जशपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन अपनी 14 मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है. मंगलवार को फेडरेशन के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. फेडरेशन के बैनर तले मंगलवार को कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान संगठन ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की है. वहीं पटवारी संघ ने सरकार से भुइयां सॉफ्टवेयर के संचालन में आ रही परेशानी के साथ बिना विभागीय जांच के पटवारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर जमकर नाराजगी जताई है.
पढ़ें: 14 सूत्रीय मांग को लेकर धमतरी में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने निकाली मशाल रैली
अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन की प्रमुख मांगें
- वेतन विसंगति को दूर किया जाए और नियमितीकरण की मांग पूरी हो.
- प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को जुलाई 2019 का 5% और जनवरी 2020 का कुल 9% महंगाई भत्ता मिले.
- लंबित पदोन्नति को लागू किया जाए.
- कोरोना काल में सेवा कर रहे मृतक अधिकारियों-कर्मचारियों को राजस्थान सरकार की तर्ज पर 50 लाख रुपए का बीमा मिले.
- सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति की जाए.
- तृतीय वेतनमान का आदेश जारी किया जाए.
- राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग.
- वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के बकाया एरियर्स का भुगतान.
- 50 लाख की अनुग्रह राशि की मांग.
- अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों का निराकरण.
पढ़ें: कांकेर: ग्राम रोजगार सहायक संघ ने किया धरना प्रदर्शन, पंचायत मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
राजस्व पटवारी संघ के सदस्य भुईयां सॉफ्टवेयर से परेशान हैं. पटवारी संघ ने इसे लेकर मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और भुईयां सॉफ्टवेयर के संचालन के लिए संसाधन उपलब्ध ने कराए जाने को लेकर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि सॉफ्टवेयर के लिए लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर और इंटरनेट की व्यवस्था नहीं की गई है. उनका कहना है कि फसलों के गिरदावरी के दौरान सर्वर के डाउन होने या धीमे होने की समस्या होती है, लेकिन अधिकारी इन समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे वे परेशान हैं.
साथ ही बिना विभागीय जांच के ही पटवारियों के खिलाफ FIR दर्ज होने की बात पर नाराजगी जताई है. पटवारी संघ ने विभागीय जांच के बिना कार्रवाई पर रोक लगाए जाने की मांग की है. इसके साथ ही मुख्यालय में रहने की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग भी की है. पटवारी संघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई, तो वे 14 दिसंबर से अनिश्चितकालिन हड़ताल पर चले जाएंगे.