जशपुर: हर साल नीमगांव जलाशय में साईबेरिया के प्रवासी पक्षियों का आगमन होता था. लेकिन बीते कुछ साल में इन प्रवासी पक्षियों के लगातार शिकार होने की वजह से नीमगांव जलाशय में धीरे-धीरे पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है. इसे देखते हुए अब जिला प्रशासन ने नीमगांव जलाशय को पक्षी विहार के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है. यहां पक्षियों के अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा और उनके रहने-खाने के लिए पर्याप्त इंतजाम कर उनके लिए बसेरा बनाया जाएगा.
जशपुर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर झारखंड सीमा पर स्थित नीमगांव जलाशय में हर साल प्रवासी पक्षियों का आगमन होता था. यहां पहले 12 प्रजाति के साइबेरियन पक्षी सैकड़ों की संख्या में पहुंचते थे. जो दो तीन महीनों का समय बिताकर वापस लौट जाया करते थे, लेकिन बढ़ते शिकार की वजह से अब पांच प्रजाति के पक्षी यहां पहुंचते हैं. इन पक्षियों को देखने बड़ी संख्या में सैलानी भी नीमगांव जलाशय पहुंचते थे.
पक्षियों का शिकार करने पर तीन साल की कैद
बीते कुछ सालों में इन पक्षियों का शिकार लगातार बढ़ गया, इसकी वजह से यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी आ रही है. इस साल पिछले साल की तुलना में यहां कम पक्षी पहुंचे हैं. इससे प्रशासन को चिंता सताने लगी है. इसकी वजह से प्रशासन ने यहां सख्ती बरतते हुए पक्षियों का शिकार रोकने के लिए इनके शिकार करने पर तीन साल कैद की सजा का प्रवधान बनाकर बोर्ड भी लगा दिया है.
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पक्षी विहार बनाने की रूप रेखा तैयार
पक्षियों के अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए प्रशासन अब इस जगह को पक्षी विहार बनाने की तैयारी कर रहा है. डैम में पक्षियों के बैठने के लिए छोटे-छोटे टापू बनाए जाएंगे, इसके साथ ही डैम के चारों ओर पक्षियों के अनुकूल फसल लगाने की योजना है. यहां पर पक्षियों के अनुसार उन्हें सही माहौल देने के लिए रहने, खाने-पीने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे. जिससे यहां प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ अन्य पक्षियों का जमावड़ा भी रहेगा.