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गुजरात से जशपुर पहुंचे तीन भाई कांटाबेल ग्राम में क्वॉरेंटाइन - छत्तीसगढ़ सरकार का जताया आभार

लॉकडाउन में फंसे मजदूर अब श्रमिक ट्रेन चलने की वजह से आसानी से अपने राज्य पहुंच रहे हैं. गुजरात से तीन भाई जशपुर पहुंचे हैं, जिन्हें उनके गांव से करीब क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए रखा गया है.

3 brothers who reached Jashpur from Gujarat were quarantined in Kantabel village
तीन भाई पहुंचे जशपुर
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Published : May 13, 2020, 3:05 PM IST

जशपुर: लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्य में फंसे मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. वहीं श्रमिक ट्रेन शुरू हो जाने से मजदूरों को अपने राज्य लौटने में आसानी हो रही है. इधर जिला प्रशासन भी मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाने के लिए सार्थक प्रयास कर रहा है.

3 brothers who reached Jashpur from Gujarat were quarantined in Kantabel village
तीनों भाई जशपुर के कांटाबेल ग्राम में हुए क्वॉरेंटाइन

इसी कड़ी में गुजरात रोजी रोटी की तलाश में गए तीन भाई लॉकडाउन में फंस गए थे, जिन्हें प्रशासन की मदद से उनके गांव पहुंचाया गया. वहीं गांव पहुंचने के बाद उन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है.

गुजरात से तीन भाई लौटे अपने गांव

जशपुर के मनोरा विकासखंड के ग्राम सुरजुला के रहने वाले तीन सगे भाई 31 वर्षीय मुकेश, 26 वर्षीय पवन टोप्पो और 24 वर्षीय संजय टोप्पो 6 माह पहले गुजरात रोजी-रोटी की तलाश में गए थे. जहाँ वे लॉकडाउन के दौरान बूरी तरह से फंस गए. वे गुजरात के जिला गांधी नगर मनशा शहर के एल्यूमूनियम फैक्ट्री में काम किया करते थे. लॉकडाउन के कारण उन्हें अपने गांव आने के लिए कोई साधन नहीं मिल पा रहा था. जिसके बाद उन्होंने श्रमिक ट्रेन के लिए पंजीयन कराया. जिन्हें जिला प्रशासन की मदद से उनके गांव पहुंचाया गया है.

छत्तीसगढ़ सरकार का जताया आभार

मुकेश टोप्पो ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान संकट की इस घड़ी में गुजरात से सकुशल अपने गृह ग्राम पहुंचाने में छत्तीसगढ़ सरकार ने उनकी मदद की है, सरकार उन्हें वापस नहीं लाती तो उनका लौटना मुश्किल था. छत्तीसगढ़ शासन ने ट्रेन की व्यवस्था कराई, जिसकी मदद से तीनों भाई सकुशल बिलासपुर पहुंचे.

पढ़ें- जशपुर: शराबबंदी की मांग को लेकर भाजपा का प्रदर्शन, वादा पूरा करने की मांग

तीनों भाई मनोरा विकासखंड में क्वॉरेंटाइन

खाद्य विभाग के सहायक खाद्य अधिकारी एवं नोडल अधिकारी उत्तम भारती ने बताया कि तीनों श्रमिकों को बिलासपुर से लाने के लिए जिला प्रशासन ने बस की व्यवस्था की थी. टीम में दो पुलिस विभाग, दो स्वास्थ्य विभाग, एक फूड विभाग, ड्राइवर सहित लगभग 7 लोग शमिल थे. उन्होंने बताया कि गुजरात से तीनों भाइयों को सुरक्षित लाया गया और उन्हें मनोरा विकासखंड के कांटाबेल क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम सुरक्षा के मद्देनजर मजदूरों की लगातार निगरानी कर रही है.

जशपुर: लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्य में फंसे मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. वहीं श्रमिक ट्रेन शुरू हो जाने से मजदूरों को अपने राज्य लौटने में आसानी हो रही है. इधर जिला प्रशासन भी मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाने के लिए सार्थक प्रयास कर रहा है.

3 brothers who reached Jashpur from Gujarat were quarantined in Kantabel village
तीनों भाई जशपुर के कांटाबेल ग्राम में हुए क्वॉरेंटाइन

इसी कड़ी में गुजरात रोजी रोटी की तलाश में गए तीन भाई लॉकडाउन में फंस गए थे, जिन्हें प्रशासन की मदद से उनके गांव पहुंचाया गया. वहीं गांव पहुंचने के बाद उन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है.

गुजरात से तीन भाई लौटे अपने गांव

जशपुर के मनोरा विकासखंड के ग्राम सुरजुला के रहने वाले तीन सगे भाई 31 वर्षीय मुकेश, 26 वर्षीय पवन टोप्पो और 24 वर्षीय संजय टोप्पो 6 माह पहले गुजरात रोजी-रोटी की तलाश में गए थे. जहाँ वे लॉकडाउन के दौरान बूरी तरह से फंस गए. वे गुजरात के जिला गांधी नगर मनशा शहर के एल्यूमूनियम फैक्ट्री में काम किया करते थे. लॉकडाउन के कारण उन्हें अपने गांव आने के लिए कोई साधन नहीं मिल पा रहा था. जिसके बाद उन्होंने श्रमिक ट्रेन के लिए पंजीयन कराया. जिन्हें जिला प्रशासन की मदद से उनके गांव पहुंचाया गया है.

छत्तीसगढ़ सरकार का जताया आभार

मुकेश टोप्पो ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान संकट की इस घड़ी में गुजरात से सकुशल अपने गृह ग्राम पहुंचाने में छत्तीसगढ़ सरकार ने उनकी मदद की है, सरकार उन्हें वापस नहीं लाती तो उनका लौटना मुश्किल था. छत्तीसगढ़ शासन ने ट्रेन की व्यवस्था कराई, जिसकी मदद से तीनों भाई सकुशल बिलासपुर पहुंचे.

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तीनों भाई मनोरा विकासखंड में क्वॉरेंटाइन

खाद्य विभाग के सहायक खाद्य अधिकारी एवं नोडल अधिकारी उत्तम भारती ने बताया कि तीनों श्रमिकों को बिलासपुर से लाने के लिए जिला प्रशासन ने बस की व्यवस्था की थी. टीम में दो पुलिस विभाग, दो स्वास्थ्य विभाग, एक फूड विभाग, ड्राइवर सहित लगभग 7 लोग शमिल थे. उन्होंने बताया कि गुजरात से तीनों भाइयों को सुरक्षित लाया गया और उन्हें मनोरा विकासखंड के कांटाबेल क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम सुरक्षा के मद्देनजर मजदूरों की लगातार निगरानी कर रही है.

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