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मुख्यमंत्री अमृत दूध योजना का बुरा हाल, बच्चों को नहीं मिल रहा दूध

बगीचा के झांपिदरहा आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे अमृत दूध के दस पैकेट पड़े मिले हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि 'दूध को एक्सपायरी होने की वजह से फेंका गया है. वहीं स्थानीय लोगों ने बच्चों को दूध नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है'.

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Published : Jan 23, 2020, 12:29 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 7:04 PM IST

amrit dudh yojna
मुख्यमंत्री अमृत दूध योजना

जशपुर: बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए सरकार तरह-तरह की योजना चलाने के दावे कर रही है, लेकिन इन दावों में सरकार कहा तक सफल है यह तो बगीचा आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे पड़े अमृत दूध के पैकेट को देखकर पता चल रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री अमृत दूध योजना का बुरा हाल है.

मुख्यमंत्री अमृत दूध योजना का बुरा हाल

बगीचा के झांपिदरहा आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे अमृत दूध के दस पैकेट फेंके हुए मिले हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि 'दूध को एक्सपायरी होने की वजह से फेंका गया है. वहीं स्थानीय लोगों ने बच्चों को दूध नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. दूध के पैकेट मिलने के बाद से स्थानीय लोगों में नाराजगी है'.

कैमरे से बचते रहे महिला एवं बाल विकास अधिकारी
लोगों का कहना है कि 'भले ही ये उस दूध को कचरे में फेंक दिया जाए पर उसे आंगनबाड़ी के बच्चों को पीने नहीं दिया जा रहा है, जो सरासर गलत है. वहीं इस मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी अजय शर्मा ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया'.

जशपुर: बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए सरकार तरह-तरह की योजना चलाने के दावे कर रही है, लेकिन इन दावों में सरकार कहा तक सफल है यह तो बगीचा आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे पड़े अमृत दूध के पैकेट को देखकर पता चल रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री अमृत दूध योजना का बुरा हाल है.

मुख्यमंत्री अमृत दूध योजना का बुरा हाल

बगीचा के झांपिदरहा आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे अमृत दूध के दस पैकेट फेंके हुए मिले हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि 'दूध को एक्सपायरी होने की वजह से फेंका गया है. वहीं स्थानीय लोगों ने बच्चों को दूध नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. दूध के पैकेट मिलने के बाद से स्थानीय लोगों में नाराजगी है'.

कैमरे से बचते रहे महिला एवं बाल विकास अधिकारी
लोगों का कहना है कि 'भले ही ये उस दूध को कचरे में फेंक दिया जाए पर उसे आंगनबाड़ी के बच्चों को पीने नहीं दिया जा रहा है, जो सरासर गलत है. वहीं इस मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी अजय शर्मा ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया'.

Intro:जशपुर जिले में बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री अमृत दूध योजना का बुराहाल है,जिले के बगीचा में आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे अमृत दूध के कई पैकेट फेंका हुआ मिला है, मामले में आंगनबड़ी कार्यकर्ता ने दूध को एक्सपायरी होना बता कर पल्लू झाड़ लिया तो वही स्थानीय लोग बच्चों को दूध नही दिए जाने का आरोप लगा रहे है,



Body:बगीचा के झाँपिदरहा आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे अमृत दूध के दस पैकेट फेंके हुए मिले।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि दूध एक्सपायरी होने की वजह से फेंका गया है।दूध के पैकेट मिलने के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी इस बात को लेकर है कि आंगनबाड़ी के बच्चो को अमृत दूध पीने नही दिया जा रहा भले ही उस दूध को कचरे में फेंक दिया जा रहा है।


Conclusion:वहीं महिला एवं बाल विकास अधिकारी अजय शर्मा ने इस मामले में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। जाहिर है कुपोषण से बचाने के लिए बच्चों को दिया जाने वाला दूध बच्चों को दिया ही नही गया ओर उसे गड्ढे में फेक दिया गया,


बाईट1- अलमा केरकेट्टा (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता)
बाईट 2- स्थानीय निवासी

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Jan 23, 2020, 7:04 PM IST
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