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जेल में बंद बंदी की जिला अस्पताल में संदिग्ध मौत, आबकारी विभाग पर मारपीट का आरोप - जांजगीर क्राइम न्यूज

Excise department accused of assault in Janjgir Champa: जांजगीर चांपा में जिला जेल में बंदी की मौत का मामला सामने आने के बाद परिजन एसपी ऑफिस पहुंचे और मामले की जांच की मांग की.

Suspicious death of prisoner in district hospital Janjgir champa
जेल में बंद बंदी की जिला अस्पताल में संदिग्ध मौत
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Published : Apr 17, 2022, 10:47 PM IST

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के जेल में बंद बंदी की जिला अस्पताल में संदिग्ध मौत हो गई है. बंदी की मौत के के बाद आबकारी विभाग पर परिजनों ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. बंदी के परिजनों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि आबकारी विभाग के अधिकारी के प्रताड़ना के कारण जगदीश गोंड की मौत हुई है. मृतक के परिजन और ग्रामीण रविवार को एसपी आफिस पहुंचे और आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की.

जेल में बंद बंदी की जिला अस्पताल में संदिग्ध मौत
जांजगीर चांपा में आबकारी विभाग पर मारपीट का आरोप : मामला जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ क्षेत्र का है. जहां शुक्रवार 15 अप्रैल को ग्राम कटौद का रहने वाला जगदीश गोंड गांव के अपने एक साथी के साथ शादी में जाने के लिए निकला था. उसके बाद रविवार सुबह परिजनों को उसकी मौत की खबर गांव के कोटवार से मिली.जिसके बाद परिजन जांजगीर पहुंचे और जेल में बंद जगदीश के साथी से जानकारी ली. परिजनों को जेल में बंद महादेव ने बताया कि 'शुक्रवार को दोनों शादी में जाने के लिए निकले थे. इसी दौरान रास्ते मे आबकारी विभाग के अधिकारियों ने दोनों को पकड़ लिया और गाड़ी में बैठा कर पामगढ़ ले गए. वहां अधिकारियों ने दोनों से पैसे की मांग की ओर दोनों को जमकर पीटा.

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जांजगीर चांपा में बंदी की जिला अस्पताल में मौत: आबकारी विभाग ने दोनों को पामगढ़ न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया. लेकिन इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी गई. जगदीश के साथी ने परिजनों को बताया कि 'शुक्रवार की रात को जगदीश की तबियत बिगड़ गयी थी. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन कुछ ही देर बाद उसे वापस फिर जेल ले आया गया. दूसरे दिन सुबह तबियत ज्यादा बिगड़ने पर फिर उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गई.

जगदीश की मौत पर परिजन अब हंगामा कर रहे हैं. परिजनों ने आबकारी विभाग पर पैसों के लिए मारपीट का आरोप लगाय है. उनका कहना है कि जगदीश की गिरफ्तारी के बाद उन्हें सूचना क्यों नहीं दी गई. परिजनों का कहना है कि मृतक के शरीर पर चोट के निशान है. लिहाजा इसकी जांच होनी चाहिए.



जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के जेल में बंद बंदी की जिला अस्पताल में संदिग्ध मौत हो गई है. बंदी की मौत के के बाद आबकारी विभाग पर परिजनों ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. बंदी के परिजनों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि आबकारी विभाग के अधिकारी के प्रताड़ना के कारण जगदीश गोंड की मौत हुई है. मृतक के परिजन और ग्रामीण रविवार को एसपी आफिस पहुंचे और आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की.

जेल में बंद बंदी की जिला अस्पताल में संदिग्ध मौत
जांजगीर चांपा में आबकारी विभाग पर मारपीट का आरोप : मामला जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ क्षेत्र का है. जहां शुक्रवार 15 अप्रैल को ग्राम कटौद का रहने वाला जगदीश गोंड गांव के अपने एक साथी के साथ शादी में जाने के लिए निकला था. उसके बाद रविवार सुबह परिजनों को उसकी मौत की खबर गांव के कोटवार से मिली.जिसके बाद परिजन जांजगीर पहुंचे और जेल में बंद जगदीश के साथी से जानकारी ली. परिजनों को जेल में बंद महादेव ने बताया कि 'शुक्रवार को दोनों शादी में जाने के लिए निकले थे. इसी दौरान रास्ते मे आबकारी विभाग के अधिकारियों ने दोनों को पकड़ लिया और गाड़ी में बैठा कर पामगढ़ ले गए. वहां अधिकारियों ने दोनों से पैसे की मांग की ओर दोनों को जमकर पीटा.

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जांजगीर चांपा में बंदी की जिला अस्पताल में मौत: आबकारी विभाग ने दोनों को पामगढ़ न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया. लेकिन इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी गई. जगदीश के साथी ने परिजनों को बताया कि 'शुक्रवार की रात को जगदीश की तबियत बिगड़ गयी थी. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन कुछ ही देर बाद उसे वापस फिर जेल ले आया गया. दूसरे दिन सुबह तबियत ज्यादा बिगड़ने पर फिर उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गई.

जगदीश की मौत पर परिजन अब हंगामा कर रहे हैं. परिजनों ने आबकारी विभाग पर पैसों के लिए मारपीट का आरोप लगाय है. उनका कहना है कि जगदीश की गिरफ्तारी के बाद उन्हें सूचना क्यों नहीं दी गई. परिजनों का कहना है कि मृतक के शरीर पर चोट के निशान है. लिहाजा इसकी जांच होनी चाहिए.



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