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मछली से डरने वाली जांजगीर की 'जलपरी' ने अमेरिका के कैटलिना चैनल में फहराया तिरंगा

अंजनी पटेल ने लॉस एंजेलिस में भारत का झंडा फहराकर देश के साथ अपने मां-बाप का भी नाम रोशन किया है.अंजनी के इस सफलता से जांजगीर चांपा के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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Published : Sep 2, 2019, 10:34 PM IST

अंजनी पटेल ने लॉस एंजेलिस में भारत का झंडा फहराकर देश के साथ अपने मां-बाप का भी नाम रौशन किया

जांजगीर- चांपा: कहते हैं यदि आप सर्वश्रेष्ठ से कुछ भी कम स्वीकार करने से इंकार करते हैं, तो अक्सर आप उसे प्राप्त कर ही लेते हैं. ऐसी ही कहानी है जांजगीर-चांपा जिले के एक बेटी अंजनी की, जिसने तमाम परेशानियों को पटखनी देते हुए विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी है. अंजनी दिव्यांग होने के बावजूद 11:46 घंटे में अमेरिका के कैटलिना चैनल को पार कर नया कीर्तिमान रचा है.

मछली से डरने वाली जांजगीर की 'जलपरी' ने अमेरिका के कैटलिना चैनल में फहराया तिरंगा

अंजनी पटेल अमेरिका के लॉस एंजेलिस की कैटलिना चैनल को पार करने वाली एशिया की पहली पैरा स्वीमर बन गई है. अंजनी अपने पांच अन्य दिव्यांग साथियों के साथ 35 किमी लंबे चैनल को 11 घंटे 46 मिनट 56 सेकंड में पार किया है.

इससे पहले भी अंजनी अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक स्वीमिंग प्रतियोगिता के फाइनल राउंड तक पहुंची चुकी है. हालांकि उस प्रतियोगिता में अंजनी आठवें स्थान पर रही थीं, लेकिन लगातार कोशिशों के बाद अंजनी ने लॉस एंजेलिस में भारत का झंडा फहराकर देश के साथ अपने मां-बाप का भी नाम रौशन किया है. अंजनी के इस सफलता से जांजगीर चांपा के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

11:46 घंटे में पार किया कैटलीना चैनल
टीम दिल्ली से 6 अगस्त को अमेरिका के लॉस एंजेलिस पहुंची थी. इसके बाद 8 से 17 अगस्त तक सभी ने अभ्यास किया और 18 अगस्त को रात 11 बजे से तैरना शुरू कर 11:46:56 मिनट में कैटलीना चैनल को पार कर लिया.

मछलियों से डरती थी अंजनी
अंजली जब अपने घर वापस लौटी तो पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह पहले कैटलिना चैनल को पार करने के लिए मना कर दी थी क्योंकि अंजनी को मछलियों से बहुत डर लगता था. इसके अलावा अंजली के पास अमेरिका के लॉस एंजेलिस जाने के लिए पैसे भी नहीं थे.

कैटलिना चैनल में तैरने का था सपना
अंजनी के पिता बस ड्राइवर हैं. घर की अर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसके बावजूद अंजनी का हौसला कभी कम नहीं हुआ. अंजनी के रिश्तेदारों से उसके पिता ने साढ़े तीन लाख रुपये उधार लिए क्योंकि कैटलिना चैनल में तैरने का अंजनी का बचपन से सपना था. बाद में अंजनी के इस सपने को पूरा करने में लोगों ने भी खूब साथ दिया.

जांजगीर- चांपा: कहते हैं यदि आप सर्वश्रेष्ठ से कुछ भी कम स्वीकार करने से इंकार करते हैं, तो अक्सर आप उसे प्राप्त कर ही लेते हैं. ऐसी ही कहानी है जांजगीर-चांपा जिले के एक बेटी अंजनी की, जिसने तमाम परेशानियों को पटखनी देते हुए विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी है. अंजनी दिव्यांग होने के बावजूद 11:46 घंटे में अमेरिका के कैटलिना चैनल को पार कर नया कीर्तिमान रचा है.

मछली से डरने वाली जांजगीर की 'जलपरी' ने अमेरिका के कैटलिना चैनल में फहराया तिरंगा

अंजनी पटेल अमेरिका के लॉस एंजेलिस की कैटलिना चैनल को पार करने वाली एशिया की पहली पैरा स्वीमर बन गई है. अंजनी अपने पांच अन्य दिव्यांग साथियों के साथ 35 किमी लंबे चैनल को 11 घंटे 46 मिनट 56 सेकंड में पार किया है.

इससे पहले भी अंजनी अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक स्वीमिंग प्रतियोगिता के फाइनल राउंड तक पहुंची चुकी है. हालांकि उस प्रतियोगिता में अंजनी आठवें स्थान पर रही थीं, लेकिन लगातार कोशिशों के बाद अंजनी ने लॉस एंजेलिस में भारत का झंडा फहराकर देश के साथ अपने मां-बाप का भी नाम रौशन किया है. अंजनी के इस सफलता से जांजगीर चांपा के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

11:46 घंटे में पार किया कैटलीना चैनल
टीम दिल्ली से 6 अगस्त को अमेरिका के लॉस एंजेलिस पहुंची थी. इसके बाद 8 से 17 अगस्त तक सभी ने अभ्यास किया और 18 अगस्त को रात 11 बजे से तैरना शुरू कर 11:46:56 मिनट में कैटलीना चैनल को पार कर लिया.

