जांजगीर-चांपा: आग लगने पर कुआं खोदने की कहावत जांजगीर-चांपा स्वास्थ्य विभाग (Janjgir Champa Health Department) पर सटीक बैठती है. कोरोना की दूसरी लहर लगभग थमने लगी है और नए वेरिएंट डेल्टा प्लस ने आसपास के राज्यों में दस्तक दे दी है, लेकिन जिले में अब तक टेस्टिंग लैब (testing lab) स्थापित नहीं हो पाया है. लोगों को RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. तकरीबन ढाई महीने के बाद भी वायरोलॉजी लैब (Virology Lab) का काम पूरा नहीं हो पाया है. लैब के लिए न तो पूरी तरह से भवन बन पाया और न ही अन्य संसाधनों की व्यवस्था हो पाई है.
कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या इस तरह बढ़ने लगी कि अस्पतालों में सामान्य बेड भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, ट्रेसिंग पर जोर देने का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग की पोल तो तब खुल गई जब स्वीकृति मिलने के बाद भी वायरोलॉजी लैब की स्थापना नहीं हो पाई. जिला प्रशासन ने 4 महीने पहले आनन-फानन में पुराना जिला चिकित्सालय में लैब को स्थापित किए जाने की स्वीकृति दी थी. दूसरी लहर लगभग खत्म होने को है और तीसरी लहर की तैयारी भी शुरू कर दी गई है, लेकिन लैब निर्माण की रफ्तार इतनी धीमी है कि भवन भी पूरा नहीं हो पाया है.
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15 दिनों में तैयार हो जाएगा लैब
सीएमएचओ डॉ एसआर बंजारे ने पखवाड़े भर में RT-PCR लैब स्थापित होने का दावा किया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो चुकी है, ऐसे में अब लैब के जल्द बन जाने से क्या लाभ होगा. जब लोग बड़ी संख्या में संक्रमित होकर मर रहे थे तब लैब की रिपोर्ट 10-15 दिन में आती थी. इससे संक्रमण का खतरा भी और बढ़ जाता था. ऐसी स्थिति से स्वास्थ्य विभाग ने सबक नहीं लिया है.