जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जिले जांजगीर-चांपा में कोरोना वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण कार्यक्रम रोकना पड़ गया है. ब्लॉक मुख्यालयों में वैक्सीनेशन पूरी तरह से ठप पड़ गया है. जबकि पूरे जिले में केवल 13% युवाओं को ही टीका लग पाया है. ऐसे में जब अगस्त महीने में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है, तो यह आंकड़ा डराने वाला है.
प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला जांजगीर चांपा है. कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरीके से जांजगीर चांपा जिले में गांव- गांव में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला था, उसको लेकर एक बार फिर से आशंकाओं ने घेर लिया है. क्योंकि लगातार मीडिया में यह खबर सामने आ रही है कि अगस्त महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. ऐसी स्थिति में जांजगीर-चांपा जिले में अब तक युवाओं को केवल 13% टीकाकरण हो पाया है.
जबकि मंगलवार के बाद जिले में वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण रोक दिया गया है. केवल जिला मुख्यालय में टीकाकरण उपलब्ध वैक्सीन से किया जाएगा. जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं अधिकारी एसआर बंजारे ने जानकारी देते हुए बताया कि, जिले में कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. जबकि कोवैक्सीन की उपलब्धता से जिला मुख्यालय में वैक्सीनेशन होगा. इसके अलावा जिले के 9 विकासखंडों में वैक्सीनेशन रोकना पड़ा है.
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जिले के पामगढ़ विकासखंड में ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सौरव यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि, जो भी उपलब्ध वैक्सीन मौजूद थे, उसको आज पूरी तरह खत्म की जा चुकी है, साथ ही वैक्सीन उपलब्धता को लेकर जिला अधिकारियों को सूचित किया गया है. इधर, जिला मुख्यालय के स्वास्थ्य विभाग भी वैक्सीन की कमी की बात कर रहे हैं. वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है. जिसके बारे में अधिक जानकारी दिया जा सके. जैसा कि मालूम हो कि प्रदेश में वैक्सीन की कमी की बात पहले से ही सामने आ चुकी है. ऐसे में जब तक केंद्र से वैक्सीन नहीं मिल जाती तब तक जांजगीर-चांपा जिले में वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाएगा.
कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना जिस तरीके से व्यक्त की जा रही है, उसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले के 9 विकास खंडों में 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच के लोगों में केवल 13.5% टीकाकरण हुआ है. इस स्थिति में वैक्सीनेशन की रफ्तार का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऊपर से वैक्सीन नहीं होने पर आम लोगों का टीकाकरण नहीं हो पाएगा. अगर तीसरी लहर की संभावना सच होती है, तो समझा जा सकता है कि पिछले दूसरे लहर में जो संक्रमण की स्थिति थी, वह एक बार फिर से देखने को मिल सकती है.
जैसा कि मीडिया में यह जानकारी दी जा रही है कि तीसरी लहर डेल्टा प्लस वेरिएंट होने के कारण कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता है. ऐसी स्थिति में जिले में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम होने और ऊपर से वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने से एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है. क्योंकि स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर को लेकर कितना चौकस है, यह समझा जा सकता है. हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग पर निर्भर है, लेकिन यह सवाल खड़ा होता है कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन को लेकर गंभीर क्यों नहीं है.