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बड़े  काम का है 'छुट्टा बैंक', बचत भी कराता है और मदद भी करता है

स्कूली बच्चों की एक अनोखी पहल बड़े-बड़ों को बचत का पाठ पढ़ा रही है. चौथी कक्षा के ये बच्चे अपनी स्कूल की सामाग्री अपनी बचत की राशि से लेते हैं.

chhutta bank
अनोखी पहल
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Published : Nov 28, 2019, 2:51 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 3:21 PM IST

अकलतरा/जांजगीर चांपा : स्कूल के बच्चों को बचत का पाठ पढ़ाने के लिए स्कूल प्रशासन ने एक अनोखी पहल की है. खुद के बचत किए गए रुपयों का उपयोग ये बच्चे अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए करते हैं. जहां एक ओर जरूरत से ज्यादा खर्च करना लोगों की आदत बन गई है, वहीं ये बच्चे बचत का रास्ता अपनाकर अपने रुपयों का सही उपयोग करते हैं. हम बात कर रहे हैं तागा गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चों की, जिन्होंने स्कूल में ही छुट्टा बैंक की शुरुआत की है.

स्कूली बच्चों की एक अनोखी पहल
अकलतरा के तागा गांव में बच्चों का अपना बैंक चलता है. इस बैंक में चौथी कक्षा के 23 छात्र-छात्राएं रकम जमा करते हैं, जिसे क्लास टीचर मधु कारकेल अपने पास रखती हैं और जरूरत पड़ने पर ये बच्चे छुट्टा बैंक में जमा रुपए निकालते हैं, इसके लिए उन्हें शिक्षिका को वजह बतानी होती है. जिसके बाद अपनी पढ़ाई का सामान खरीदने के लिए बच्चे ये रुपए बैंक से निकालते हैं.
छुट्टा बैंक से लोन भी लेते हैं बच्चे
स्कूल शिक्षिका की इस पहल के बाद से बच्चों ने फिजूल खर्ची बंद कर दी है और सिर्फ पढ़ाई के लिए जरुरी सामाग्री खरीदने के लिए ही बैंक से रुपये निकालते हैं. बैंक की तरह चलने वाली इस प्रक्रिया में बच्चों की जमा की हुई रकम की एंट्री की जाती है. वहीं जरुरत पड़ने पर ये बैंक बच्चों को लोन भी मुहैया कराता है. लोन लेने के लिए बच्चों को शिक्षिका फार्म भी देती है, जिसे भरकर वो लोन अप्लाई करते हैं.

पढ़ें : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे CM भूपेश

इस छुट्टा बैंक का फायदा उठाते हुए बच्चों ने इस वर्ष की अपनी सभी स्कूली सामाग्री इन्हीं रुपयों से ही खरीदते हैं. खास बात तो यह है कि बच्चों को इसके लिए घर से रुपए नहीं लेने पड़ते. प्रधान पाठक की मानें तो अब ये बच्चे घर से मिलने वाले पैसे खर्च करने की बजाए बैंक में जमा करना सही समझने लगे हैं.

अकलतरा/जांजगीर चांपा : स्कूल के बच्चों को बचत का पाठ पढ़ाने के लिए स्कूल प्रशासन ने एक अनोखी पहल की है. खुद के बचत किए गए रुपयों का उपयोग ये बच्चे अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए करते हैं. जहां एक ओर जरूरत से ज्यादा खर्च करना लोगों की आदत बन गई है, वहीं ये बच्चे बचत का रास्ता अपनाकर अपने रुपयों का सही उपयोग करते हैं. हम बात कर रहे हैं तागा गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चों की, जिन्होंने स्कूल में ही छुट्टा बैंक की शुरुआत की है.

स्कूली बच्चों की एक अनोखी पहल
अकलतरा के तागा गांव में बच्चों का अपना बैंक चलता है. इस बैंक में चौथी कक्षा के 23 छात्र-छात्राएं रकम जमा करते हैं, जिसे क्लास टीचर मधु कारकेल अपने पास रखती हैं और जरूरत पड़ने पर ये बच्चे छुट्टा बैंक में जमा रुपए निकालते हैं, इसके लिए उन्हें शिक्षिका को वजह बतानी होती है. जिसके बाद अपनी पढ़ाई का सामान खरीदने के लिए बच्चे ये रुपए बैंक से निकालते हैं.
छुट्टा बैंक से लोन भी लेते हैं बच्चे
स्कूल शिक्षिका की इस पहल के बाद से बच्चों ने फिजूल खर्ची बंद कर दी है और सिर्फ पढ़ाई के लिए जरुरी सामाग्री खरीदने के लिए ही बैंक से रुपये निकालते हैं. बैंक की तरह चलने वाली इस प्रक्रिया में बच्चों की जमा की हुई रकम की एंट्री की जाती है. वहीं जरुरत पड़ने पर ये बैंक बच्चों को लोन भी मुहैया कराता है. लोन लेने के लिए बच्चों को शिक्षिका फार्म भी देती है, जिसे भरकर वो लोन अप्लाई करते हैं.

