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जांजगीर-चांपा: वादाखिलाफी से नाराज ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

मड़वा के ग्रामीणों ने 20 नवंबर 2018 को हुए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था और अब लोकसभा चुनाव और ग्राम पंचायत चुनाव में मतदान न करने का फैसला लिया है.

ग्रामीण
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Published : Apr 4, 2019, 2:46 PM IST

Updated : Apr 4, 2019, 4:43 PM IST

चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
जांजगीर-चांपा: विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर चुके मड़वा गांव के लोग अब लोकसभा और ग्राम पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं. मड़वा के ग्रामीणों ने 20 नवंबर 2018 को हुए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था और अब लोकसभा चुनाव और ग्राम पंचायत चुनाव में मतदान न करने का फैसला लिया है.


विधानसभा चुनाव के दौरान यहां के ग्रामीणों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद भी वोट नहीं डाला था. इसकी वजह थी शासन और प्रशासन की वादाखिलाफी.

गांववालों का आरोप
मड़वा गांव में रहने वाले लोगों का आरोप है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जब उनके गांव में पावर प्लांट की स्थापना की तो इस गांव समेत आस-पास के कई किसानों की उपजाऊ जमीन प्लांट के लिए अधीग्रहीत कर ली गई. भूमि अधिग्रहण के 6 से 7 साल बीत गई हैं लेकिन अभी तक अधिकतर ग्रामीणों को वादे के मुताबिक न तो नौकरी मिली और न ही मुआवजा.


'जिला प्रशासन ने नहीं निभाया वादा'
प्रभावित गांववालों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से योग्यता के मुताबिक एक व्यक्ति को नौकरी और नियम के मुताबिक मुआवजा देने का वादा किया गया था. लेकिन कुछ नहीं मिला. इसके लिए ग्रामीण लगातार सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन और आंदोलन के माध्यम से अपनी मांग रखते रहे हैं लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

मांगे पूरी न होने पर अब गांववालों ने मतदान बहिष्कार का फैसला लिया है. ग्रामीणों के इस निर्णय में ग्राम पंचायत के सरपंच भी साथ खड़े हैं. लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वे अपना फैसला नहीं बदलेंगे.

चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
जांजगीर-चांपा: विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर चुके मड़वा गांव के लोग अब लोकसभा और ग्राम पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं. मड़वा के ग्रामीणों ने 20 नवंबर 2018 को हुए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था और अब लोकसभा चुनाव और ग्राम पंचायत चुनाव में मतदान न करने का फैसला लिया है.


विधानसभा चुनाव के दौरान यहां के ग्रामीणों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद भी वोट नहीं डाला था. इसकी वजह थी शासन और प्रशासन की वादाखिलाफी.

गांववालों का आरोप
मड़वा गांव में रहने वाले लोगों का आरोप है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जब उनके गांव में पावर प्लांट की स्थापना की तो इस गांव समेत आस-पास के कई किसानों की उपजाऊ जमीन प्लांट के लिए अधीग्रहीत कर ली गई. भूमि अधिग्रहण के 6 से 7 साल बीत गई हैं लेकिन अभी तक अधिकतर ग्रामीणों को वादे के मुताबिक न तो नौकरी मिली और न ही मुआवजा.


'जिला प्रशासन ने नहीं निभाया वादा'
प्रभावित गांववालों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से योग्यता के मुताबिक एक व्यक्ति को नौकरी और नियम के मुताबिक मुआवजा देने का वादा किया गया था. लेकिन कुछ नहीं मिला. इसके लिए ग्रामीण लगातार सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन और आंदोलन के माध्यम से अपनी मांग रखते रहे हैं लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

मांगे पूरी न होने पर अब गांववालों ने मतदान बहिष्कार का फैसला लिया है. ग्रामीणों के इस निर्णय में ग्राम पंचायत के सरपंच भी साथ खड़े हैं. लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वे अपना फैसला नहीं बदलेंगे.

Intro:जांजगीर चाम्पा: - विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के बाद अब लोकसभा और ग्राम पंचायत चुनाव के बहिष्कार की तैयारियों में जुटे हैं मड़वा ग्राम के ग्रामीण, दरसल मे जांजगीर चांपा जिले के ग्राम पंचायत मड़वा के ग्रामीणों ने 20 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव का सामूहिक बहिष्कार करने के बाद, अब वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और ग्राम पंचायत चुनाव के भी बहिष्कार करने का मन बना लिया है, हम आपको बता दें 20 नवम्बर 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव का ग्राम पंचायत मड़वा के ग्रामीणों ने एकजुट होकर के सामूहिक रुप से बहिष्कार किया था, जिला प्रशासन और राजनितिक दलों के नेता भी 20 नवम्बर को सुबह 11 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक मड़वा ग्राम के ग्रामीणों को समझाने बैठे थे लेकिन होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए नहीं मना पाए थे,आइए अब हम आपको यह बतातें हैं कि,आखिर जिला प्रशासन और राजनितिक दलों के नेता भी मड़वा ग्राम के ग्रामीणों को क्योँ नहीं समझा पाए, दरअसल मड़वा ग्राम के ग्रामीणों का आरोप है कि, जब छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा उनके ग्राम पंचायत मड़वा में मड़वा पावर प्लांट की स्थापना की गई , तब ग्राम मड़वा सहित आसपास के किसानों से उनकी उपजाऊ भूमि प्लान्ट के लिए अधिग्रहण कर ली गई थी, प्लान्ट में भूमि के अधिग्रहण किए 6 से7 वर्ष हो गए हैं, भूमि अधिग्रहण करते वक्त जिला प्रशासन की शासन कि ओर से यह प्रभावित ग्रामीणों को यह आश्वासन मिला था कि, जमीन अधिग्रहण होने वालेकिसानों के परिवार से योग्यता अनुसारएक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी और शासन के नियमानुसार तय जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन प्लान्ट में जमीन अधिग्रहण होने के 6 से 7वर्ष हो जाने के बावजूद भी अधिकतर ग्रामीणों को ना तो नौकरी मिली है, ना ही उचित मुआवजा मिला है, इसके लिए ग्रामीण लगातार सरकार के खिलाफ धरनाप्रदर्शन और आंदोलन के माध्यम से अपनी मांग रखते रहे हैं, लेकिन लंबे समय सेधरना प्रदर्शन और मांग करने के बावजूद भी उनकी मांग पूरी नहीं होने पर, ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्रामीणों ने एकजुट होकर के विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था, और ग्रामीणो के इस निर्णय में ग्राम पंचायत के सरपंच भी ग्रामीणों के साथ खड़े है, ग्रामीणों का यही कहना है कि, जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक वह अपना निर्णय नहीं बदलेंगे ! वहीं ग्रामीणों का कहना यह भी है कि अब मड़वा ही नहीं बल्कि उसके आसपास के प्रभावित गांव के लोग भी इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

बाइट :- रामलाल पांडे प्लांट प्रभावित ग्रामीण
बाइट :- चंद्र कुमार साहू प्लांट प्रभावित ग्रामीण


Body:विसुअल बाइट


Conclusion:
Last Updated : Apr 4, 2019, 4:43 PM IST
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