ETV Bharat / state

जशपुर: पुरातत्व संग्राहलय को दिया गया मूर्त रूप, 13 जनजातियों के पुरातात्विक महत्व की चीज संरक्षित - जशपुर जिला प्रशासन

जशपुर जिले में पुरातत्व संग्राहलय शुरू हो गया है. 13 जनजातियों की पुरातात्विक महत्व की चीजों को संग्राहलय में संरक्षित किया गया है. इसके अलावा प्राचीन सिक्के, पुरातत्व अवशेष के शैलचित्र सहित अन्य चीजें रखी गई है.

 Jashpur Archaeological Museum
पुरातत्व संग्राहलय जशपुर
author img

By

Published : Aug 27, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Aug 27, 2020, 6:30 PM IST

जशपुर: जिला प्रशासन ने जशपुर में एक अनूठा और आकर्षक पुरातत्व संग्राहलय का निर्माण किया है. जिला खनिज न्यास निधि संस्थान से 25 लाख 85 हजार रुपये की लागत से संग्राहलय बनाया है. कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की सार्थक प्रयास और कलेक्टर महादेव कावरे के दिशा निर्देश पर संग्राहलय को नया मूर्त रूप दिया गया है.

Archaeological Museum in jashpur
जिला खनिज न्यास निधि संस्थान के सहयोग से बना संग्राहलय

संग्राहलय का लाभ जिले के आस-पास के विद्यार्थियों को मिलेगा. साथ ही क्षेत्रीय विशेषताओं की पहचान होगी. यह संग्राहलय पुरातात्विक ऐतिहासिक चीजों को बचाने और संरक्षित रखने के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है.

13 जनजाति की पुरातात्विक चीज से संग्रहित

संग्राहलय में 13 जनजाति बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, असूर जनजाति, उरांव, नगेशिया, कवंर, गोंड, खैरवार, मुण्डा, खड़िया, भूईहर, अघरिया आदि जनजातियों की पुरानी चीजों को संग्रहित करके रखा गया है. संग्राहलय में तीन कमरा, एक गैलरी को मूर्त रूप दिया गया है.

1835 से 1940 के सिक्के भी संग्रहालय में

संग्राहलय में लघु पाषाण उपकरण, नवपाषाण उपकरण, ऐतिहासिक उपकरणों को रखा गया है. साथ ही भारतीय सिक्के 1835 से 1940 के सिक्कों को संग्रहित करके रखा गया है. संग्राहलय में मृद भांड, कोरवा जनजाति के डेकी, आभूषण, तीर-धनुष, चेरी, तवा, डोटी, हरका, प्रागैतिहासिक काल के पुरातत्व अवशेष के शैलचित्र को भी रखा गया है. साथ ही जशपुर में पाए गए शैल चित्र के फोटोग्राफ्स को भी रखा गया है.

अनुसूचित जनजाति के सिंगार के सामान भी संग्रहित

अनुसूचित जनजाति के सिंगार के सामान चंदवा, माला, ठोसामाला, करंजफूल, हसली, बहुटा, पैरी, बेराहाथ आदि को भी संरक्षित किया गया है. संग्राहलय में चिम्टा, झटिया, चुना रखने के लिए गझुआ, खड़रू, धान रखने के लिए, नमक रखने के लिए बटला, और खटंनशी नगेड़ा, प्राचीन उपकरणों ब्लेड, स्क्रेपर, पाईट, सेल्ट, रिंगस्टोन रखा गया है.

ऐतिहासिक काल की चीज संग्रहालय में संग्रहित

संग्राहलय को सुंदर आकर्षक रूप देने में पुरातत्वविद अंशुमाला तिर्की, बालेश्वर कुमार बेसरा, अक्षय घुमे और एसडीओ बी आर साहु, कार्यपालन अभियंता टी एक्का, सब इंजीनियर राजेश श्रीवास्तव, पुरूषोत्तम बनर्जी ने संग्राहलय को अनुठा और आकर्षक बनाने में विशेष सहयोग प्रदान किया है. संग्राहलय की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जशपुर की ऐतिहासिक काल की चीजों को संग्रहित करने का कार्य किया गया है. जशपुर संग्राहलय इन क्षेत्रों में खरा उतर रहा है.

