंड पर ही तड़पने लगी. हालांकि आनन-फानन में सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. केस में कलेक्टर महादेव कावरे ने डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

22 मार्च को पत्थलगांव की 50 से अधिक महिलाओं को नसबंदी के लिए जिला अस्पताल बुलाया गया था. सुबह से लेकर शाम तक महिलाओं को भूखे प्यासे इंतजार कराया गया, लेकिन ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंची. जिससे नाराज होकर महिलाओं ने देर रात कलेक्टर बंगले का घेराव कर दिया. कलेक्टर के आदेश के बाद रात में ही सभी महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया गया.

नसबंदी नहीं होने से नाराज महिलाओं ने कलेक्टर बंगले का किया घेराव

बीजेपी करेगी आंदोलन

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर भाजपा आंदोलन की तैयारी में है. भाजपा नेता राजकपूर का कहना है कि महिलाओं को ऑपरेशन के बाद घर तक छोड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए. महिलाओं को ऑपरेशन के बाद ऐसे ही छोड़ दिया गया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि इसके लिए कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपेंगे. साथ ही जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे.

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