जांजगीर-चांपा : राज्य स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षक को दिये जाने वाले राज्यपाल पुरस्कार में जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही और मनमानी करने का आरोप लगाने वाली एक शिक्षिका सामने आयी है. शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शिक्षकों के चयन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आरोप लगाने वाली शिक्षिका अर्चना शर्मा अकलतरा ब्लॉक प्राथमिक शाला खिसोरा मे पदस्थ हैं. साथ ही जिले से इस पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाली शिक्षकों में से एक है. शिक्षिका ने जिला शिक्षा कार्यालय के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया है.
ये हैं आरोप-
⦁ राज्यपाल पुरस्कार आवेदन की फाइल एक ऐसे जूनियर क्लर्क को सौंप दी गई, जिसके खुद का रिश्तेदार पुरस्कार की दौड़ में शामिल है.
⦁ राज्यपाल पुरस्कार की दौड़ में नीयत तिथि तक केवल तीन नाम थे. जब रायपुर में फाइल जमा की गई तब चार उम्मीद्वार कैसे शामिल किये गये.
⦁ आवेदकों की फाइल लोक शिक्षा संचनालय में 14 तारिख तक पहुंचानी थी. आखरी तारीख तक कार्यालय में क्यों रोका गया. अंतिम तारिख के बाद फाइल क्यों जमा किये गये.
⦁ समिति गठित कर 4 में से 3 आवेदकों के नाम लोक शिक्षा संचनालय भेजने थे, तो ऐसा क्यों नही किया गया.
⦁ जिला शिक्षा कार्यालय से असम्बधित व्यक्ति ने फाइल लोक शिक्षा संचनालय में जमा किया. ऐसे व्यक्ति को इतनी महत्वपूर्ण पुरस्कार के आवेदकों की फाइल क्यों दी गई.
⦁ असम्बधित व्यक्ति एक आवेदक का रिश्तेदार है. उसने 4 फाइलों में से 2 फाइलों को ही लोक शिक्षा संचनालय में जमा किया, तो इसका जिम्मेदार कौन है.