जशपुर : कलेक्टर महादेव कावरे ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को वर्मी कंपोस्ट खाद के बनाने और बेचने के संबंध में जानकारी ली. चाय की खेती के साथ-साथ कॉफी की खेती के लिए भी बढ़ावा देने के निर्देश दिए.
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कॉफी खेती के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा
कलेक्टर कावरे ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि गौठान में कॉफी की खेती करने और उसे बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि किसानों को चाय की खेती के साथ-साथ कॉफी की खेती के लिए भी प्रोत्साहित करना है. उन्होंने 30 से 40 गोठनों को चिन्हांकित कर कॉफी उत्पादन के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए. ताकि समूह की महिलाओं को खाद उत्पादन के साथ ही अन्य आजीविका के साधनों से जोड़ा जा जा सके.
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कॉफी के लिए किया जाएगा प्रयास
इस दौरान वन मंडल अधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि गोठनों में कॉफी की खेती के लिए छाया की भी आवश्यकता होती है. पंडरापाठ और दुलदुला विकासखंड के गोठनों को चिन्हित किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने गुटरी और बालाछापर में भी चाय के पौधे लगाकर चाय की खेती को बढ़ावा देने की बात कही.
महुआ जाली लगाने के निर्देश
कलेक्टर महादेव कावरे ने कहा कि जिन गौठानों में 5 से अधिक महुआ के पेड़ लगे हैं, उन गोठनों में महुआ जाली लगाई जा सकती है. ताकि महुआ फल जमीन पर ना गिरकर जाली में गिर सकें. उन्होंने गौठान में काम कर रही महिलाओं को खाद बनाने के साथ ही आजीविका से जोड़ने के लिए सिलाई मशीन का प्रशिक्षण देने के साथ ही सिलाई मशीन देने के भी निर्देश दिए.