जशपुर: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा,गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत शहर में स्थित ग्राम पंचायत गम्हरिया गौठान सन्नाटे में सिमटा हुआ है. गौठान का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4 दिसंबर 2020 को किया था. जिला प्रशासन ने सुराजी ग्राम योजना के तहत गौठान को आदर्श गौठान बनाया है. लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद गौठान वीरान नजर आया. दरअसल ETV भारत की टीम गौठान में चल रहे काम का जायजा लेने पहुंची थी. लेकिन गौठान का नजारा दावे से बिलकुल विपरित था.
गौठानों में गोबर खरीदी बंद होने से लोगों में मायूसी
अधिकारियों का दावा है की गौठान में साढ़े 3 सौ मवेशियों के लिए दाने पानी का इंतजाम किया गया है. गौठान में मल्टी एक्टिविटी सेंटर में चप्पल निर्माण, दोना पत्तल निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन, वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के लिए स्थान की व्यवस्था की गई है. महिलाएं आर्थिक लाभ कमा रही हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रहा है.
![आदर्श गौठान , छत्तीसगढ़ की गौठान योजना, Condition of Gothans in Jashpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-jsp-02-adarsh-gothan-spl-cg10014_21032021134142_2103f_1616314302_1006.jpg)
दावे से उलट हकीकत
जब ETV भारत की टीम गौठान में पहुंची तो एक भी मवेशी और स्व सहायता समूह की महिला देखने को नहीं मिली है. यहां मल्टी एक्टिविटी संचालित कर स्व सहायता समूह की महिलाओं और पुरुषों को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के दावे खोखले नजर आ रहे हैं. गौठान का मुख्य प्रवेश द्वार खुला हुआ था. गौठान में एक भी व्यक्ति नहीं था. ना ही एक मवेशी पूरे गठान में दिखा. यहां तक कि बकरी और मुर्गी पालन के लिए बनाए गए शेड भी खाली पड़े हुए थे. महिला समूह के लिए चप्पल निर्माण करने के लिए मंगाए गए लाखों की मशीनें भी बंद थी. कोई भी महिला काम करती नजर नहीं आई.
![आदर्श गौठान , छत्तीसगढ़ की गौठान योजना, Condition of Gothans in Jashpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-jsp-02-adarsh-gothan-spl-cg10014_21032021134142_2103f_1616314302_104.jpg)
गौठान को लेकर सरपंच ने क्या कहा?
ग्राम पंचायत गम्हरिया के सरपंच विलियम कुजूर गौठान पहुंचे थे. जब उनसे मवेशियों के बारे में पूछा गया तो सरपंच ने दावा किया कि प्रतिदिन 350 मवेशी को दाना-पानी दिया जाता है. दोपहर की धूप होने की वजह से मवेशी आसपास के जंगल में चरने के लिए गए हुए हैं. गौठान में मवेशियों को चारा देने के लिए बना डोगा पूरी तरह से साफ था. उन्होंने दावा किया कि सभी मुर्गियों को बेच दिया गया है. नए चूजे अभी नहीं मिल सके हैं. स्व सहायता समूह की महिलाएं फिलहाल घर में हैं क्योकि दोपहर को उन्हें काम होता है.
![आदर्श गौठान , छत्तीसगढ़ की गौठान योजना, Condition of Gothans in Jashpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-jsp-02-adarsh-gothan-spl-cg10014_21032021134142_2103f_1616314302_645.jpg)
जनपद पंचायत जशपुर के बीपीएम योगेंद्र सिंह अपने सहयोगियों के साथ गौठान पहुंचे. उन्होंने बताया कि स्व सहायता समूह की महिलाओं ने सारी मुर्गियों को बेच दिया है. पशुपालन विभाग से नए चूजे एक-दो दिन में मिल जाएंगे. वहीं बकरी शेड के संबंध में उन्होंने कहा कि देसी नस्ल की बकरियों को कुछ घंटे खुले में चराना आवश्यक होता है. इसलिए उन्हें समूह की महिलाओं ने अपने घरों में रखा है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि चप्पल निर्माण कर स्व सहायता समूह की महिलाएं आमदनी अर्जित कर रही हैं. महिलाएं गम्हरिया में सड़क किनारे शेड लगाकर स्व निर्मित चप्पल को बेच रहीं हैं.
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4 लाख 75 हजार की लागत से बना बायोगैस प्लांट
गौठान में आत्मनिर्भरता के लिए मेहनत कर रही महिलाओं के लिए जनपद पंचायत ने 4 लाख 75 हजार की लागत से बायो गैस प्लांट स्थापित किया है. लेकिन इस प्लांट का उपयोग करने के लिए आसपास कोई आबादी ही नहीं है. मजे की बात यह है कि महिलाओं के लिए जनपद पंचायत यहां चाय और नाश्ता की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किचन निर्माण कर रहा है.
मामले में जब जनपद पंचायत जशपुर के सीईओ प्रेम सिंह मरकाम से बात करने की कोशिश की गई है तो उन्होंने इस संबंध में बात करने से मना कर दिया. बहरहाल जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के नाक के नीचे आदर्श गौठान की बदहाली ने प्रदेश सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजना के सफलता के दावे को संदेह के दायरे में ला खड़ा किया है.