मछलियों से डरती थी अंजनी
अंजली जब अपने घर वापस लौटी तो पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह पहले कैटलिना चैनल को पार करने के लिए मना कर दी थी क्योंकि अंजनी को मछलियों से बहुत डर लगता था. इसके अलावा अंजली के पास अमेरिका के लॉस एंजेलिस जाने के लिए पैसे भी नहीं थे.

कैटलिना चैनल में तैरने का था सपना
अंजनी के पिता बस ड्राइवर हैं. घर की अर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसके बावजूद अंजनी का हौसला कभी कम नहीं हुआ. अंजनी के रिश्तेदारों से उसके पिता ने साढ़े तीन लाख रुपये उधार लिए क्योंकि कैटलिना चैनल में तैरने का अंजनी का बचपन से सपना था. बाद में अंजनी के इस सपने को पूरा करने में लोगों ने भी खूब साथ दिया.

Intro:
0जिले की दिव्यांग बेटी ने कैटलिना चैनल को 11.46 घंटे में किया पार, एशिया से 6 लोगों की पहली पैरा स्वीमर टीम जिन्होंने पार किया अमेरिका का चैनल, उतरने से पहले कई रात मॉकड्रिल भी किया
0टीम दिल्ली से 6 अगस्त को लॉस एंजिल्स पंहुॅची जिसके बाद 8 से 17 अगस्त तक अभ्यास किया और 18 अगस्त को रात 11 बजे तैरना शुरू करने के बाद 11 घंटे 46 मिनट और 56 सेकेण्ड तैरने के बाद 19 अगस्त को कैटलीना चैनल सफलता पूर्वक पार किया।

इंट्रो-- जांजगीर-चांपा जिले की बेटी ने लॉस एंजिल्स अमेरिका की कैटलिना चैनल को पार करने का कीर्तिमान बनाया है। एशिया की पहली पैरा स्वीमर में अंजनी पटेल भी शामिल है। अंजनी ने अपने पांच अन्य दिव्यांग साथियों के साथ 35 किमी लंबे चैनल को 11 घंटे 46 मिनट 56 सेकंड में पार किया।
Body:कैटलीना चैनल में शॉर्क, जेली फिश तथा डॉल्फिन जैसी खतरनाक मछलियां भी है। इनके बीच से इन्होंने कैटलिना चैनल पार कर एशिया का रिकॉर्ड बनाया है। अंजनी चैनल पार करने के बाद लौट आई हैं। बलौदा की अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक अंजनी पटेल दिल्ली में आयोजित पैरालिंपिक स्वीमिंग प्रतियोगिता के फाइनल राउंड तक पहुंचीं। भले ही उन्हें इस प्रतियोगिता में आठवां स्थान मिला पर उन्होंने देश का नाम रौशन किया। अब उन्होंने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। लॉस एंजिल्स अमेरिका का कैटलिना आईलैंड से मेन आईलैंड की 35 किमी की दूरी पार कर ली। इस इवेंट में उनके साथ उनके 5 अन्य साथी जगदीश चंद तेली राजस्थान, सत्येंद्र सिंह लोहिया,चेतन गिरधर राउत महाराष्ट्र, रिमो शाहा बंगाल, गीतांजलि योगेश चैधरी महाराष्ट्र से शामिल थीं। टीम को पुणे के रोहण मोरे ने पहले एक माह तक ट्रेनिंग दी।
टीम दिल्ली से 6 अगस्त को लॉस एंजिल्स पंहुॅची जिसके बाद 8 से 17 अगस्त तक अभ्यास किया और 18 अगस्त को रात 11 बजे तैरना शुरू करने के बाद 11 घंटे 46 मिनट और 56 सेकेण्ड तैरने के बाद 19 अगस्त को कैटलीना चैनल सफलता पूर्वक पार किया।
अंजली ने बताया कि पहले उसने कैटलिना चैनल को पार करने के लिए मना कर दिया था, इसके दो कारण थे, एक तो मछलियों का डर, दूसरा सबसे बड़ा कारण पैसे की कमी। यहां जाने के लिए 5 लाख रुपए की जरूरत थी। इतने पैसे मेरे पास पैसे नहीं थे। फिर बाद में मैंने अपने रिश्तेदारों से साढ़े तीन लाख रुपए उधार लिए क्योंकि यूएसए में तैरने का सपना भी था, और लेागों ने हौसला भी खूब बढ़ाया।

बाईट-1 अंजनी पटेल तैराक
बाईट-2 जय प्रकाश पटेल भाई
बाईट-3 एसएल पटेल पिता



Conclusion:अंजनी दिव्यांग हैं पिता बस ड्राईवर हैं घर की अर्थिक स्थिति अच्छी नही है इसके बावजूद अंजनी का हौसला की कम नही हुआ। अजनी कहती है कि हालातों को अपने जुनून के आगे रोड़ा नही बनने देना चाहिए। अंजनी का परिवार भी विपरीत परिस्थितियों से लड़कर इस मुकाम को हासिल करने पर तारीफ करते नही थकता है।
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