जशपुर: जिला प्रशासन ने जशपुर में एक अनूठा और आकर्षक पुरातत्व संग्राहलय का निर्माण किया है. जिला खनिज न्यास निधि संस्थान से 25 लाख 85 हजार रुपये की लागत से संग्राहलय बनाया है. कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की सार्थक प्रयास और कलेक्टर महादेव कावरे के दिशा निर्देश पर संग्राहलय को नया मूर्त रूप दिया गया है.

Archaeological Museum in jashpur
जिला खनिज न्यास निधि संस्थान के सहयोग से बना संग्राहलय

संग्राहलय का लाभ जिले के आस-पास के विद्यार्थियों को मिलेगा. साथ ही क्षेत्रीय विशेषताओं की पहचान होगी. यह संग्राहलय पुरातात्विक ऐतिहासिक चीजों को बचाने और संरक्षित रखने के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है.

13 जनजाति की पुरातात्विक चीज से संग्रहित

संग्राहलय में 13 जनजाति बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, असूर जनजाति, उरांव, नगेशिया, कवंर, गोंड, खैरवार, मुण्डा, खड़िया, भूईहर, अघरिया आदि जनजातियों की पुरानी चीजों को संग्रहित करके रखा गया है. संग्राहलय में तीन कमरा, एक गैलरी को मूर्त रूप दिया गया है.

1835 से 1940 के सिक्के भी संग्रहालय में

संग्राहलय में लघु पाषाण उपकरण, नवपाषाण उपकरण, ऐतिहासिक उपकरणों को रखा गया है. साथ ही भारतीय सिक्के 1835 से 1940 के सिक्कों को संग्रहित करके रखा गया है. संग्राहलय में मृद भांड, कोरवा जनजाति के डेकी, आभूषण, तीर-धनुष, चेरी, तवा, डोटी, हरका, प्रागैतिहासिक काल के पुरातत्व अवशेष के शैलचित्र को भी रखा गया है. साथ ही जशपुर में पाए गए शैल चित्र के फोटोग्राफ्स को भी रखा गया है.

अनुसूचित जनजाति के सिंगार के सामान भी संग्रहित

अनुसूचित जनजाति के सिंगार के सामान चंदवा, माला, ठोसामाला, करंजफूल, हसली, बहुटा, पैरी, बेराहाथ आदि को भी संरक्षित किया गया है. संग्राहलय में चिम्टा, झटिया, चुना रखने के लिए गझुआ, खड़रू, धान रखने के लिए, नमक रखने के लिए बटला, और खटंनशी नगेड़ा, प्राचीन उपकरणों ब्लेड, स्क्रेपर, पाईट, सेल्ट, रिंगस्टोन रखा गया है.

ऐतिहासिक काल की चीज संग्रहालय में संग्रहित

संग्राहलय को सुंदर आकर्षक रूप देने में पुरातत्वविद अंशुमाला तिर्की, बालेश्वर कुमार बेसरा, अक्षय घुमे और एसडीओ बी आर साहु, कार्यपालन अभियंता टी एक्का, सब इंजीनियर राजेश श्रीवास्तव, पुरूषोत्तम बनर्जी ने संग्राहलय को अनुठा और आकर्षक बनाने में विशेष सहयोग प्रदान किया है. संग्राहलय की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जशपुर की ऐतिहासिक काल की चीजों को संग्रहित करने का कार्य किया गया है. जशपुर संग्राहलय इन क्षेत्रों में खरा उतर रहा है.

Last Updated : Aug 27, 2020, 6:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.