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इस छुट्टा बैंक का फायदा उठाते हुए बच्चों ने इस वर्ष की अपनी सभी स्कूली सामाग्री इन्हीं रुपयों से ही खरीदते हैं. खास बात तो यह है कि बच्चों को इसके लिए घर से रुपए नहीं लेने पड़ते. प्रधान पाठक की मानें तो अब ये बच्चे घर से मिलने वाले पैसे खर्च करने की बजाए बैंक में जमा करना सही समझने लगे हैं.

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लखेश्वर यादव/अकलतरा/28.11.2019
पढ़ाई के साथ बचत का ज्ञान देने स्कूल मे खोला गया छुट्टा बैंक, छात्र-छात्राओं की सहभागिता से की गई है शुरूवात, अब खुद के पैसे से खरीद रहे स्कूली सामाग्री
बच्चे खुद के पैसे जमा करते हैं और जरूरत पड़ने पर बच्चे, पैसे निकाल लेते हैं
अकलतरा ब्लाक के तागा गांव के प्राइमरी स्कूल मे किया जा रहा नवाचार
ऐंकर - आज समाज में क्षमता से अधिक खर्च करना, स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है, वहीं सरकारी स्कूल के बच्चे इस दौर में किताबों के पाठ के साथ, बचत का भी पाठ सीखे तो इसे आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर ही कहा जा सकता है. जिले के सरकारी प्रायमरी स्कूल में शिक्षिका के प्रयास से चौथी की कक्षा में स्कूल बैंक खोला गया है, जिसका नाम दिया गया है छुट्टा बैंक। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के साथ ही बचत का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है, जहां बच्चे भी खूब सहभागिता निभा रहे हैं.
वीओ 1- ये तस्वीर है, जिले के अकलतरा ब्लाक के तागा गांव के प्राइमरी स्कूल की, जहां स्कूल में बच्चों का बैंक चलता है. सरकारी स्कूल में बच्चे, पढ़ाई के साथ ही बचत का ज्ञान भी सीखते हैं. स्कूल की शिक्षिका मधु कारकेल ने कक्षा चौथी के 23 छात्र-छात्राओं की सहभागिता से छुट्टा बैंक बनाया है, जहां बच्चे खुद के पैसे जमा करते हैं और जरूरत पड़ने पर बच्चे, पैसे निकाल लेते हैं. स्कूल में बनाए गए छुट्टा बैंक में जमा किए गए बच्चों के पैसे को शिक्षिका मधु कारकेल रखती है.
खास बात यह है कि जब बच्चे जमा पैसे निकालते हैं तो शिक्षिका को बताना पड़ता है, उस पैसे का क्या करेंगे. वैसे बच्चों को स्कूल की पढ़ाई की सामग्री खरीदने के लिए ही रकम दी जाती है. शिक्षिका के पास पूरा हिसाब रहता है.

इस साल स्कूल खुलने के बाद, पिछले साल के अपने बचत पैसे से ही स्कूल की सामग्री खरीदी, बच्चों को घर से मदद नहीं लेनी पड़ी. बच्चों ने पिछले साल अपनी पॉकेट मनी से पैसे बचाए थे और स्कूल के छुट्टा बैंक में जमा रखे थे. इस साल फिर से स्कूल में बच्चों ने पैसे जमा करना शुरू कर दिया है.
बाईट 1 - निशा, छात्रा
बाईट 2 - मनीष दास, छात्र
बाईट-3 कुसुम यादव छात्रा
वीओ- स्कूल की शिक्षिका मधु कारकेल का कहना है कि बच्चों मे बचत की भावना जागृत करने के लिए उन्होंने यह प्रयाश किया है और अब ये छात्र अपने बचत के पैंसों से ही अपनी पढ़ाई से जुड़ी सामाग्री खरीदते हैं।
बाईट 4 - मधु कारकेल, शिक्षिका
बाईट 5 - रामकुमार कश्यप, प्रधानपाठकBody:...Conclusion:...
Last Updated : Nov 28, 2019, 3:21 PM IST
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